चंद्रयान-3 का लैंडर मॉड्यूल (एलएम) बुधवार शाम चंद्रमा की सतह पर उतर गया। भारत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला दुनिया का पहला देश बन गया है। लैंडर (विक्रम) और रोवर (प्रज्ञान) से युक्त लैंडर मॉड्यूल ने शाम छह बजकर चार मिनट पर चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुवीय क्षेत्र पर सॉफ्ट लैंडिंग की। 'मैं अपनी मंजिल पर पहुंच गया हूं और भारत भी', लैंडिंग के बाद चंद्रयान ने भेजा संदेश
लैंडर से संपर्क
बना
इसरो ने चंद्रमा
पर उतरते समय चंद्रयान-3 के लैंडर हॉरिजॉन्टल वेलोसिटी कैमरे द्वारा ली गई चंद्रमा
की तस्वीरें जारी कीं। इसरो ने बताया कि चंद्रयान-3 के लैंडर और MOX-ISTRAC, बेंगलुरु के बीच संचार लिंक स्थापित हो गया है।
प्रज्ञान रोवर के
बाहर आने का इंतजार
चंद्रयान की
सॉफ्ट लैंडिंग के बाद विक्रम लैंडर से प्रज्ञान रोवर के बाहर आने का इंतजार किया
जा रहा है। यह भी कहा जा रहा है कि इसमें एक दिन का समय भी लग सकता है। इसके बाद
विक्रम और प्रज्ञान एक-दूसरे की फोटो खींचकर और पृथ्वी पर भेजेंगे।
CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने भी दी बधाई
चंद्रयान 3 मिशन
की सफलता पर भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि हमारे महान
राष्ट्र के नागरिक के रूप में यह बेहद गर्व की बात है कि मैंने आज चंद्रमा पर
चंद्रयान 3 की उल्लेखनीय लैंडिंग देखी। चंद्र मिशन की सफलता ने भारत को चंद्र सतह
पर सफलतापूर्वक लैंडिंग करने वाले चुनिंदा देशों के समूह में शामिल कर दिया है। यह
और भी महत्वपूर्ण है क्योंकि भारत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर लैंडिंग करने वाला
एकमात्र देश है। इससे वैज्ञानिक अनुसंधान और खोज के नए रास्ते खुलेंगे। यह राष्ट्र
की प्रगति में एक मील का पत्थर दर्शाता है। इस ऐतिहासिक उपलब्धि पर टीम इसरो और
वैज्ञानिक समुदाय को मेरी हार्दिक बधाई। उन्होंने पूरे देश को गौरवान्वित किया है।
चंद्रयान-3 मिशन
की सफल लैंडिंग पर यूके अंतरिक्ष एजेंसी का संदेश
यूके स्पेस
एजेंसी में चैंपियनिंग स्पेस डायरेक्टर प्रोफेसर अनु ओझा ओबीई ने कहा, "इंजीनियरिंग और दृढ़ता की इस अद्भुत उपलब्धि पर भारत को बधाई। चंद्रमा के
दक्षिणी ध्रुवीय क्षेत्र में चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग इस बात का सबूत है कि हम
एक नए अंतरिक्ष युग में रह रहे हैं, जहां दुनिया भर की अंतरिक्ष एजेंसियां और
कंपनियां चंद्रमा और उससे आगे की ओर अपनी नजरें गड़ाए हुए हैं।"
पूरा देश भारतीय
होने पर गर्व महसूस कर रहा है: तुषार मेहता
सॉलिसिटर जनरल
तुषार मेहता ने कहा कि हमारे पीएम मोदी के जीवंत नेतृत्व में भारत ने पहले ही हर
चीज में नंबर एक बनने की अपनी यात्रा शुरू कर दी है। यह इस महान देश के लिए एक और
उपलब्धि है। हमारे वैज्ञानिकों को एक बड़ी बधाई, जिनमें से अधिकांश देश की
महिला शक्ति का प्रतिनिधित्व करते हैं। पूरा देश भारतीय होने पर गर्व महसूस कर रहा
है।
बिल नेल्सन ने दी
बधाई
नासा के प्रशासक
बिल नेल्सन ने ट्वीट किया, "चंद्रयान-3 के चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सफल
लैंडिंग के लिए इसरो को बधाई और भारत को चंद्रमा पर अंतरिक्ष यान की सफलतापूर्वक
सॉफ्ट-लैंडिंग करने वाला चौथा देश बनने पर बधाई। हमें इस मिशन में आपका भागीदार
बनकर खुशी हो रही है।"
हम चंद्रयान-3 के
लिए अब से अगले 14 दिनों का इंतजार कर रहे हैं: सोमनाथ
इसरो प्रमुख एस
सोमनाथ ने चंद्रयान-3 मिशन की सफलता पर अपनी टीम को बधाई दी। उन्होंने कहा, "समर्थन के लिए आप सभी को धन्यवाद...हमने अपनी असफलता से बहुत कुछ सीखा और आज
हम सफल हुए। हम चंद्रयान-3 के लिए अब से अगले 14 दिनों का इंतजार कर रहे
हैं।"
पीएम मोदी ने
इसरो चीफ सोमनाथ को किया फोन
पीएम मोदी ने
इसरो चीफ सोमनाथ को फोन कर के चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग की बधाई दी। उन्होंने कहा
कि आप और आपकी पूरी टीम को बधाई। जल्दी ही मैं आप सब रूबरू होकर भी बधाई दूंगा।
उन्होंने कहा कि आपका तो नाम ही सोमनाथ है। आपके नाम में ही सोम है। बहुत बहुत
बधाई सभी को।
'वंदे मातरम' के नारों और जश्न से झूम उठे लोग
चंद्रयान-3 मिशन
के चंद्रमा की सतह पर उतरते ही बेंगलुरु में इसरो मिशन कंट्रोल सेंटर 'वंदे मातरम' के नारों और जश्न
से झूम उठा।
अरे वाह, मजा आ गया: खट्टर
हरियाणा के सीएम
मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि अरे वाह, मजा आ गया! आज देखिए चंद्रमा हमारे और भी करीब
आ गया है। ये बहुत खुशी की बात है। चंद्रमा पर सफलतापूर्वक उतरने के बाद
चंद्रयान-3 चंद्रमा की सतह पर भारत की उपस्थिति को दर्शा रहा है। इस महान अवसर पर
मैं इसरो और वैज्ञानिकों के प्रति आभार व्यक्त करता हूं क्योंकि उनके कौशल, साहस और प्रतिभा
के कारण हमें यह उपलब्धि मिली है।
भारत की सामर्थ्य
और शक्ति का सशक्त प्रदर्शन: योगी
चंद्रयान-3 की
सफल लैंडिंग पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि चंद्रयान-3
की सफल सॉफ्ट लैंडिंग नए भारत की सामर्थ्य और शक्ति का सशक्त प्रदर्शन है।
प्रधानमंत्री के दूरदर्शी नेतृत्व और मार्गदर्शन में इसरो के वैज्ञानिकों ने वह कर
दिखाया जो कोई नहीं कर सका। चंद्रमा का दक्षिणी ध्रुव अब तक दुनिया के लिए असंभव
था, लेकिन हमारे दूरदर्शी वैज्ञानिकों ने इसे संभव कर दिखाया
है। वसुधैव कुटुम्बकम् की पवित्र भावना के साथ मैं इसरो के सभी वैज्ञानिकों को इस
सफलता के लिए बधाई और देशवासियों को शुभकामनाएं देता हूं।
पूर्व इसरो
प्रमुख के सिवन ने दी बधाई
पूर्व इसरो
प्रमुख के सिवन ने इसरो के तीसरे चंद्र मिशन चंद्रयान-3 की चंद्रमा पर सफल लैंडिंग
पर बधाई दी। उन्होंने कहा कि हम वास्तव में उत्साहित हैं...हम लंबे समय से इस पल
का इंतजार कर रहे थे। मैं बहुत खुश हूं।
आसमान कोई सीमा
नहीं है: जितेंद्र सिंह
चंद्रयान-3 के
चंद्रमा पर उतरने पर केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि जहां दुनिया चांद के
बारे में कल्पना करती है, हमने वास्तव में चांद को महसूस किया
है...दुनिया चांद के सपने देखती है, और हमने सपने को हकीकत में बदलते देखा
है...आसमान कोई सीमा नहीं है।
चंद्रमा पर सॉफ्ट
लैंडिंग; बधाई हो, भारत!
इसरो ने
चंद्रयान-3 मिशन की सफलतापूर्व सॉफ्ट लैंडिंग की जानकारी सोशल मीडिया पर कुछ खास
अंदाज में शेयर की। इसरो ने लिखा, ' भारत, मैं अपनी मंजिल पर पहुंच
गया और तुम्हें भी!: चंद्रयान-3. चंद्रयान-3 सफल रहा। चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग; बधाई हो, भारत!
पीएम मोदी ने दी
शुभकामना, बोले- हमने धरती पर संकल्प लिया और चांद पर उसे साकार किया
प्रधानमंत्री ने
कहा, ''मेरे प्यारे परिवारजनो! जब हम अपनी आंखों के सामने ऐसा
इतिहास बनते हुए देखते हैं तो गर्व होता है। ऐसी ऐतिहासिक घटनाएं राष्ट्र जीवन की
चेतना बन जाती हैं। यह पल अविस्मरणीय है। यह क्षण अभूतपूर्व है। यह क्षण विकसित
भारत के शंखनाद का है। यह क्षण नए भारत के जयघोष का है। यह क्षण मुश्किलों के
महासागर को पार करने का है। यह क्षण जीत के चंद्रपथ पर चलने का है। यह क्षण 140
करोड़ धड़कनों के सामर्थ्य का है। यह क्षण भारत की नई ऊर्जा, नई चेतना का है।
यह क्षण भारत के उदीयमान भाग्य के आह्वान का है। अमृतकाल की प्रथम प्रभा में सफलता
की अमृत वर्षा हुई है। हमने धरती पर संकल्प लिया और चांद पर उसे साकार किया।''
उन्होंने कहा, ''आज हम अंतरिक्ष
में नए भारत की नई उड़ान के साक्षी बने हैं। हर घर में उत्सव शुरू हो गया है। हृदय
से मैं भी अपने देशवासियों के साथ अपने परिवारजनों के साथ इस उमंग और उल्लास से
जुड़ा हुआ हूं। मैं टीम चंद्रयान को, इसरो को और देश के सभी वैज्ञानिकों को जी-जान
से बहुत-बहुत बधाई देता हूं। जिन्होंने इस क्षण के लिए वर्षों से इतना परिश्रम
किया। हमारे वैज्ञानिकों के परिश्रम से भारत उस दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचा है, जहां आज तक
दुनिया का कोई भी देश नहीं पहुंच सका है। आज के बाद से चांद से जुड़े मिथक बदल
जाएंगे, कथानक भी बदल जाएंगे और नई पीढ़ी के लिए कहावतें भी बदल जाएंगी।
भारत में तो हम सभी लोग धरती को मां कहते हैं और चांद को मामा बुलाते हैं। कभी कहा
जाता था कि चंदा मामा बहुत दूर के हैं,
अब एक दिन वो भी आएगा, जब बच्चे कहा
करेंगे कि चंदा मामा बस एक टूर के हैं।''
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