30 साल से लापता पति करवा चौथ से ठीक पहले घर पहुंचा, फूट-फूटकर रोई पत्नी, गाँव में मनाई ख़ुशी

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30 साल से लापता पति करवा चौथ से ठीक पहले घर पहुंचा, फूट-फूटकर रोई पत्नी, गाँव में मनाई ख़ुशी



Karva Chauth Special: उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद जिले में 30 साल से लापता पति करवा चौथ से ठीक पहले अचानक अपने घर पहुंच गयाजिंदा पति सामने देखकर उसकी पत्नी की खुशी का ठिकाना नहीं रहावह पति से लिपटकर फूट-फूटकर रोने लगी

 

 

Special Story in Karva Chauth: करवा चौथ पर आपने तमाम कहानियां सुनीं और पढ़ी होंगीहमारे पुराणों में भी पति-पत्नी के अनूठे प्रेम की तमाम कहानियां मिलती हैंइसी में से एक सत्यवान और सावित्री की कहानी हैसावित्री के पति प्रेम के आगे यमराज भी हार गए। 



ऐसा पुराणों में बताया गया हैऐसी ही कहानी यूपी के फिरोजाबाद जिले में सामने आई हैयहां 30 साल से लापता पति करवा चौथ से ठीक पहले अचानक अपने घर पहुंच गयापत्नी और बच्चों ने उसे मरा समझकर उसका मृत्यु प्रमाण पत्र भी बनवा लिया था, लेकिन 30 साल बाद सामने जिंदा पति को देखा तो पत्नी की खुशी का ठिकाना नहीं रहाखुशी इतनी ज्यादा थी कि पत्नी फूट-फूटकर रोने लगी और अपने पति से लिपट गई। दरअसल, 30 साल पहले साल 1994 में यूपी के फिरोजाबाद जिले शमसाबाद थानाक्षेत्र के गांव रोशनाबाद में उस समय मातम छा गया। 



जब गांव निवासी नरवेश अचानक लापता हो गयानरवेश के बच्चे उस समय काफी छोटे थेपत्नी ने उसे तमाम रिश्तेदारियों में ढूंढा, लेकिन उसका कोई सुराग नहीं लगाकाफी खोजबीन के बाद भी जब नरवेश का पता नहीं तो गांव वालों ने उसे भूलकर जिंदगी जीने की सलाह दी

इस पर नरवेश की पत्नी मीरा खुद बच्चों का पालन-पोषण करने लगींइस दौरान बच्चे बड़े हुए तो मीरा ने ही बेटी की शादी कीशादी के दौरान पैसे कम पड़ने बैंक से लोन लेना पड़ा। 



इसके लिए नरवेश का मृत्यु प्रमाण पत्र जरूरी थामीरा बताती हैं मुझे पूरा भरोसा था कि मेरा पति एक दिन जरूर लौटकर आएगा, लेकिन रिश्तेदारों और गांव वालों के दबाव में मैंने बेटी की शादी के लिए पति का मृत्यु प्रमाण पत्र बनवायाइसके बाद बैंक से लोन लेकर बेटी की शादी कीसहारनपुर से अचानक गांव पहुंचा नरवेश तो सन्न रह गए लोग

 

नरवेश की पत्नी मीरा बताती हैं गांव में उनकी एक जमीन पर विवाद चल रहा हैवहां गांव के ही दबंग लोग कब्जा करने का प्रयास कर रहे थेइसी बीच करवा चौथ से दो दिन पहले यानी 30 अक्टूबर को नरवेश गांव पहुंचे। 



लंबे समय बाद गांव पहुंचे नरवेश अपना घर नहीं ढूंढ पाए तो सीधे उसी खेत पर पहुंचेजहां दबंग कब्जा करने का मन बना रहे थेनरवेश ने वहां पहुंचकर उन्हें रोकते हुए उस जमीन को अपना बतायाइसपर लोगों ने नरवेश से उसका परिचय पूछाइसके बाद मुझे सूचना दी गई

 

गांव वालों ने मीरा को बताया कि एक आदमी उनकी जमीन पर अपना मालिकाना होने का दावा कर रहा हैइसपर मीरा भागकर खेत पहुंचीजहां 30 साल सामने जिंदा पति को देखकर वह फूट-फूटकर रोने लगीमीरा की खुशी का ठिकाना नहीं रहावह भावुक होकर पति से लिपट गईगांव वालों ने यह नजारा देखा तो सब सन्न रह गएफिर किसी तरह गांव वालों ने मीरा को संभाला

इस बीच मीरा के बच्चे भी खेत पर पहुंच चुके थेनरवेश ने बताया कि साल 1994 में मीरा से उसका किसी बात को लेकर विवाद हो गया थाइसलिए वह गुस्से में आकर घर से चला गयाघर से निकलने के बाद वह सहारनपुर में अपनी बहन के घर पहुंचा था, लेकिन वहां उसे लगा कि बहन फिर उसे घर ही भेज देगीइसलिए वह बहन के घर से भी बिना बताए चला गया

सहारनपुर में बहन के घर से निकला तो ठेकेदार ने बना लिया बंधक

 

नरवेश ने बताया कि वह बगैर बताए घर से निकला तो सहारनपुर में अपनी बहन के घर गयावहां उसे लगा कि बहन कहीं उसे दोबारा घर भेज देइसलिए वह वहां से भी चला गयाइसी बीच उसे एक आदमी मिलाजिसने काम दिलाने के बहाने उसे एक ठेकेदार के पास बंधुआ मजदूर बना दियायहां वह अभी तक बंधुआ मजदूरी कर रहा थादो दिन पहले ठेकेदार ने जिस काम के लिए उसे रखा था

वह पूरा हो गया तो ठेकेदार ने सभी मजदूरों को छोड़ दियाइसके बाद वह हरिद्वार के रास्ते अपने गांव पहुंचायहां वह अपना घर नहीं पहचान सका तो खेतों की ओर गयाजहां लोगों ने उसकी बातें सुनकर घरवालों को सूचना दीनरवेश के घर लौटने पर उनका बेटा अंकित, नितेश और बेटी शिल्पी समेत पत्नी मीरा की खुशी का ठिकाना नहीं रहामीरा का कहना है कि उसे पूरी उम्मीद थी कि उनका पति एक दिन जरूर लौटकर आएगा

फिरोजाबाद का रोशनाबाद गांव हुआ रोशन, परिवार में मनाई गई दिवाली

 

गांव वालों ने बताया कि नरवेश के लापता होने के बाद मीरा पर बच्चों के पालन पोषण की जिम्मेदारी गईमीरा गरीबी और लाचारी की मार झेलते हुए बच्चों को पालने लगीनरवेश के बच्चों अंकित और नितेश ने बताया कि हम लोग पापा को भूल चुके थे, लेकिन मम्मी हमेशा कहती थीं कि पापा आएंगेबेटी शिल्पी ने बताया कि पापा को मम्मी अक्सर याद करके मायूस हो जाती थींफिर हम लोगों को देखकर हिम्मत आती थीअब पापा गए हैंहमारे घर ईश्वर ने चमत्कार किया हैहम लोग जिसे भगवान की मर्जी मान रहे थेवह वास्तव में ईश्वर की मर्जी ही थीआज 30 साल बाद हमारे घर खुशियां वापस लौटी हैं


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