पत्नी के चरित्र पर शक के चलते दादी और दो बच्चों को जहरीला पदार्थ खिलाकर मौत की नींद सुला दिया। मामले का खुलासा नहीं हो इसके लिए घर में रखे सामान और कपड़ों में सोडियम कम्पाउंड का छिड़काव कर दिया। कुछ समय बाद लगने वाली आग को उसने रहस्यमयी आग बताकर लोगों को आश्चर्य में डाल दिया। मामला चूरू जिले के हमीरवास थाना के गांव भैंसली का है।
पुलिस ने मंगलवार को मामले का खुलासा करते हुए आरोपी फार्मासिस्ट को गिरफ्तार कर लिया।
एसपी जय यादव ने ट्रिपल मर्डर का खुलासा करते हुए बताया कि आरोपी फार्मासिस्ट भूप सिंह (32) पत्नी के चरित्र पर शक होने और दोनों बच्चे खुद के नहीं होने की बात कहकर दोनों बच्चों सहित दादी की जहरीला पदार्थ खिलाकर मर्डर कर दिया। वहीं, मामले का खुलासा नहीं हो इसके लिए उसने सोडियम कम्पाउंड का खुद के घर में रखे सामान और कपड़ों में छिड़काव कर दिया। कुछ समय बाद लगने वाली आग को उसने रहस्यमयी आग बताकर लोगों को आश्चर्य में डाल दिया।
जिला पुलिस अधीक्षक चूरू श्री जय यादव आईपीएस ने बताया कि श्री मदनलाल विश्नोई पुलिस निरीक्षक थानाधिकारी हमीरवास को दिनांक 10.02.2024 को भूपसिंह पुत्र स्वं० सुमेरसिंह जाति जाट निवासी भैंसली तहसील राजगढ जिला चूरू के मकान में करीब 05-06 दिनो से अज्ञात कारणो से आग लगने की सुचना प्राप्त हुई जिस पर थानाधिकारी मय जाप्ता के गांव भैंसली में खेत में मकान बनाकर रह रहे हे भूपसिंह के आवास पर पहुंचे एवं जिला एफएसएल युनिट प्रभारी के साथ भूपसिंह के मकान में जली हुई चीजो का निरीक्षण कर जली हुई चीजों को धारा 102 सीआरपीसी में थानाधिकारी द्वारा पूछताछ करने पर ज्ञात हुआ कि भूपसिंह की दादी श्रीमती किस्तुरी देवी की (दिनांक 31.01.2024) एंव लडकों गर्वित उम्र 04 साल (दिनांक 13.02.2024) व अनुराग उम्र 08 साल (दिनांक 28.02.2024) कि संदिग्ध परिस्थतियो में करीब 01 माह के दौरान ही तीनों की मौत हुई है। तीन जनों की संदिग्ध मौत एवं लगातार अज्ञात कारणो से आग लगने की घटनाओ की गंभीरता को देखते हुऐ मौका पर पुलिस जाप्ता तैनात किया गया। तत्पश्चात दिनांक 13.03.2024 को सुबह एक बार फिर भूपसिंह के मकान के पास रखे पशु चारा में आग लग गई जिस पर पुलिस टीम मौका पर पहुंची तो भूपसिंह व उसके परिजनों द्वारा पुलिस टीम पर हमला एवं सरकारी गाडी में तोड फोड कर दी गई पुलिस अधिकारियों एंव गांव के मौजिज व्यक्तियो द्वारा समझाईस की जाने पर तीन संदिग्ध मौतो के सम्बंध में दिनांक 13.03.2024 को मर्ग नम्बर 07/2024 धारा 174 सीआरपीसी थाना हमीरवास पर दर्ज कर जांच श्री मदनलाल विश्नोई पुनि. थानाधिकारी पुलिस थाना हमीरवास द्वारा शुरू की गई।
तीन जनो (एक महिला एंव 02 मासुम बच्चों की) संदिग्ध तरीके से मौतें हो चुकी थी एंव भूपसिंह के मकान में अज्ञात कारणों से लगातार आग लग रही थी जिस कारण बिगडती कानुन व्यवस्था एवं लोगों में तांत्रिक शक्तियो में विश्वास करने से भय का माहौल पैदा हो गया था जिस पर श्री किशोरीलाल अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राजगढ जिला चूरु के निर्देशन एंव श्री प्रशांत किरण आईपीएस सहायक पुलिस अधीक्षक राजगढ, जिला चूरु के सुपरविजन में श्री मदनलाल विश्नोई पुलिस निरीक्षक थानाधिकारी पुलिस थाना हमीरवास जिला चूरू के ने नेतृत्व में तीन जनों की संदिग्ध मौत व अज्ञात कारणो से लग रही आग की घटना के खुलासे हेतु वैज्ञानिक तरीके से जांच करने हेतु टीम का गठन किया। उक्त संदिग्ध मौतों / हत्याओं की गुत्थी सुलझाना एंव अज्ञात कारणों से लगातार आग लगने के कारणों का
पता लगाना पुलिस के लिऐ बडी चुनौती था एंव ग्रामीणो में फैले अंधविश्वास को भी दुर करना था।
• उक्त घटनाओ के घटित होने की अवधि के दौरान अंधविश्वास एवं तांत्रिक प्रवृतियो को बढावा देने वाले
षडयन्त्रकारी लोगों ने परिवार व गांव के लोगो में मौतों के लिए किसी अदृष्य एंव अज्ञात शक्ति का वास्ता
देकर भय का माहौल पैदा कर दिया जो पुलिस विभाग के लिए एक चुनौती बन गया था। • उक्त चुनौतियों, संदिग्ध मौतों एंव आग लगने के कारणो का पता लगाने के लिऐ मृतक गर्वित के दफनाएं गये शव को जमीन से बाहर निकलवाकर मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम करवाया गया एंव मृतक गर्वित के विसरा जार एफएसएल में परीक्षण हेतु जमा करवाये गये। • संदिग्ध मौतो के सम्बंध में गठित टीम द्वारा गांव भैंसली एंव सम्भावित स्थानों से महत्वपूर्ण आसुचनाए
एकत्रित की गई जिससे ज्ञात हुआ की भूपसिंह की मेडिकल की दुकान है तथा उसने GNM का कोर्स कर
रखा है तथा पूर्व में भगवानी देवी अस्पताल राजगढ में कम्पाउडर का कार्य भी करता था। • भूपसिंह के मकान गांव भैंसली में पुलिस जाप्ता तैनात करने के बाद अज्ञात कारणो से आग लगना भी बंद हो गई।
• गठित पुलिस टीम द्वारा किये गये प्रयासो एवं प्राप्त आसुचनाओं से तीनों मौतों एवं संदिग्ध आगजनी में भूपसिंह की भूमिका का संदिग्ध होना पाया गया।
• गठित पुलिस टीम के निरंतर और अथक प्रयासों से संदिग्ध मौतों एंव आगजनी की गुत्थी सुलझ रही थी इसी बीच मृतक गर्वित के विसरा की परीक्षण रिपोर्ट एफएसएल से प्राप्त हुई जिसके अनुसार विसरा में Barbiturate drug की उपस्थिति होना पाई गई।
संदिग्ध मौतों के सम्बन्ध में पुलिस टीम द्वारा प्राप्त आसुचनाओं एंव एफएसएल परीक्षण रिपोर्ट से मृतको श्रीमती किस्तुरी देवी, गर्वित, अनुराग की षडयंत्रपूर्वक हत्या किया जाना पाये जाने पर प्रकरण संख्या 77/2024 धारा 302 भादस पुलिस थाना हमीरवास पर दर्ज कर अनुसंधान श्री मदनलाल विश्नोई पुलिस निरीक्षक थानाधिकारी हमीरवास द्वारा शुरू किया गया। • मुकदमा के अनुसंधान से एवं पुलिस टीम द्वारा प्राप्त आसुचनाओ के आधार पर भूपसिंह पुत्र सुमेरसिंह जाति
जाट निवासी भैंसली तहसील राजगढ जिला चूरू की श्रीमती किस्तुरी देवी, गर्वित व अनुराग की हत्या में भूपसिंह कि भूमिका संदिग्ध पाये जाने पर पूछताछ हेतु राउण्ड अप किया गया। • अनुसंधान से पाया गया कि भूपसिंह को अपनी पत्नी के चरित्र पर शक था साथ ही उसे यह भी शक था
कि गर्वित व अनुराग उसके स्वयं के बच्चे नही है जिस पर भूपसिंह ने गर्वित व अनुराग की हत्या करने की योजना बनाई जिसके लिए किसी को शक न हो सबसे पहले अपनी दादी किस्तुरी देवी को खांसी की दवाई में जहर मिला कर पिला दिया जिसकी दिनांक 31.01.2024 को मृत्यु हो गई। • दिनांक 13.02.2024 को भूपसिंह ने अपने बेटे गर्वित को जहर दे दिया जिस पर गर्वित
की मौत हो गई।
• इसके बाद भूपसिंह ने अपने दुसरे पुत्र अनुराग को मारने के लिऐ दिनांक 28.02.2024 को जहर दे दिया जिससे अनुराग की मौत हो गई।
• भूपसिंह ने अपनी दादी किस्तुरी देवी, बेटे गर्वित व अनुराग की हत्याओ की घटनाओ को छुपाने के लिऐ एवं
गांव के लोगों से सहानुभूति प्राप्त करने हेतु अपने मकान में स्वयं ही सोडियम से आग लगाना शुरू कर दिया
तथा किस्तुरी देवी, गर्वित व अनुराग की मृत्यु एंव आग को तंत्र विधा से लगना बताकर सहानुभूति प्राप्त कर
ली।
• जब भूपसिंह के मकान से पुलिस द्वारा जली हुई चीजो को जब्त किया जाकर परीक्षण हेतु एफएसएल भेजा गया तो भूपसिंह को अपने द्वारा कि गई हत्याओं का राज खुलने का डर सताने लगा तब भूपसिंह ने पुलिस को घटना से दूर करने हेतु अपने परिवार के लोगो को उकसाकर पुलिस टीम पर हमला करवा दिया।
• प्रकरण संख्या 77/2024 धारा 302 भादस पुलिस थाना हमीरवास में अनुसंधान से भूपसिंह पुत्र सुमेरसिंह जाति जाट उम्र 32 साल निवासी भैंसली थाना हमीरवास तहसील राजगढ जिला चूरू द्वारा अपने मासूम बच्चों गर्वित उम्र 04 साल, अनुराग उम्र 08 साल एंव दादी किस्तुरी देवी को जहर देकर हत्या करना पाया जाने पर गिरफतार किया जाकर अनुसंधान जारी है। • भूपसिंह द्वारा कारित उक्त हत्या की घटनाओ एंव स्वंय द्वारा आगजनी करने की समस्त गुत्थियो को
सुलझाने के लिऐ गठित टीम ने श्री प्रशांत किरण आईपीएस सहायक पुलिस अधीक्षक राजगढ के निर्देशन में
श्री मदनलाल विश्नोई पुलिस निरीक्षक थानाधिकारी हमीरवास, श्री फरमान उप निरीक्षक, श्री दिनेश कानि 799, श्री रवि कानि 1367, श्री सवित कानि 476 पुलिस थाना हमीरवास द्वारा अपनी अपनी विवेकशीलता, सूझबूझ, गुप्त सूचनाओं का संकलन कर कड़ी से कडी जोड कर तीन निर्दोष लोगो की हत्याओ की गुत्थी सुलझाई गई। उक्त समस्त कार्यवाही में श्री दिनेश कानि 799 पुलिस थाना हमीरवास, श्री रवि कानि 1367 पुलिस थाना हमीरवास की विशेष भूमिका रही।
एसपी ने बताया कि आरोपी भूप सिंह ने जीएनएम कर रखा और उसने गांव में खुद की मेडिकल की दुकान कर रखी है। वह थोक में दवाओं की सप्लाई करता है। भूपसिंह को यह लगता था कि उसके बेटा अनुराग (8) और गर्वित (4) उसकी औलाद नहीं है। वह अपनी पत्नी के चरित्र पर शक करता था। इसके लिए दोनों बच्चों सहित अपनी दादी किस्तूरी देवी (82) का भी मर्डर कर दिया। पुलिस ने आरोपी भूपसिंह को गिरफ्तार कर लिया है।दादी की खांसी की दवाई में मिलाया जहर
एसपी जय यादव ने बताया कि शातिर भूप सिंह ने सबसे पहले अपनी दादी किस्तूरी देवी को रास्ते से हटाया। उसने दादी की खांसी की दवाई में 31 जनवरी को जहर मिला दिया, जिससे किस्तूरी देवी के खांसी की दवाई लेने क बाद उल्टी हुई। इसके साथ ही उसकी मौत हो गई। उसने मां का अंतिम संस्कार कर दिया। भूपसिंह के बेटे अनुराग और गर्वित उसकी दादी के पास ज्यादा रहते थे। इसलिए उसने सबसे पहले दादी को रास्ते से हटाया। इसके बाद 28 फरवरी को उसने अनुराग को खाने पीने के चीज में जहर दे दिया। जहरीला पदार्थ खाने के बाद अनुराग को भी उल्टी हुई, जिससे उसकी भी मौत हो गई। परिवार और गांव के लोग इस घटना को लेकर सख्ते में आ गए। इसके बाद 13 फरवरी को भूप सिंह ने अपने छोटे बेटे गर्वित को भी जहरीला पदार्थ खिला दिया, जिससे उसकी भी मौत हो गई। एसपी ने बताया कि भूप सिंह ने गर्वित के शव का दाह संस्कार नहीं कर उसे जमीन में दफना दिया।
विसरा रिपोर्ट आने के बाद बढ़ा शक
एसपी ने बताया कि पुलिस ने मामले की जांच करते हुए कोर्ट से आदेश लेकर चार वर्षीय गर्वित के दफनाए शव को बाहर निकलवाया। उसका मेडिकल बोर्ड से पोस्टमॉर्टम करवाया। जिसकी विसरा रिपोर्ट आने के बाद मामला साफ हो गया। विसरा रिपोर्ट में आया कि गर्वित की मौत जहरीले पदार्थ से हुई है। तब पुलिस का शक भूपसिंह की ओर बढ़ गया। पुलिस ने भूपसिंह को पूछताछ के लिए राउंड अप किया। उसने उसने अपना सारा गुनाह कबूल कर लिया।
पत्नी और दादा भी थे टारगेट पर
पुलिस पूछताछ में भूप सिंह ने बताया कि उसका अगला टारगेट पत्नी मेनका (28) और दादा हरि सिंह (85) थे। दादा को मारने के लिए उसने दूध में जहरीली दवा मिला दी। मगर दादा को दूध कड़वा लगने पर उसने दूध नहीं पीया। इसी प्रकार पत्नी को भी एक दो बार खाने-पीने की चीज में जहर दिया। उसको कड़वा लगने पर उसने नहीं पीया। आरोपी के पिता की पहले ही मौत हो चुकी थी।इस टीम ने किया अहम कार्य
एसपी जय यादव ने बताया कि मामले के खुलासे को लेकर आईपीएस प्रशांत किरण की अगुवाई में हमीरवास थानाधिकारी मदनलाल विश्नोई, एसआई फरमान, कॉन्स्टेबल दिनेश, रवि, सवित की टीम ने मिलकर कड़ी से कड़ी को जोड़कर मामले का खुलासा कर दिया। वहीं, इस मामले के खुलासे में कॉन्स्टेबल दिनेश और रवि ने अहम भूमिका निभाई है।
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