women awakening camp महिला जागृत तो देश जागृत: डॉ. बंसल

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women awakening camp महिला जागृत तो देश जागृत: डॉ. बंसल



 गांव सुखचैन में महिला जागृति शिविर का आयोजन 

women awakening camp डाॅ. विद्यासागर बाँसल उपनिदेशक सघन पशुधन विकास परियोजना सिरसा एवं डाॅ. राकेश निम्बरियाए उपमंडल अधिकारी पशुपालन एवं डेयरी विभाग कालांवाली के निर्देशन में गांव सुखचैन में महिला जागृति शिविर का आयोजन किया गया। वर्तमान की सामाजिक परिस्थितियों और महंगाई को देखते हुए महिला को जागृत होना बहुत जरूरी है जिस से की सरकार द्वारा चल रही विभिन्न परियोजनाओं के बारे में जान सके तथा उनसे रोजगार पैदा कर खुद स्वावलंबित और आत्मनिर्भर बन सके। यह मूलमंत्र पशुपालन विभाग सिरसा के उपनिदेशक डाॅ. विद्यासागर बाँसल ने गांव सुखचैन में आयोजित महिला जागृति शिविर में अपने संदेश में दिया। ग्रामीण परिवेश में महिलाएं पशुपालन एवं इससे संबंधित चल रही परियोजनाओं का लाभ लेकर अपने आप को आत्मनिर्भर बना सकती है। 


ग्रामीण क्षेत्र में पशुपालनए खेती के साथ.साथ एक मुख्य व्यवसाय है। चूँकि खेती में फसल पकने में लगभग 4 से 5 महीने लग जाते हैं उसके बाद ही किसान को आमदनी मिलती है जबकि पशुपालन या डेरी उद्योग स्थापित करके एक महिला रोजमर्रा के खर्चे के लिए पैसे कमा सकती हैए जिससे कि उसके घर पर किसी तरह का आर्थिक बोझ नहीं पड़ता है तथा ना ही उसे कहीं से किसी तरह का ऋण या पैसे उधार लेने पड़ते हैं।

 

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डेरी स्थापित करने के लिए डेयरी लोन का प्रावधान 

डाॅ. विक्रम जोशी ने अपने सम्बोधन में कहा कि पशुपालन विभाग द्वारा डेरी उद्योग स्थापित करने के लिए हरियाणा सरकार द्वारा डेयरी लोन का प्रावधान है जिसे अपनाकर एक महिला डेरी का व्यवसाय शुरू कर सकती हैंए जिसके लिये बैंक द्वारा ऋण उपलब्ध कराया जाता है और पशुपालन विभाग द्वारा सब्सिडी दी जाती है। डा. जोशी  ने वैक्सीनेशन  क्यों जरूरी है और इसका क्या महत्व हैघ् इसके बारे में विस्तार से बताया तथा विभाग की तरफ से जारी विभिन्न विडियो क्लिप्स चलाकर महिलाओं को जागृत किया।


 इस अवसर पर उन्होंने बताया कि अगर किसी परिवार को एक लाख से डेढ़ लाख रुपए तक की पशुपालन के लिए जरूरत है तो वह जैसे जमीन पर केसीसी बनाई जाती है वही स्कीम पशुपालन एवं डेयरी विभाग हरियाणा द्वारा बैंकों के माध्यम से पशुओं पर भी एक  महिला बनवा सकती है इसे पशु किसान क्रेडिट कार्ड योजना कहा जाता है इस के माध्यम से वह बैंक से ऋण प्राप्त करके अपने पशु के हरे चारे उसकी देखभाल और इलाज में उपयोग कर सकती है तथा अगर महिला इस राशि को एक साल पूरा होने से पहले बैंक को वापस करती है तो उसे मात्र 4 प्रतिशत ब्याज देना पड़ता है जो कि लगभग ना के बराबर है तथा अगले साल इसे फिर से वापिस भी बनवाया जा सकता है। तथा महिला या किसान जब तक इन पशुओं को अपने घर पर रखता है हर साल इस स्कीम का फायदा उठा सकता है। इसके अतिरिक्त उन्होंने बढ़ते परिवारए घटती जमीन और बढ़ते खर्चे को मध्यनजर रखते हुए डेयरी व्यवसाय की उपयोगिता एवं महत्व को विडियो क्लीप चलाकर समझाया।



डा. बाँसल ने थनैला रोग के कारणए निवारण एवं बचाव के बारे में दी जानकारी 

डा.  मनीष बाँसल ने थनैला रोग के कारण निवारण एवं बचाव के बारे में विस्तारपूर्वक बताया। एक महिला अपने पशु को कैसे थनैला रोग होने से बचा सकती है तथा जिन पशुओं में बार.बार थनैला रोग होता है उसका कैसे बचाव किया जा सकता है। फिर भी अगर थनैला रोग बार.बार आता है तो अपने नजदीकी पशु चिकित्सालय से सलाह लें। उन्होंने बताया की थनेला ग्रस्त कच्चा दूध पीने से इंसान खुद भी बीमार हो सकता है। इसलिए जब भी किसी पशु को थनैला रोग हो तो अपने घर के सभी स्वस्थ पशुओं का दूध पहले निकाले तथा अंत में बीमार पशु का दूध निकाले और अगर किसी पशु में सिर्फ एक थन में थनैला रोग हैं तो पहले तीनों स्वस्थ थनों का दूध निकाले तथा अंत में रोग ग्रस्त थन का दूध निकाले । तथा अंत में पूरे लेवे को साफ एवं स्वच्छ पानी से धोकर छोडे़ तथा पशु को कम से कम आधा घंटा ना बैठने दें।  


कम पैसों करवाएं एक साल का पशु बीमा 

पशुपालन विभाग द्वारा चलाई जा रही दीनदयाल उपाध्याय सामूहिक पशु बीमा योजना के बारे में भी महिलाओं को जागृत किया। एक महिला अपने पशु का इस योजना के तहत पशु की दूध क्षमता और पशु की नस्ल के आधार पर 100 से 300 रुपए दे कर एक साल का बीमा करवा सकती हैए अगर किसी कारणवश पशु की मौत हो जाती है तो बीमा कंपनी में आवश्यक दस्तावेज जमा करवाने पर ए बीमा कंपनी द्वारा पशु की बिमित राशि का भुगतान कर दिया जाता है जिससे कि वह नया पशु खरीद कर अपने पशुपालन व्यवसाय को आगे भी जारी रख सकती है। अगर वह ऐसा नहीं करती है तो उसे एक पशु के मौत का तो नुकसान होता ही  है तथा नया पशु खरीदने के लिए भी उसे हजारों रुपए की जरूरत पड़ती है जिससे कि उसे दोहरा  आर्थिक नुकसान होता है। इसलिए हर पशुपालक को अपने स्वस्थ पशुओं का बीमा अवश्य करवाना चाहिए।  इस कैंप के आयोजन को सफल बनाने में सुंदर पाल वीएलडीएए गुरवीर सिंह आदि ने सहयोग दिया।

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