लघु कथा: इंसान की कीमत

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लघु कथा: इंसान की कीमत



स्वामी विवेकानंद जी अमरीका के एक बगीचे में से गुजर रहे थे उनको इस प्रकार सादे कपड़ों में बिना किसी हैट के खुले सिर देखकर वहां के लोगों को  बड़ा आश्चर्य हुआ। और वे उनका माखौल उड़ाने लगे, ‘‘होए...होए...होए...’’ करते हुुए वे सब स्वामी जी के पीछे लग गए। 


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स्वामी विवेकानंद आगे-आगे जा रहे थे और मजाक उड़ाने वाले उनके पीछे-पीछे। थोड़ा आगे चलकर विवेकानंद जी थोड़ा-सा रु के और बोले, ‘‘भाइयो! आपके देश में इंसान की कीमत उसके कपड़ों से होती है।’’


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