चौपटा न्यूज़ । नाथुसरी चोपटा में पानी निकासी की समस्या को हल करवाने के लिए चल रहे धरने पर दिनों दिन लोगों की संख्या बढ़ती जा रही है। शनिवार को चौपटा के सभी दुकानदारों ने 2 घंटे दुकानें बंद रखकर सरकार का विरोध जताया। इस दौरान दुकानदारों ने मांग की सड़क पुनर्निर्माण से पहले गंदे पानी निकासी की व्यवस्था की जाए।
धरनारत चोपटा वासियों ने जिला प्रशासन मुर्दाबाद, हरियाणा सरकार मुर्दाबाद के नारे लगाए.
नाथुसरी चोपटा के चौधरी देवीलाल चौक धरनारत ग्रामीण पूर्ण दास महाराज, पूर्व पंचायत समिति सदस्य सतबीर सहारण, पूर्ण सरपंच रणजीत कासनियाँ, पूर्व प्रधान लालचंद सोनी, पंच प्रेम कुमार महता, डॉ. दौलत चौधरी, वेद शर्मा, संतलाल सुथार, लीलूराम सुथार, ओम सोनी, जगदीश सोनी, ओम गर्ग, कृष्ण घोड़ेला, सतबीर जांगड़ा, राजेंद्र बंसल, चानन मिस्त्री, राजेंद्र जांगड़ा, प्रमोद भड़िया, अमर सिंह सोनी, राजेंद्र जोशी, प्रदीप घोड़ेला, रामस्वरूप, कुलवंत सिंह, रमन मास्टर, बृजलाल पारीक, मोहन जोशी, मदन सोनी, भजन लाल, महावीर, भीम सोनी, सरपंच रीटा कासनियां, सुखदेवी बैनीवाल, इंद्रो देवी, सुखमा देवी, सावित्री, सुनीता देवी, शारदा देवी ने कहा की प्रशासन व सरकार द्वारा सिरसा भादरा रोड का पुनर्निर्माण करवाया जा रहा है, लेकिन चोपटा के दुकानों व घरों के गंदे पानी की निकासी की कोई व्यवस्था नहीं की जा रही।
सरकार से मांग है कि रोड पुनर्निर्माण से पहले गंदे पानी निकासी की व्यवस्था करनी चाहिए। इनका कहना है कि पानी निकासी की समस्या चोपटा में 10 वर्ष से बनी हुई है और जब भी रोड का निर्माण किया जाता है रोड पर पानी एकत्रित होने से सड़क टूट जाती है। जिससे लोगों और राहगीरों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है ।
लेकिन सरकार और प्रशासन के अधिकारियों की हठधर्मिता की वजह से जनता परेशान हो रही है । अब करोड़ों रुपए खर्च कर नए रोड का निर्माण किया जा रहा है, लेकिन पानी निकासी व्यवस्था की और कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा। अगर पानी निकासी की व्यवस्था नहीं की गई तो यह रोड जल्दी ही टूट जाएगा और लोगों को काफी परेशानी उठानी पड़ेगी।
इसी को लेकर शनिवार को चोपटा क्षेत्र के दुकानदारों ने 2 बजे से लेकर 4 बजे तक 2 घंटे दुकानें बंद रखकर सरकार का विरोध जताया और धरने पर पहुंचकर एक स्वर में सभी ने मांग की की जब तक पानी निकासी की समस्या का हल नहीं होगा तब तक आंदोलन जारी रहेगा। इनका कहना है कि अगर सरकार ने जल्द ही समस्या का समाधान नहीं किया तो चोपटा वासियों को कोई बड़ा फैसला लेना पड़ सकता है, इसके जिम्मेदार सरकार व प्रशासन होंगे।
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