हरियाणा के हिसार लोकसभा क्षेत्र से 1971 के चुनाव का एक रोचक किस्सा है। पांचवीं लोकसभा के इस चुनाव में हिसार सीट पर मुकाबले में मनीराम नाम के दो धुरंधर आमने-सामने थे। कांग्रेस के मनीराम गोदारा तथा सोशलिस्ट पार्टी के मनीराम बागड़ी चुनाव लड़ रहे थे। मनीराम गोदारा ने तब मनीराम बागड़ी को हराया था।
इस सीट से मनीराम नाम के व्यक्ति को तीन बार जीत मिली थी। जिनमें दो बार मनीराम बागड़ी, एक बार मनीराम गोदारा जीते थे। कांग्रेस पार्टी की लहर के चलते मनीराम गोदारा ने मनीराम बागड़ी को 83,694 चोटों के भारी अंतर से हरा दिया। मनीराम गोदारा को कुल 1 लाख 70 हजार 204 वोट मिले थे। मनीराम बागड़ी को 86 हजार 510 वोटों से संतोष करना पड़ा था। मनीराम गोदारा प्रदेश के सिंचाई एवं ऊर्जा मंत्री भी रहे थे।
वर्ष 1980 के लोकसभा चुनाव में मनीराम गोदारा तथा मनीराम बागड़ी फिर आमने- सामने चुनावी जंग में उतरे। इस बार मनीराम बागड़ी जनता दल (एस) से तथा मनीराम गोदारा कांग्रेस पार्टी (आई) से मैदान में थे। इस चुनाव में मनीराम बागड़ी ने मनीराम गोदारा को 92,711 वोटों से शिकस्त दी। करीब 9 साल बाद उन्होंने अपना हिसाब बराबर कर दिया। •
वर्ष 1962 में हुए तीसरे लोकसभा चुनाव में मनीराम बागड़ी ने लगभग 27,000 से अधिक मतों से जीत हासिल की थी। मनीराम बागड़ी ने इंडियन नेशनल कांग्रेस के प्रत्याशी घमंडी लाल को हराया था। इस चुनाव में कुल छह उम्मीदवार मैदान में खड़े थे। वर्ष 1977 में मनीराम बागड़ी मथुरा सीट से भी निर्वाचित हुए थे।
सात कुलदीप उतरे, सभी हारे
वर्ष 2014 के चुनाव में हिसार लोकसभा सीट से तात्कालिक सांसद कुलदीप बिश्नोई दोबारा चुनाव मैदान में उतरे थे। हजकां प्रत्याशी के तौर पर चुनावी रण में आए कुलदीप बिश्नोई की टक्कर दुष्यंत चौटाला से थी। इस चुनाव में कुलदीप नाम से सात प्रत्याशी मैदान में थे और सभी कुलदीप हार गए थे। नाम में गफलत कर वोट खराब करने की रणनीति के तहत एक नाम के प्रत्याशी उतारे गए थे।
हिसार लोकसभा क्षेत्र के 9 विधानसभा क्षेत्रों में से छह में कुलदीप बिश्नोई की जीत के बाद भी दुष्यंत चौटाला जीत गए थे। कुलदीप के छह हलकों की जीत पर दुष्यंत चौटाला की तीन हलकों की जीत भारी पड़ी थी।
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