राम नाम सभी के लिए वरदान -: स्वामी दिनेशानंद महाराज
चौपटा - महर्षि दयानंद सरस्वती गौशाला नाथूसरी कलां में सोमवार को श्री राम कथा के समापन अवसर पर 51 कुंडीय महायज्ञ और भंडारा आयोजित किया गया। जिसमें सरपंच रीटा कासनियां, कृष्ण नंबरदार, संतलाल, हरि सिंह कासनियां, कुलदीप, सुरेश गोयल, मदनलाल सोनी सहित नाथूसरी कलां व आसपास के गांवों के हजारों की संख्या में महिलाओं व पुरुषों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया। कथा वाचक महामंडलेश्वर योगाचार्य स्वामी भगवान देव परमहंस के शिष्य स्वामी दिनेशानंद महाराज ने कहा कि राम नाम की महिमा अनंत है.
रामचरित मानस में गोस्वामी तुलसीदास जी ने इसका बहुत ही सुंदर वर्णन किया है. राम नाम से बड़ा कुछ भी नहीं. यह सबसे ऊपर है, सब देवों से बड़ा. यहां तक कि जिन देवी देवताओं के अंदर किसी को वरदान देने की क्षमता है, यह राम नाम उन देवों को भी वरदान देता है. यहां तक की राम स्वयं अपने नाम का ही अनुसरण करते हैं. नाम के पीछे-पीछे ठीक उसी तरह चलते हैं जैसे स्वामी के पीछे सेवक. सुनने समझने में नाम और नामी एक ही प्रतीत होतें हैं, पर वास्तव में हैं दोनों अलग और उनमें प्रीति भी स्वामी और सेवक जैसी है.
यह शरीर चौरासी लाख योनियों में श्रृंगार है। प्रभु दर्शन, मोक्ष की प्राप्ति का परम साधन है।
समापन अवसर पर गौशाला कमेटी और स्वामी दिनेशानंद महाराज ने अतिथियों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। 51 कुंडीय महायज्ञ में ग्रामीणों ने आहूति डाली और भंडारा लगाकर प्रसाद वितरित किया। इस मौके पर सरपंच रीटा कासनियां, कृष्ण नंबरदार, संतलाल, हरि सिंह कासनियां, कुलदीप, सुरेश गोयल, मदनलाल सोनी, राजेंद्र जांगड़ा, रणवीर स्वामी, प्रहलाद कासनियां, सुरजीत कड़वासरा, महेंद्र कासनियां सहित कई मौजूद रहे।
फोटो। नाथूसरी कला में श्री राम कथा समापन पर 51 कुंडीय महायज्ञ में भाग लेते ग्रामीण
कथा वाचक दिनेशानंद महाराज और कथा सुनते श्रद्धालु,
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