अगर आप खुशहाल जीवन चाहते हैं, इसे एक लक्ष्य से बाँधें, लोगों या वस्तुओं से नहीं- एल्बर्ट आइन्स्टाइन। 20 मार्च को दुनियाभर में इंटरनोशनल डे आफ हैप्पीनेस मनाया जाता रहा हैै। खुश होना और खुशी ढूंढना इन दिनों काफी महत्वपूर्ण हो गया है। करियर में चैलेंज, गलाकाट प्रतियोगिता, परिवार की कलह, सेहत से जुड़ी परेशानियां, महंगाई और तमाम दूसरी वजहें एक इंसान की खुशी में बाधा बनती जा रही है। ऐसे में लगभग हर दूसरा इंसान टेन्शन से गुजर रहा है। ऐसे में इस दिन का खास महत्व है। जो लोगों को खुश रहने के लिए प्रेरित करता है।
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हैप्पीनेस दिवस की शुरुआत
दुनिया भर में जीवन में खुशी के महत्व को अहमियत देने और खुशियां बनाए रखने के लिए मनाया जाता है। इसे 2013 में यूनाइटेड नेशन्स द्वारा शुरू किया गया था, तब से यह हर साल 20 मार्च को मनाया जाता है। इसके पीछे संयुक्त राष्ट्र अंतर्राष्ट्रीय प्रसन्नता दिवस ह्यहैप्पीटलिज्मह्ण के संस्थापक ह्यजेमे इलियनह्ण का प्रभाव था। यूएन सलाहकार ने हैप्पीनेस, सेहत और आजादी को प्रत्येक व्यक्ति के लिए जरूरी माना और इसे अधिकार के रूप में मान्यता देने के लिए अभियान चलाया। सबसे पहले भूटान देश ने 2012 में खुशियाँ मनाने के लिए एक दिन निर्धारित करने की पहल की।
अंतर्राष्ट्रीय प्रसन्नता दिवस थीम 2024
अंतर्राष्ट्रीय खुशी दिवस का मूल संदेश एक ही है और वह है वैश्विक कल्याण को बढ़ावा देना, दया और करुणा के कामों को प्रेरित करना हैं। अंतर्राष्ट्रीय खुशी दिवस मानव विकास के जरूरी चीजों के रूप में खुशी और कल्याण की वकालत करने के लिए एक मंच के रूप में काम करता है।थीम ह्यरीक्नेक्टिंग फॉर हैप्पीनेस बिल्डिंग रेसिलिएन्ट कम्यूनिटीजह्ण है।
भारत और हैप्पीनैस दिवस
प्रतिवर्ष, संयुक्त राष्ट्र विश्व हैप्पीनेस दिवस पर एक रिपोर्ट जारी करता है और नागरिकों से पूछ कर कि वो कितने खुश हैं, देशों को रैंक देता है। वर्ष 2023 की रिपोर्ट में भारत को 137 देशों में 126वें स्थान पर रहा जबकि फिनलैंड दुनिया के खुशहाल देशों में पहले स्थान पर रहा।
इसके मनाने के पीछे का कारण
संयुक्त राष्ट्र 20 मार्च को ये दिन दुनिया भर के लोगों में खुशी के महत्व के प्रति जागरुकता को बढ़ाने के लिए मनाता है। संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 12 जुलाई 2012 को इसे मनाने का संकल्प लिया था। संयुक्त राष्ट्र के लिए इस दिवस को मनाने के पीछ मशहूर समाज सेवी जेमी इलियन के प्रयासों का नतीजा था। उन्हीं के विचारों ने संयुक्त राष्ट्र के महासचिव जनरल बान की मून को प्रेरित किया और अंतत: 20 मार्च 2013 को इंटरनेशल डे आॅफ हैप्पीनेस घोषित किया गया।
खुशी का जीवन में महत्व
संयुक्त राष्ट्र का यह भी मानना है कि दुनिया में संधारणीय विकास, गरीबी उन्मूलन, और खुशी के लिए आर्थिक विकास में समानता, समावेशता और संतुलन का नजरिया शामिल करने की जरूरत है। खुशी को महत्व देने की औपचारिक पहल भूटान जैसे छोटे से देश ने की थी जो 1970 के दशक से अपने राष्ट्रीय आय से ज्यादा राष्ट्रीय खुसी के मूल्य को ज्यादा महत्व देता आ रहा है। यहां तब से ही राष्ट्रीय सकल उत्पाद की जगह राष्ट्रीय सकल आनंद को अधिक महत्व दिया जा रहा है।
खुश रहने से बढ़ती है इम्युनिटी
जानकारों ने माना है कि जो इंसान खुश रहता है वो अपने जीवन में सफल होने के साथ-साथ स्वस्थ भी रहता है। कोरोना महामारी के दौरान पाया गया कि, जो खुशहाल हैं उनकी इम्युनिटी भी मजबूत रहती है।
खुश रहने के टिप्स-
- - जीवन में जो है उसमें अच्छा ढूंढें
- - पॉजिटिव लोगों के बीच रहें
- - दयालु और विनम्र रहें
- - रिश्तेदार, दोस्तों से बातें करें
- - घूमने फिरने, थिएटर, डांस जैसी एक्टिविटी करें
- अपने लिए कुछ समय निकालें और नियमित व्यायाम करें।
- पर्याप्त आराम करें और अच्छी नींद लें।
- अपने तनाव को अंदर दबाकर रखने की बजाय, दूसरों से खूब बातें करें जिससे तनाव दूर करने में मदद मिल सकती है।
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