कहानी है साल 1991 में आई फिल्म सौदागर के मशहूर गीत 'इमली का बूटा' की शूटिंग के दौरान की। इस गाने की शूटिंग जब हो रही थी तब राजकुमार एक बात से ऐसा चिढ़े की उन्होंने दिलीप कुमार संग एक हरकत कर डाली। दिलीप कुमार को राजकुमार की वो हरकत बहुत बुरी लगी। और वो तिलमिलाते हुए अपने घर चले गए। मामला कुछ यूं था कि जब इस गाने की शूटिंग चल रही थी तब दिलीप कुमार ने अपनी आंखों में लेंस लगाए हुए थे। उन्होंने सुभाष घई से कहा था कि उनके चेहरे पर रंग ना लगाया जाए। सुभाष घई ने अपने असिस्टेंट्स से इस बात की जानकारी राजकुमार को देने को कही। और इत्तेफाक से सुभाष घई के तीन असिस्टेंट बारी-बारी से जाकर राजकुमार को ये बात बता आए। फिर जब राजकुमार सेट पर आए तो सुभाष घई ने भी यही बात उनसे कही। बार-बार एक ही बात को सुनकर राजकुमार चिढ़ गए। उन्हें गुस्सा आ गया। वो एक तरफ जाकर सिगरेट पीने लगे। फिर उन्होंने एक बीड़ी भी सुलगाई।
फिर जैसे ही वो शूटिंग के लिए कैमरा के सामने आए तो सुभाष घई ने एक दफा फिर से उनसे कहा कि दिलीप कुमार के चेहरे पर सामने की तरफ रंग मत डालिएगा। साइड में लगाइएगा। कैमरा भी ऐसे ही सेट किया गया है। राजकुमार का गुस्सा अब सातवें आसमान पर चढ़ गया। जैसे ही सुभाष घई ने एक्शन बोला, राजकुमार ने रंग की थाली उठाई और दिलीप कुमार के चेहरे पर सारा रंग डाल दिया। दिलीप कुमार की आंखों में भी रंग चला गया। और चूंकि उन्होंने लैंस पहने हुए थे तो उनकी आंखों में जलन होने लगी। दिलीप कुमार को राजकुमार की ये हरकत बहुत बुरी लगी। और उस दिन शूटिंग किए बिना ही वो अपने घर चले गए। राजकुमार तो पहले ही गुस्से में थे। वो भी अपने घर की तरफ निकल पड़े। ऐसे में सुभाष घई के लिए बड़ी मुश्किल पैदा हो गई। गाना तो उन्हें हर हाल में शूट करना ही था। सो किसी तरह उन्होंने दोबारा इन दोनों स्टार्स को मनाया और वो गाना कंप्लीट किया।
दिलीप कुमार और राजकुमार से जुड़ी एक कहानी कुछ इस प्रकार है कि जब राजकुमार को कैंसर हुआ तो दिलीप कुमार उनसे मिलने उनके घर पहुंचे। दिलीप कुमार को देखकर राजकुमार बहुत खुश हुए। राजकुमार दिलीप कुमार को लाले कहकर पुकारा करते थे। उस दिन वो दिलीप कुमार से बोले,"लाले, हमारे घर में स्वागत है तुम्हारा।" दिलीप कुमार ने राजकुमार से उनकी तबियत के बारे में पूछा तो राजकुमार ने जवाब दिया,"सर्दी ज़ुकाम जैसी छोटी-मोटी बीमारियां राजकुमार को नहीं होती लाले। राजकुमार को कैंसर हुआ है कैंसर।" ये बात सुनकर दिलीप कुमार की आंखों से आंसू छलक पड़े थे।
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