मनोरंजन, कहानी उस वक्त की है जब सनी देओल की पहली फिल्म बेताब रिलीज़ होने वाली थी। जिस दिन सनी देओल ने अपनी डबिंग कंप्लीट की उसी दिन धर्मेंद्र के पास फिल्म का प्रोमो भी आ गया। और उन्होंने जब वो प्रोमो देखा तो उन्हें बड़ा गुस्सा आया। जहां सनी देओल खुश थे कि अब जल्दी ही उनकी फिल्म रिलीज़ होगी। तो वहीं सनी की डबिंग सुनकर धर्मेंद्र का पारा हाई था। होता भी क्यों नहीं। सनी को लॉन्च करने के लिए वो कड़ी मेहनत कर रहे थे। फिल्म से जुड़ी एक-एक चीज़ पर बारीकी से नज़रें बनाए हुए थे। इसलिए जब उन्होंने सनी की वो डबिंग सुनी तो रात में ही उन्होंने सनी को अपने पास बुलाया। उन्होंने सनी को डांटते हुए कहा कि तुमने ज़रा भी मेहनत डबिंग पर नहीं की है। बहुत खराब डबिंग की है।
फिर रात को ही धर्मेंद्र ने सनी को अपने साथ डबिंग स्टूडियो लेकर गए। फिर पूरी रात धर्मेंद्र सनी के साथ बैठकर उनकी डबिंग कराते रहे। लेकिन एक वक्त ऐसा आया जब धर्मेंद्र सनी से बोले,"ऐसे ही पूरी डबिंग करना। मैं घर जा रहा हूं।" सनी को लगा कि उनके पापा सच में चले गए हैं। चूंकि वो काफी थक चुके थे तो उन्होंने डबिंग करा रहे टैक्निशियन से कहा कि अब काफी टाइम हो गया। अब कर रिकॉर्ड करेंगे। सनी ने जैसे ही ये कहा कि पीछे से धर्मेंद्र आ गए और बोले,"बेटा, फिल्मों में काम करना इतना आसान नहीं है। यहां हर चीज़ वक्त पर की जाती है।" दरअसल, सनी से घर जाने की बात कहकर धर्मेंद्र चुपके से प्रोजेक्शन रूम में जाकर बैठ गए और वहां से सनी की डबिंग सुनने लगे। जबकी सनी को लगा था कि वाकई में धर्मेंद्र घर चले गए हैं।
उस दिन धर्मेंद्र ने सनी को पूरी रात बैठाया और डबिंग कंप्लीट कराई। धर्मेंद्र ने सनी के लिए जो मेहनत की थी उसका फल भी उन्हें मिला। पहली ही फिल्म से सनी देओल स्टार बन गए। बेताब ने बॉक्स ऑफिस पर ज़बरदस्त कामयाबी हासिल की थी। यानि ये कहने में कोई गुरेज़ नहीं होना चाहिए कि सनी आज सनी देओल ना होते अगर उनके पिता धर्मेंद्र ने उन पर इतनी मेहनत ना की होती। इसलिए धर्मेंद्र जी को बिग सैल्यूट जिन्होंने पंजाब के एक छोटे से गांव से निकलकर पहले खुद का इतना बड़ा नाम फिल्म इंडस्ट्री में बनाया। और फिर अपने पूरे खानदान की किस्मत पलट दी।
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