पीएम-विश्वकर्मा योजना : शिल्पकारों के हुनर को सम्मान, भारत सरकार द्वारा 8% तक की सब्सिडी के साथ ऋण, ऐसे उठायें लाभ

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पीएम-विश्वकर्मा योजना : शिल्पकारों के हुनर को सम्मान, भारत सरकार द्वारा 8% तक की सब्सिडी के साथ ऋण, ऐसे उठायें लाभ

शिल्पकारों और कारीगरों के हुनर को सम्मान देने और उनकी आर्थिक स्थिति सुदृढ़ करने के लिए केंद्र सरकार ने पीएम विश्वकर्मा योजना शुरू की है। इस योजना के तहत 18 विभिन्न प्रकार के पारंपरिक व्यवसायों को शामिल किया गया है। उन्होंने बताया कि स्कीम के तहत कारीगर बगैर जमानत के ऋण प्राप्त कर सकते हैं व प्रशिक्षण देने का प्रावधान भी किया गया है।




18 विभिन्न प्रकार के पारंपरिक व्यवसाय

इस पीएम-विश्वकर्मा योजना में 18 विभिन्न प्रकार के पारंपरिक व्यवसायों में नाव बनाना, शस्त्रागार, लुहार, हथौड़ा व लोहे के औजार बनाना, ताला बनाना, सुनार, कुंभकार, मूर्तिकार, मोची, राजमिस्त्री, टोकरी, सुथार, चटाई बनाना, गुडिया व खिलौने बनाना, बारबर, धोबी, दर्जी और मछली पकड़ने के लिए जाल बनाने का काम शामिल है। कौशल उन्नयन के लिए 5-7 दिनों का बुनियादी प्रशिक्षण और 15 दिन या उससे अधिक का उन्नत प्रशिक्षण, प्रतिदिन 500 रुपये के वजीफे के साथ दिया जाएगा। बुनियादी कौशल प्रशिक्षण की शुरुआत में ई-वाउचर के रूप में अधिकतम 15,000 रुपये का टूलकिट प्रदान किया जाएगा।



भारत सरकार द्वारा 8% तक की सब्सिडी के साथ ऋण

कारीगरों को जमानत दो किस्तों में 1 लाख रुपये और 2 लाख रुपये, क्रमश: 18 महीने और 30 महीने की अवधि के लिए, 5 प्रतिशत की रियायती ब्याज दर पर, भारत सरकार द्वारा 8% तक की सब्सिडी के साथ ऋण प्रदान किया जाएगा। इसके अलावा बुनियादी प्रशिक्षण पूरा करने वाले लाभार्थी 1 लाख रुपये तक की ऋण सहायता की पहली किस्त का लाभ उठाने के लिए पात्र होंगे। दूसरी किस्त उन लाभार्थियों को उपलब्ध होगी जिन्होंने पहली किस्त का लाभ उठाया है और उन्होंने ऋण खाता मानक बनाए रखा है और अपने व्यवसाय में डिजिटल लेनदेन अपनाएं हैं या उन्नत प्रशिक्षण प्राप्त किया है।



शिल्पकारों का ऐसा तबका है जो पारंपरिक कारीगरी की कला को अपने हाथों में संजोए हुए हैं व समाज का दायित्व है कि इन कारीगरों की कला को प्रोत्साहन व संरक्षण प्रदान करते हुए आने वाली पीढ़ियों तक पहुंचाया जाए। इसके तहत ही केंद्र सरकार ने ये महत्वपूर्ण योजना शुरू की है जिसके तहत  शिल्पकारों और कारीगरों को मूल्य श्रृंखला से बेहतर जुड़ाव के लिए गुणवत्ता प्रमाणन, ब्रांडिंग, जीईएम जैसे ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर ऑनबोर्डिंग, विज्ञापन, प्रचार और अन्य विपणन गतिविधियों के रूप में विपणन सहायता प्रदान की जाएगी। इस स्कीम का उद्देश्य शिल्पकारों की प्रतिभाओं को तराशना व उन्हें आर्थिक सहयोग प्रदान करना है।

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