World Famous Personality विश्व के इतिहास में सिकन्दर महान का चरित्र अद्भुत एवं अतुलनीय है। केवल 10 वर्ष की अवधि में इस अपूर्व योद्धा ने अपने छोटे से राज्य का विस्तार कर एक विशाल साम्राज्य स्थापित कर लिया था, जिसमें यूनान और भारत के मध्य का सारा भूभाग सम्मिलित था। सिकन्दर उत्तरी यूनान के एक छोटे से राज्य मेसिडोनिया के शासक फिलिप द्वितीय का पुत्र था। सिकन्दर ने अरस्तु से शिक्षा प्राप्त की थी। बीस वर्ष की आयु में (336 ई.पू.) सिकन्दर मेसिडोनिया का राजा बना और अपने पिता की एशिया माइनर का जीतने की इच्छा पूर्ण करने के लिए विशाल सेना और सर्वोत्कृष्ट सैन्य-उपकरण लेकर निकल पड़ा। बचपन से ही उसने ‘विश्व-विजय’ का स्वप्न देखा था।
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अनेक शानदार युद्ध अभियानों के बीच उसने एशिया माइनर को जीतकर सीरिया को पराजित किया और मिस्र तक जा पहुंचा, जहां 332 ई.पू. में उसने अलेक्जांड्रिया नाम का एक नया नगर बसाया। वहां उसने एक विश्वविद्यालय की भी स्थापना की। अगले वर्ष सिकन्दर मेसोपोटामिया होता हुआ फारस (ईरान) पहुंचा और वहां के राजा डेरियस तृतीय को अरबेला के युद्ध में हरा कर वह स्वयं वहां का राजा बन गया। जनता का ह्रदय जीतने के लिए उसने फारसी राजकुमारी रुखसाना से विवाह भी कर लिया। कुछ समय बाद (326ई.पू.) सिकन्दर ने भारत पर आक्रमण किया और पंजाब में सिन्धु नदी के तट तक जा पहुंचा।
उसने भारत का सीमांत प्रदेश जीत लिया था, परन्तु भारतीय राजा पुरु (पोरस) ने उसका बड़े साहस और शौर्य से सामना किया तथा आगे नहीं बढ़ने दिया। तभी सिकन्दर को फारस के विद्रोह का समाचार मिला और वह उसे दबाने के लिए वापस चल दिया। वह 323 ई.पू. में बेबिलोन पहुंचा और वहां पर उसे भीषण ज्वर ने जकड़ लिया। उस रोग का कोई इलाज नहीं था, अत: 33 वर्ष की आयु में वहीं सिकन्दर की मृत्यु हो गई।
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