पौष पूर्णिमा पर्व पर स्नान दान का महत्व The Benefits of Snan and Dan on Poush Purnima Parv

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पौष पूर्णिमा पर्व पर स्नान दान का महत्व The Benefits of Snan and Dan on Poush Purnima Parv

 




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वीरवार  25 जनवरी 2024 को पौष माह  का अंतिम  दिन रहेगा। इस दिन पौष पूर्णिमा पर्व मनाया जाएगा। हिंदू धर्म में इस पूर्णिमा का  बहुत ही महत्व है। साधु-संतों के लिए ये विशेष पर्व माना जाता  है। इस दिन कई संत महात्मा तीर्थ और पवित्र नदियों में स्नान करते हैं। इनके साथ ही अन्य लोग भी नदियों में स्नान कर दान आदि करते  हैं। 


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ये पर्व मोक्ष की इच्छा रखने वाले लोगों के लिए विशेष  माना जाता है। कई पुराणों में जिक्र आता है कि पौष माह  की पूर्णिमा मोक्ष दिलाती है। इसलिए मान्यता है कि इस दिन तीर्थ स्नान करने से हर प्रकार के पाप नष्ट  हो जाते हैं और मरने के बाद मोक्ष प्राप्त होता  है।


तीर्थ स्नान और दान से पुण्य का पूरा फल मिलता है

ग्रंथों के अनुसार  जो लोग पूरे पौष माह  में भगवान का ध्यान कर आध्यात्मिक ऊर्जा प्राप्त करते हैं, उसकी पूर्णता पौष पूर्णिमा के स्नान से हो जाती है। यानी इस पर्व पर तीर्थ स्नान और दान से पुण्य का पूरा फल मिलता है। इस पर्व पर किए गए पुण्य का फल कभी खत्म नहीं होता है।


 इस दिन काशी, प्रयाग और हरिद्वार में स्नान करने का खास  महत्व बताया गया है। इस दिन शाकंभरी जयंती मनाई जाती है। वहीं, छत्तीसगढ़ के ग्रामीण अंचलों की  जनजातियां पौष पूर्णिमा के दिन छेरता पर्व मनाती हैं।



 तीर्थ स्नान का महत्व

 पौष महिने की पूर्णिमा को  सूर्योदय से पहले उठना चाहिए। इसके बाद तीर्थ स्थान  या पवित्र नदियों में स्नान करना चाहिए। यह  संभव न हो तो घर पर ही पानी में गंगाजल मिलाकर नहा सकतें है । इसके बाद पूरे दिन व्रत और दान का संकल्प लेना चाहिए।


 फिर किसी तीर्थ पर जाकर नदी की पूजा करनी चाहिए। पौष माह की पूर्णिमा तिथि पर पवित्र नदियों और तीर्थ स्थानों पर पर स्नान करने का महत्व बताया गया है। नदी पूजा और स्नान करने से मोक्ष प्राप्त होता है।



पौष पूर्णिमा पर माघ स्नान का संकल्प 

शास्त्रों के अनुसार पौष पूर्णिमा को माघ  नहिने के  स्नान का संकल्प ले लेना चाहिए। तीर्थ स्नान के दौरान संकल्प करके भगवान विष्णु की पूजा अर्चना करनी चाहिए। इसके साथ ही संभव हो तो एक समय भोजन का व्रत  करना चाहिए।


 जिस प्रकार पौष मास में तीर्थ स्नान का बहुत महत्व है, उसी प्रकार माघ में भी स्नान और दान का भी खास महत्व होता है। माघ में दान में तिल, गुड़ और कंबल या ऊनी वस्त्र दान देने से विशेष पुण्य प्राप्त होता है।


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