Eye flu होने पर सावधानी रखना ही आई-फ्लू से बचाव का बेहतर विकल्प है। बदलते मौसम में उमस के कारण आई-फ्लू से बचाव के लिए आवश्यक उपचार व जागरूकता के साथ सतर्क रहना बेहद जरूरी है। हमें चिकित्सकों के परामर्श अनुसार उपचार लेते हुए Eye flu आई-फ्लू से अपना व अपने परिवार का बचाव करना चाहिए। उन्होंने कहा कि आई-फ्लू से संक्रमित मरीजों को घबराने व चिंता करने की आवश्यकता नहीं है। चिकित्सा उपचार एवं आवश्यक सावधानी बरतने से यह रोग कुछ दिनों में ठीक हो जाता है।
इस संक्रमण से
मरीज की आंखों में सूजन और दर्द के साथ आंखें लाल होना, एक या दोनों आंख में जलन या खुजली होना, आंखों से असामान्य रूप से अधिक आंसू महसूस होता
है। उन्होंने कहा कि आई-फ्लू के संक्रमण से कुछ जरूरी सावधानियां अपनाकर बचा जा
सकता है। ऐसे पीडि़त रोगी आंखों में संक्रमण होने पर उसे बार-बार न छुएं, आंखों से पानी आने की स्थिति में उसे पोंछने के
लिए साफ टिश्यू का इस्तेमाल करें, जिसे दोबारा
प्रयोग में नहीं लाएं। अपनी आंखों को साफ ठंडे पानी से निरंतर धोते रहें एवं
समय-समय पर अपना हाथ भी साफ करते रहें। अपने मोबाइल, तौलिया या पिलो कवर किसी अन्य को उपयोग करने न दें। साथ ही
दूसरों की इस्तेमाल की हुई चीजों से दूरी बनाकर रखें। आंखों की सुरक्षा के लिए
काले चश्मे का उपयोग करें।
सिविल सर्जन डा.
महेंद्र भादू ने कहा कि आई फ्लू से ग्रसित व्यक्तियों को आवश्यक सावधानी बरतते हुए
तत्काल नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र जाकर उपचार कराने एवं चिकित्सकों के परामर्श से ही
दवाइयों का सेवन करने का आह्वान किया है। उन्होंने बताया कि यह फ्लू ज्यादातर
स्कूली बच्चों को प्रभावित कर रहा है। इसके लिए जिला में स्थापित स्कूल हैल्थ की
टीम लगातार सरकारी तथा गैर सरकारी स्कूलों में जाकर बच्चों को इस फ्ल्यू से बचाव
को लेकर जागरूक कर रही हैं। उन्होंने आह्वान करते हुए कहा कि आई फ्लू से संक्रमित
व्यक्ति व विद्यार्थी एक-दुसरे से उचित दूरी बनाकर रखें।
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