Haryana Education शैक्षणिक सत्र 2022-23 के बाद हरियाणा के सरकारी विद्यालयों में विद्यार्थियों की संख्या कम होती जा रही है। इसको लेकर हरियाणा सरकार के शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव ने चिंता जताई है। अतिरिक्त मुख्य सचिव से बैठक के बाद हरियाणा स्कूल शिक्षा परियोजना परिषद ने एक सर्कुलर जारी कर 16 जिलों को सरकारी स्कूलों में बच्चों की दाखिला बढ़ाने के लिए विशेष लक्ष्य दिया गया है।
इस पत्र के अनुसार प्रदेश के जिन जिलों में स्थित सरकारी स्कूलों में बच्चे बढ़ाने का लक्ष्य दिया गया है, उनमें अंबाला, भिवानी, चरखी-दादरी, फतेहाबाद,फरीदाबाद, गुरुग्राम, हिसार, झज्जर, जींद, कैथल,करनाल,कुरुक्षेत्र मेवात, पलवल व पंचकूला शामिल है। यदि प्रतिशत की बात करें तो सबसे ज्यादा टारगेट इस बार हरियाणा के चरखी दादरी जिले को मिला है। उसके बाद दूसरे नंबर पर भिवानी व तीसरे नंबर पर संयुक्त रूप से हिसार व महेंद्रगढ़ शामिल है।
प्रदेश के सरकारी स्कूलों में बच्चों की संख्या कम होना वास्तव में चिंताजनक है। लेकिन शिक्षा विभाग को इसके वास्तविक कारणों पर गौर करना होगा। पहली बात तो हरियाणा सरकार ने गरीब बच्चों को निजी स्कूलों में पढ़ने की बात को लेकर चिराग योजना लागू की है, जब से चिराग योजना लागू की है, तब से सरकारी स्कूलों से हर बार 10 फीसदी बच्चे प्रदेश के निजी स्कूलों में दाखिला ले लेते हैं। यह निजी स्कूलों की नहीं बल्कि सरकार के शिक्षा विभाग की ही योजना है। इस योजना के तहत निजी स्कूलों में दाखिला लेने वाले बच्चों की सभी प्रकार की फीस खुद सरकार वहां करती है।
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