सतीदादी मंदिर में धोक लगाने से चर्मरोग ठीक होने के साथ साथ होती है मनोकामना पूरी, इस बार मेला 18 अक्टूबर को

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सतीदादी मंदिर में धोक लगाने से चर्मरोग ठीक होने के साथ साथ होती है मनोकामना पूरी, इस बार मेला 18 अक्टूबर को



आसोज शुदी चतुर्थी बुधवार को धोक लगेगी, भंडारा व जागरण कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा, हरियाणा तथा निकटवर्ती राजस्थान सहित दूर दूर से धोक लगाने के लिए आते हैं श्रद्धालु


चोपटा- राजस्थान की सीमा पर बसे हरियाणा के सिरसा जिले के गांव कुम्हारिया के सती दादी मंदिर की महिमा दूर दूर तक फैली हुई है. मंदिर में हर माह शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को श्रद्धालुओं द्वारा सती दादी की प्रतिमा के समक्ष पूजा अर्चना कर प्रसाद चढाया जाता है व मन्नत मांगी जाती है।



 लोगों में मान्यता है की यहाँ पर प्रसाद चढाने से चर्म रोग, फोड़े फुंसी अपने आप ठीक हो जाते है तथा मनोकामना अवश्य पूरी होती है. इस बार 18 अक्टूबर बुधवार को आसोज शुदी चतुर्थी के अवसर धोक लगेगी तथा मेला लगेगा.


इसके साथ ही भंडारा व जागरण कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा. भजन गायकों संदीप जाखड एंड पार्टी द्वारा सती दादी की महिमा का गुणगान किया जाएगा. तथा बाम्बे आर्ट ग्रुप द्वारा सुंदर झांकियां निकाली जाएगी.




सती दादी मंदिर के पुजारी रघुवीर शर्मा ने बताया की  हरियाणा-राजस्थान सीमा स्थित गांव कुम्हारिया में सती दादी मंदिर में हर माह शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को मेला लगता है। इसमें हरियाणा तथा निकटवर्ती राजस्थान के गावों के सतीदादी के भक्त सती दादी की धोक लगाने के लिए बङी संख्या मे आते हैं। 



इनमें महिलाओं की संख्या अधिक होती है। मन्नत  पूरी होने पर श्रद्धालूओं द्वारा प्रसाद चढाया जाता है। गर्मी हो या सर्दी सुबह से ही श्रद्धालुओं की लंबी लंबी कतारें लग जाती है, पैदल, उँट गाङियो, टै्रक्टरों, जीपों, मोटर साइकिलों व अन्य वाहनों में सवार होकर श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला पूरे दिन जारी रहता है। इसमें महिलाओं और बच्चों द्वारा विशेष उत्साह के साथ भाग लिया जाता है। 



मन्नत पूरी होने पर मंदिर में प्रसाद के रूप में दूध, घी, पतासे, नमक, झाङू, चुनरी व चूङियाँ आदि चढाए जाते हैं । मन्दिर परिसर में लगी स्टालों पर महिलाओं द्वारा मनिहारी का सामान, बर्तनों तथा बच्चों के लिए खिलौने खरीदे जाते है। मेले में पेयजल, सफाई आदि की व्यवस्था ग्राम पंचायत और श्री महारानी सेवा समिति कुम्हारिया द्वारा की जाती है।



 उन्होंने बताया की इस आसोज शुदी चतुर्थी के अवसर पर बुधवार 18 अक्टूबर को मेला लगेगा. इस दौरान श्रद्धालूओं द्वारा सती दादी की प्रतिमा की पूजा अर्चना कर प्रसाद चढाया व मन्नत जाएगी । मन्दिर परिसर में भजन कीर्तन कार्यक्रम का आयोजन कर सटी दादी की महिमा का गुणगान किया जाएगा व हवन किया जाएगा। इसके साथ ही भंडारा लगाकर श्रद्धालूओं को प्रसाद विर्त्रित किया जाएगा. 



पुजारी रघुवीर शर्मा ने बताया कि मान्यता है कि यहां पर धोक लगाने व प्रसाद चढाने पर सभी प्रकार के चर्म रोग ठीक हो जाते हैं और मनोकामना अवश्य पूरी होती है। तथा दूर दूर से लोग धोक लगाने के लिए आते हैं।

फोटो---  मन्दिर में लगी सतीदादी की प्रतिमा। सतीदादी मन्दिर

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