सीटू ने हमीरपुर में केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के राष्ट्रीय आह्वान पर भारत छोड़ो आंदोलन की शुरु आत होने के ऐतिहासिक दिन पर नरेंद्र मोदी गद्दी छोड़ो के नारे के साथ विशाल प्रदर्शन किया।
बुधवार को हजारों की तादाद में मजदूर अस्पताल चौक पर इकट्ठा हुए और जिलामुख्यालय के मुख्य बाजार से होते हुए गांधी चौक तक रैली निकाली व गांधी चौक पर विशाल जनसभा की। जनसभा को सीटू के राष्ट्रीय सचिव डॉ कश्मीर सिंह ठाकुर, हिमाचल भवन एवं सड़क निर्माण मजदूर यूनियन (संबंधित सीटू) के राज्य अध्यक्ष जोगिंदर कुमार, जिला के सचिव रंजन शर्मा ब्लॉक सचिव सुरेश राठौर ने संबोधित किया। डा. कश्मीर सिंह ठाकुर ने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि जब से केंद्र में मोदी की सरकार बनी है तब से लगातार मजदूर विरोधी, जनता विरोधी और देश विरोधी निर्णय ले रही है। मोदी सरकार ने मजदूरों के लिए बने सभी श्रम कानूनों को समाप्त कर दिया है और उसकी जगह चार नए लेबर कोड बनाए गए हैं। ये लेबर कोड मजदूरों को बंधुआ मजदूरी और गुलामी की दिशा में धकेलने का प्रयास मात्र हैं। पहले मजदूरों को 8 घंटे काम करने का अधिकार था जिसे बदलकर 12 घंटे कर दिया गया है।
मजदूरों को काम की सुरक्षा नहीं रखी गई है और इसे मालिकों के पक्ष में कानून को बदला गया है मालिक जब चाहे मजदूरों को बिना किसी नोटिस के निकाल सकते हैं। मजदूरों से विरोध करने का अधिकार भी छीना गया है और हड़ताल को गैर कानूनी बना दिया गया है।
अगर कोई मजदूर काम करने पर वेतन ना मिलने पर अगर अपने अधिकारों के लिए हड़ताल करते हैं तो उसके लिए ऐसे प्रावधान कर दिए हैं कि मजदूरों को जेल भेजा जा सकता है और उनके वेतनमान में कटौती की जा सकती है उन पर भारी-भरकम जुर्माना लगाया जा सकता है जो कि मजदूरों को आवाज उठाने के अधिकार को पूरी तरह से कुचलने के लिए बनाए गए हैं।
उन्होंने कहा कि जहां एक तरफ देश में बेरोजगारी चरम पर है, महंगाई पर कोई नियंत्रण नहीं है, देश में महिलाओं पर अपराध लगातार बढ़ रहे हैं और कोई संभावना जनता को राहत, युवाओं के भविष्य का कोई रास्ता नजर नहीं आ रहा है ऐसे समय में मोदी सरकार सांप्रदायिक, जातीय, क्षेत्रीय हर तरह के हथकंडे अपनाकर जनता को लड़वाने का प्रयास कर रही है।
मणिपुर में नस्लीय हिंसा में सैकड़ों लोगों की जान जा चुकी है हजारों लोग लोगों के घरों को जलाया जा चुका है। उसके बाद हरियाणा में सुनिश्चित सुनियोजित तरीके से सांप्रदायिक हिंसा को भड़काया गया जिसमें 6 लोगों की जान जा चुकी है। वहीं दूसरी तरफ प्रदेश सरकार भी श्रमिक कल्याण बोर्ड में चार लाख से ज्यादा पंजीकृत निर्माण मजदूरों के लाभ रोक के बैठी है जिसके चलते मजदूरों में भारी रोष है। कई बार मुख्यमंत्री व सरकार के प्रतिनिधियों के मुलाकात करने के बावजूद मजदूरों को मात्र आश्वासन ही मिल रहे हैं जिससे मजदूरों में भारी रोष है।
मजदूरों ने चेतावनी दी कि अगर जल्द ही श्रमिक कल्याण बोर्ड के लाभ जारी नहीं किए गए तो 24 अगस्त को श्रमिक कल्याण बोर्ड कार्यालयों का घेराव किया जाएगा ।
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