भारत में क्रिकेट विश्व कप फाइनल मैच के बाद एक शब्द काफी वायरल हो रहा है। वो है पनोती/पनौती जानिए इस शब्द का वास्तविक अर्थ।
इस शब्द का प्रयोग क्यों किया जाता है? और पनोती शब्द का प्रयोग किसके लिए किया जाता है। जब हमें कोई व्यक्ति पसंद नहीं आता तो हम उसे पनोती कहते हैं (साला पनोती है सुबह मैं मुंह देख लिया तो दिन भर भूख मारूंगा) या बुरे वक्त में पनौती (मेरी तो पनोती लागेली है, कुछ सीधा पड़तज नहीं)। आमतौर पर इसका प्रयोग स्लैंग भाषा में किया जाता है।
क्या है पनौती का सही मतलब?
मोटे शब्दों में कहें तो यह किसी ऐसे शख्स से जुड़ा है जिसकी मौजूदगी होने भर से बनता काम बिगड़ जाता है। आम तौर पर पनौती शब्द ऐसे व्यक्ति के लिए इंगित किया जाता है जो बुरी किस्मत लाता है। वैसे इसका किसी ज्ञान-विज्ञान और तर्क से नाता नहीं है। जाने-माने भाषाविद् ने हाल में सोशल मीडिया में इसका अर्थ बताया।
उनके मुताबिक, हिंदी में -औती प्रत्यय से अनेक शब्द बनते हैं। इनमें कटौती, चुनौती, मनौती, बपौती इत्यादि शामिल हैं। पनौती शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है। पन (पानी) और औती। पन शब्द पनबिजली और पनचक्की जैसे शब्दों में आता है। जब यही शब्द औती के साथ जुड़ जाता है तो पनौती बन जाता है। पन अवस्था या दशा से जुड़ा है। इससे बचपन जैसे शब्द भी बने हैं। जैसा कि बताया गया कि औती प्रत्यय से बहुत से शब्द बने
गुजराती में पनोती या मराठी में पानवटी दुर्भाग्य का एक विस्तारित काल है
। शनि का कुंडली ग्रह बहुत शक्तिशाली ग्रह है और
मनुष्य के जीवन पर इसका मजबूत प्रभाव पड़ता है जब यह मनुष्य की
कुंडली में एक निश्चित स्थान पर स्थित होता है तो यह दुर्भाग्य लाता है.. छोटी पनोती सात साल तक
और छोटी पनोती 2 1/2 साल तक रहती है। इस दौरान इस अवधि में व्यक्ति दुर्भाग्य का अनुभव करता है
जैसे धन की हानि, बीमारी, दुर्घटनाएं,
रिश्तेदारों के साथ गलतफहमी, नौकरी से बर्खास्तगी आदि। कभी-कभी इसका
अच्छा प्रभाव भी हो सकता है! लेकिन अधिकतर यह दुर्भाग्य ही होता है। यह एक ज्योतिषीय
शब्द है। इसलिए जब हमें कोई व्यक्ति पसंद नहीं आता तो हम उसे पनोती कहते हैं (साला पनोती
है सुबह मैं मुंह देख लिया तो दिन भर भूख मारूंगा) या बुरे वक्त में
पनौती (मेरी तो पनोती लागेली है, कुछ सीधा पड़तज नहीं)। आमतौर पर
इसका प्रयोग स्लैंग भाषा में किया जाता है।
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