जम्मू राजोरी में मुठभेड़: सेना के कैप्टन और मेजर समेत 4 शहीद
जम्मू संभाग के
जिला राजोरी के बाजीमाल इलाके में सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ हुई।
माना जा रहा है कि जंगलों से घिरे इस इलाके में दो से तीन आतंकवादियों छिपे हैं।
पुलिस, सीआरपीएफ और सेना के
जवानों ने मोर्चा संभाला हुआ है। दोनों ओर से गोलीबारी हो रही है।
जम्मू-कश्मीर के राजौरी में बुधवार को आतंकियों के साथ
मुठभेड़ में सेना के दो अफसर और दो जवान शहीद हो गए। आर्मी की 16 कॉर्प्स मिलिट्री
यूनिट के सूत्रों ने यह जानकारी दी है। सूत्रों के मुताबिक, जान गंवाने वाले एक अफसर मेजर रैंक के थे।
न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक, धर्मसाल के बाजीमाल इलाके में बुधवार को
आतंकियों के छिपे होने की सूचना पर सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने सर्च ऑपरेशन
चलाया। इसी दौरान जंगल में छिपे आतंकियों ने उन पर फायरिंग शुरू कर दी। यहां दो
आतंकियों के छिपे होने की खबर है। एनकाउंटर जारी है।
मिली जानकारी के मुताबिक,
आतंकवादियों की मौजूदगी की एक विशेष खुफिया
सूचना मिली थी। जिसके आधार पर जनरल एरिया सोलकी, कालाकोट में एक ऑपरेशन शुरू किया गया था। 22 नवंबर को सुबह नौ बजे जब तलाशी चल रही थी,
तभी आतंकवादियों ने अपने ही सैनिकों पर
गोलीबारी कर दी।
सूत्रों से मिली
जानकारी के अनुसार, मुठभेड़ में सेना
के दो कैप्टन और एक हवलदार बलिदान हो गए और एक जवान घायल है, जिन्हें इलाज के लिए नजदीकी अस्पताल ले जाया
गया है। वहीं, सुरक्षाबलों ने
यहां एक आतंकी को मार गिराया है।
जम्मू आईजीपी
आनंद जैन ने बताया कि राजोरी के उपमंडल कालाकोट के तहत पुलिस स्टेशन धर्मसाल के
अंतर्गत सोलकी गांव के बाजी माल इलाके में विशेष सूचना पर घेराबंदी कर तलाशी
अभियान चलाया गया। दो आतंकवादियों के घिरे होने की आशंका है। मुठभेड़ को लेकर सेना
और पुलिस के उच्च अधिकारी नजर बनाए हुए हैं।
चार दिन पहले
जिले के कालाकोट क्षेत्र में संदिग्ध देखे जाने के बाद से सुरक्षाबलों की तरफ से
लगातार तलाशी अभियान चलाया जा रहा था। रविवार शाम को आतंकवादियों की संदिग्ध
गतिविधि की सूचना मिलने के बाद सुरक्षा बलों ने कालाकोट थाने के तहत जंगली इलाकों
में तलाशी अभियान शुरू किया था।
सूत्रों के
अनुसार बेरवी गांव में दो से तीन आतंकियों के किसी स्थानीय निवासी के घर आने और
वहां खाना खाने की सूचना मिली थी। इसके बाद बड़े पैमाने पर उक्त गांव में सेना और
पुलिस ने कॉर्डन और सर्च ऑपरेशन शुरू किया, जोकि मंगलवार शाम को भी जारी था। सुरक्षा बलों ने बेरवी से
सटे सलोकी, सियाल सुई, धर्मसाल, आदि वन क्षेत्रों में भी तलाशी शुरू की जो लगातार जारी रही।
तलाशी अभियान में सेना और पुलिस के अलावा सीआरपीएफ के कोबरा कमांडो भी जुटे। ड्रोन
और खोजी कुत्तों की मदद भी ली गई।
17 नवंबर को राजोरी
के बुद्धल बहरोट में मारा गया था आतंकी
राजोरी जिले के
बुद्धल इलाके में 17 नवंबर को हुई
मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने एक आतंकी को मार गिराया था। जिले के बुद्धल पुलिस थाने
के अंतर्गत बहरोट गांव में दो से तीन आतंकियों के छिपे होने के विशेष इनपुट के बाद
सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने संयुक्त तलाशी अभियान चलाया।
बहरोट, गूलीर, गब्बर, बतान आदि गांवों की बीते
तीन-चार दिन से कुछ संदिग्ध बंदूकधारी घूम रहे थे। सुरक्षाबलों ने इन इलाकों की
घेराबंदी कर सर्च ऑपरेशन शुरू किया। छिपे आतंकियों ने आधार पर सेना और पुलिस ने
संयुक्त रूप से घेराबंदी करके तलाशी अभियान शुरू किया जिसकी निगरानी राजोरी के
एसएसपी अमृतपाल सिंह और सेना के अधिकारी स्वयं कर रहे थे।
सूत्रों से मेरी
जानकारी के अनुसार शुक्रवार को सेना और पुलिस ने बहरोट गांव के ऊपरी इलाके मे
बकरवाल पतिवारों की खाली पड़ी ढोक में एक संदिग्ध ठिकाने को चारों ओर से घेरा और
सूचना थी कि ढोक के अंदर दो से तीन आतंकवादी छुपे हैं। पहले सुरक्षा वालों ने उसे
पर गोलाबारी की लेकिन सामने से कोई जवाब नहीं आया तो घेरा बंदी जारी रखते हुए
फायरिंग बंद कर दी। करीब आधे घंटे बाद सुरक्षा बलों ने फिर से गोलाबारी की तो ढोक
के अंदर से भी फायरिंग की गई और अंदर से एक आतंकी ने दरवाज़े से बाहर निकल कर
सुरक्षा बलो पर हैंड गर्नेड फेंकने का प्रयास किया लेकिन सुरक्षा बलों ने उस
आतंकवादी को वहीं ढेर कर दिया। इसी इलाके में दो और आतंकी छिपे होने की खबर पर
लगातार सर्च ऑपरेशन चलाया गया।
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