कंपनी में डस्ट कलक्टर फटने से झुलसे 5 कर्मचारियों की मौत 10 की हालत गंभीर

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कंपनी में डस्ट कलक्टर फटने से झुलसे 5 कर्मचारियों की मौत 10 की हालत गंभीर

 



धारूहेड़ा की कंपनी में 5 दिन पूर्व हुए बायलर डस्ट कलक्टर विस्फोट में झुलसे 45 कर्मचारियों में से 5 की उपचार के दौरान मौत हो गई। सभी मृतक उत्तरप्रदेश के हैं। इनमें दो की मौत दिल्ली व तीन की रोहतक के अस्पताल में हुई है। 10 की हालत अभी भी गंभीर बनी हुई है। मामले का कड़ा संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री नायब सैनी ने इसकी मजिस्ट्रेट जांच का जिम्मा एसडीएम रेवाड़ी को सौंपा हुआ है। जिन्हें 15 दिन में अपनी रिपोर्ट देनी है।

यह हादसा 16 मार्च की देर शाम को ऑटो पार्ट्स बनाने वाली धारूहेड़ा की लाइफ लोंग कंपनी में हुआ था। डस्ट कलक्टर फटने से लगभग 45 कर्मचारी आग लगने से झुलस गए थे। इन्हें रेवाड़ी, रोहतक व दिल्ली के अस्पतालों में भर्ती कराया गया था। तभी से इनका उपचार चल रहा था। बुधवार को दुखद समाचार मिला कि दिल्ली एम्स व रोहतक एम्स में उपचाराधीन कर्मचारी मैनपुरी यूपी के अजय कुमार, बहराइच के विनय कुमार, गौरखपुर के रामू, फैजाबाद के राजेश व पंकज की मौत हो गई है। इन्हीं अस्पतालों में भर्ती 10 कर्मचारियों की हालत भी गंभीर बनी हुई है। रेवाड़ी व धारूहेड़ा के अस्पतालों में भी एक दर्जन से अधिक कर्मचारी उपचाराधीन हैं। जिला प्रशासन इस मामले पर कड़ी नजर बनाए हुए हैं।

घायल कर्मचारी जिला गोंडा यूपी के राजकुमार के बयान पर श्रमिक ठेकेदार के खिलाफ लापरवाही का केस दर्ज किया गया था। लेकिन एक साथ हुई पांच मौतों को लेकर अब दर्ज मुकदमे की धारा बदलने की उम्मीद है। साथ ही कंपनी प्रबंधकों पर भी गाज गिर सकती है। मृतक के परिजनों का आरोप है कि इसमें कंपनी प्रबंधकों की भारी लापरवाही है। पहले भी दो बार डस्ट कलक्टर फट चुका है। इसके बावजूद कोई सुरक्षा के इंतजाम नहीं किए गए। यदि उस समय सबक लिया गया होता तो इतना बड़ा हादसा नहीं होता।

जिस दिन यह हादसा हुआ, उसके अगले दिन मुख्यमंत्री नायब सैनी ने कंपनी में हुए विस्फोट की मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए थे। उपायुक्त ने इस जांच का जिम्मा एसडीएम रेवाड़ी को सौंपा है। वे अपनी जांच रिपोर्ट 15 दिन में सरकार को सौंपेंगे। इस रिपोर्ट के आधार पर अग्रिम कार्रवाई संभावित है।

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