दड़बा कलां के बधाई नाथ अखाड़ा में सत्संग व भंडारा लगाया, साधु संतों को किया सम्मानित, योगी जिंद्रनाथ ने 108 ठंडे पानी के मटकों की जलघारा के नीचे तपस्या की पूरी

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दड़बा कलां के बधाई नाथ अखाड़ा में सत्संग व भंडारा लगाया, साधु संतों को किया सम्मानित, योगी जिंद्रनाथ ने 108 ठंडे पानी के मटकों की जलघारा के नीचे तपस्या की पूरी



Sirsa news  गांव दड़बा कलां स्थित अखाड़ा में सुख शांति के लिए बाबा योगी जिंद्रनाथ की सोमवार को 41 दिन से ठंडे पानी की धारा में तपस्या पूरी हुई। उनकी तपस्या के अंतिम दिन 108 ठंडे पानी के मटकों की जलघारा के नीचे तपस्या की। इसके बाद सोमवार को अखाड़ा में सत्संग का आयोजन किया। जिसमें ग्रामीण झूम उठे। वहीं दिनभर भंडारे का आयोजन किया गया। देश प्रदेश से आए हुए साध संतों का सम्मान किया गया।

दड़बा कलां के अखाड़ा से लोगों की काफी आस्था है। यहां पर शीशनाथ, बधाईनाथ व सुकराई नाथ की सामधी बनी हुई हैंं। जहां पर सुबह शाम लोग माथा टेकने के लिए पहुंचते हैं। गांव के लोगो की अपार श्रद्धा है और खुद गांव के लोगो का मानना है यहां पर माथा टेकने से उनके काम सफल हुए हैं।


5 धूनों के बीच गर्मी में की थी तपस्या
बाबा योगी जिंद्रनाथ ने बताया कि हमेशा उनके ऊपर गुरु शीलनाथ का आशीर्वाद बना रहता है। इसी के चलते ठंडे पानी की जलधारा में स्नान कर रहे हैं। गांव में ठंडे पानी की धारा के नीचे बैठकर तपस्या करके समाज में सुख शांति लाना चाहते हैं। उन्होंने बताया कि भीषण गर्मी में 5 धूनों के बीच तपस्या कर रहे हैं। गांव में सुख शांति के लिए 41 दिन तक धूनों के बीच बैठकर तपस्या की थी। 



गौरतलब है कि बाबा योगी जिंद्रनाथ ने दिनांक 13 जनवरी से सुबह 28 मटकों में भरे गए ठंडे पानी की धारा लगाकर उसके नीचे तपस्या कर रहे हैं। इसके बाद प्रतिदिन दो मटक बढ़ते रहे। बाबा योगी जिंद्रनाथ की तपस्या के लिए सांय के समय साफ व नये मटकों में ठंडा पानी भरा जाता है। रात भर खुले आसमान के नीचे मटकों को रखा जाता है तथा सुबह मटके के नीचे से निकलने वाली पानी की धारा में बाबा योगी जिंद्रनाथ बैठ जाते हैं। मटकों में भरे पानी की धारा जब तक चलती है तब तक महंत उसके नीचे बैठकर ध्यान में रहते हैं।
अखाड़ा परिसर में हुआ हवन
जलधारा की समाप्ति पर अखाड़ा परिसर में विशेष पूजा होगी। जिसमें ग्रामीणों ने आहुति डाली। इसके बाद बाहर से आए हुए साधु संतों का सम्मान किया गया। जिनमें प्रमुख रूप से पहुंचे संत योगी ओंकर नाथ डेरा बुरा हिसार, शांतिनाथ डेरा बणा वाली, सेवानाथ वनमंदोरी, सुंदरनाथ बिजलाणवास, नंदीनाथ भट्टू, तुरकनाथ तलवड़ी, सतीशनाथ भिवानी, महेंद्रनाथ सुतलानपुर व अन्य संतों का सम्मान किया गया।

दिनभर चला भंडारा व सत्संग
अखाड़ा परिसर में सत्संग का आयोजन किया। जिसमें बाहर पहुंचे संतों ने भजनों से समा बांध दिया। इसी के साथ दिनभर भंडारे का आयोजन किया गया। भंडारे में खीर, हलवा पूरी व अन्य व्यंजन परोसे गये।
अखाड़ा से लोगों की काफी आस्था

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