अंधा कानून फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर दस्तक दी थी और आंधी ला दी थी।

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अंधा कानून फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर दस्तक दी थी और आंधी ला दी थी।

 


मनोरंजन "हम दो एक हमारी प्यारी-प्यारी मुनिया है। बस यही छोटी सी, अपनी सारी दुनिया है। खुशियों से आबाद है। अपने घर का कोना कोना। रोते रोते, हंसना सीखो। हंसते हंसते रोना। जितनी चाबी भरी राम ने। उतना चले खिलौना।" मेरी बात आपको अजीब लगेगी लेकिन मैं सच कह रहा हूं। मुझे ये फिल्म उतनी ज़्यादा पसंद नहीं आई जितना इसका ये गीत पसंद आता है। और किसने लिखा था ये गीत? अरे अपने आनंद बक्षी जी। जिनका ज़िक्र मैंने इससे पहले वाली पोस्ट में, यानि संजीव कुमार की खिलौना फिल्म वाली पोस्ट में किया है। जी हां, किशोर कुमार की गायकी, आनंद बक्षी के शब्द। और लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल की धुनें। कॉम्बिनेशन ही टॉप क्लास है भाई जी। ऐसा नहीं है कि फिल्म बुरी है। बस मुझे उतनी पसंद नहीं आई जितनी की इन सितारों की कई दूसरी फिल्में आती हैं। खैर, मेरे पसंद या नापसंद करने से कुछ नहीं होता। सच ये है कि अंधा कानून ज़बरदस्त हिट रही थी। और उस साल की पांचवी सबसे ज़्यादा कमाई करने वाली फिल्म थी। और आज इस फिल्म को रिलीज़ हुए 41 साल पूरे हो गए हैं। जी हां, 08 अप्रैल 1983 के दिन अंधा कानून ने बॉक्स ऑफिस पर दस्तक दी थी और आंधी ला दी थी।


अंधा कानून को टी.रामा राव ने डायरेक्ट किया था। ये साल 1981 में आई तमिल फिल्म सत्तम ओरू इरुत्तराई का हिंदी रीमेक थी। फिल्म में मुख्य भूमिकाओं में थे हेमा मालिनी, रजनीकांत और रीना रॉय। जबकी अमिताभ बच्चन एक सपोर्टिंग कैरेक्टर में दिखे थे। लेकिन उनका कैरेक्टर इतना मजबूत था कि फिल्म की जान वही बन गए। कहा जाता है कि जब अमिताभ बच्चन को ऑरिजिनल फिल्म यानि तमिल फिल्म सत्तम ओरू इरुत्तराई दिखाई गई तो उन्हें वो बड़ी पसंद आई। अमिताभ से कहा गया कि उन्हें जो रोल पसंद आए वो उसे अपने लिए चुन सकते हैं। अमिताभ ने अपने लिए फोरेस्ट ऑफिसर का रोल चुना। वैसे तो ऑरिजिनल फिल्म में वो रोल काफी छोटा था। लेकिन अंधा कानून में अमिताभ के लिए उस रोल को थोड़ा और बड़ा किया गया। अमिताभ जी के कैरेक्टर का नाम इस फिल्म में जान निसार अख्तर है। नामी गीतकार और लेखक जावेद अख्तर के पिता का नाम भी जान निसार अख्तर ही था। और वो भी एक नामी लेखक व शायर थे।


अंधा कानून में विलेन्स के नाम हैं अमर अकबर एंथोनी। जिन्हें निभाया है क्रमश: प्रेम चोपड़ा, डैनी और प्राण ने। अब ये कौन नहीं जानता कि अमर अकबर एंथोनी बच्चन साहब की ही एक सुपरहिट फिल्म थी जिसमें उन्होंने एंथोनी गोंजालवेस का कैरेक्टर प्ले किया था। फिल्म के अन्य कलाकारों की बात करें तो मदन पुरी, माधवी, अमरीश पुरी, ओम शिवपुरी, सुलोचना लाटकर, उर्मिला भट्ट, असरानी और आग़ा ने भी अहम किरदार निभाए थे। जबकी धर्मेंद्र भी एक गेस्ट रोल में इस फिल्म में दिखे थे। एक्टर हरीश कुमार ने छोटे विजय यानि रजनीकांत के बचपन का कैरेक्टर प्ले किया था।


आपको जानकर हैरानी होगी कि अंधा कानून फिल्म कानूनी विवादों में भी फंस गई थी दरअसल फिल्म के रिलीज़ होने के बाद इलाहबाद हाईकोर्ट में इसके खिलाफ एक पैटिशन डाली गई और कहा गया कि इस फिल्म को बैन कर देना चाहिए और इसके मेकर्स को सज़ा दी जानी चाहिए। क्योंकि मेकर्स ने इस फिल्म के ज़रिए भारत के ज्यूडिशरी सिस्टम का मज़ाक बनाया है। उस केस का क्या हुआ ये जानकारी नहीं मिल सकी। एक और घटना है जो अंधा कानून फिल्म के टाइटल सॉन्ग ये अंधा कानून से जुड़ी है वो ये कि कुछ साल पहले मुंबई के बांद्रा कोर्ट में भरी अदालत में जब एक लावारिस बैग में एक स्पीकर पर ये गीत ज़ोर-ज़ोर से बजने लगा। जबकी उस वक्त मजिस्ट्रेट कुछ आरोपियों कि ज़मानत अर्ज़ी पर सुनावाई कर रहे थे। अचानक ये गाना चलने से कोर्टरूम में हंगामा सा मच गया। तब एक पुलिसकर्मी ने बैग को खोला और गाना बंद किया। लेकिन उसे बैग में एक चिट भी मिल जिस पर बॉम्ब लिखा था। तब बॉम्ब डिटेक्शन एंड डिस्पोज़ल स्क्वैड को बुलाया गया। हालांकि कोई बॉम्ब वहां नहीं मिल सका।


अंधा कानून सुपरस्टार रजनीकांत की पहली हिंदी फिल्म थी। और ये हेमा मालिनी की पहली फिल्म थी जिसमें उनके अपोज़िट कोई हीरो नहीं था। जबकी उस दौर में हेमा जी फिल्म इंडस्ट्री की टॉप एक्ट्रेसेज़ में से एक हुआ करती थी। रजनीकांत की हीरोइन के तौर पर पहले परवीन बाबी को कास्ट किया गया था। लेकिन उन दिनों अचानक परवीन बाबी की तबियत खराब हो गई और वो अपने इलाज के लिए विदेश चली गई। तब ये रोल रीना रॉय को मिला। वैसे, कहा ये भी जाता है कि परवीन बॉबी ने ये फिल्म तब साइन की थी जब इसमें रजनीकांत नहीं, जितेंद्र मुख्य हीरो का रोल निभाने वाले थे। मगर जितेंद्र ने जब प्रोड्यूसर से बहुत ज़्यादा फीस इस फिल्म में काम करने के एवज में मांगी तो प्रोड्यूसर ने हाथ खड़े कर दिए। तब जितेंद्र ने ये फिल्म छोड़ दी। और उनकी जगह रजनीकांत को लिया गया। और परवीन बाबी ने ये कहकर इस फिल्म में काम नहीं किया क्योंकि वो जितेंद्र की हीरोइन बनना चाहती थी। रजनीकांत की नहीं।


एक्ट्रसे माधवी ने अंधा कानून में अमिताभ बच्चन यानि जान निसार अख्तर की पत्नी ज़किया खान का कैरेक्टर प्ले किया था। ये पहली फिल्म थी जब माधवी अमिताभ बच्चन के अपोज़िट नज़र आई थी। इसके बाद माधवी और अमिताभ बच्चन की जोड़ी गिरफ्तार व अग्निपथ में भी दिखी। इसी तरह डैनी की भी ये पहली ऐसी फिल्म थी जिसमें अमिताभ बच्चन भी थे। लेकिन अमिताभ बच्चन के साथ उनका कोई सीन इस फिल्म में नहीं है। जबकी इस फिल्म में कई साल बाद प्राण साहब ने विलेन का कैरेक्टर प्ले किया। और ये ऐसी इकलौती फिल्म थी जिसमें अमिताभ बच्चन भी रहे हों और प्राण साहब ने विलेन का रोल निभाया हो। वैसे, प्राण साहब का भी कोई सीन इस फिल्म में अमिताभ बच्चन के साथ नहीं है। #AndhaKanoon #AmitabhBachan #Rajnikanth #HemaMalini

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