मानव इतिहास के जाने-माने बुद्धिजीवी अलबर्ट आइंस्टीन 20 वीं सदी के प्रारंभिक बीस वर्षों तक विश्व के विज्ञान जगत पर छाए रहे। अपनी खोजों के आधार पर उन्होंने अंतरिक्ष, समय और गुरुत्वाकर्षण के सिद्धान्त दिए। अलबर्ट आइंस्टीन का जन्म उल्मा, जर्मनी में 14 मार्च 1879 को हुआ। स्वीट्जरलैंड में उन्होंने अपनी शिक्षा प्रारंभ की और ज्यूरिच की पॉलीटेकनीकल अकादमी में चार साल बिताए। सन् 1900 में उन्होंने स्रातक की उपाधि ग्रहण कर स्वीट्जरलैंड की नागरिकता स्वीकार कर ली। सन् 1905 में आइंस्टीन ने ज्यूरिच विश्वविद्यालय से पीएचडी की उपाधि प्राप्त की।
इसी वर्ष उन्होंने वैज्ञानिक शोधों के आधार पर लेख प्रकाशित कराए ओर प्रसिद्ध सापेक्षता के सिद्धान्त दिए। अपने इस मत के कारण उनका नाम संपूर्ण यूरोप के भौतिकी वैज्ञानिकों में फैल गया। आइंस्टीन अब पहले स्वीट्जरलैंड, फिर प्राग के जर्मनी विश्व विद्यालय और सन् 1912 में ज्यूरिच के पॉलीटेकनीक में प्रोफेसर हो गए। सन् 1914 में उन्होंने बर्लिन स्थित प्रूसियन अकादमी आफ साइंस में नियुक्ति ले ली।
आइंस्टीन को अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति नवंबर 1919 में मिली जबकि रॉयल सोसायटी आॅफ लंदन ने उनके सिद्धांतों को मान्यता प्रदान की। इसके बाद सन् 1921 तक सारे यूरोप में घूम-घूम कर उन्होंने अपने विचार बुद्धिजीवियों के सामने रखे। अगले तीन वर्ष उन्होंने विश्व भ्रमण किया और अपने सिद्धांतों से लोगों को अवगत कराया। सन् 1921 में आइंस्टीन को भौतिकी के क्षेत्र में अद्वितीय कार्य करने के लिए नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया। सन् 1933 में आइंस्टीन ने जर्मनी की नागरिकता छोड़ दी। वे अब प्रिंसंटन (अमेरिका) में रहने लगे। 18 अप्रैल, 1955 को उनकी मृत्यु प्रिंसटन अस्पताल में हुई।
0 टिप्पणियाँ