Inauguration of Gogamedi Fair 2023 सांप्रदायिक सद्भाव के प्रतीक गोगामेड़ी मेले का राष्ट्रीय ध्वजारोहण के साथ किया विधिवत्त शुभारंभ
गोगामेड़ी/ चौपटा। हरियाणा की सीमा से सटे राजस्थान के धार्मिक, ऐतिहासिक एवं पवित्र स्थल गोगामेड़ी में उत्तरी भारत के सबसे बड़े सांप्रदायिक सोहदर्य के प्रतीक गोगामेड़ी मेले का बुधवार को विधिवत् पूजा अर्चना तथा झंडारोहण के साथ शुभारंभ किया गया।
कोरोना तथा लंपी डिजीज के कारण पिछले वर्षों में गोगामेड़ी में पशु मेला आयोजित नहीं किया गया था, इस बार पशु मेले का भी शुभारंभ किया गया। इस अवसर पर देवस्थान विभाग और पशुपालन विभाग ने संयुक्त रूप से गोगामेड़ी मेले का उद्घाटन समारोह गोगामेड़ी में आयोजित किया।
शुभारंभ अवसर पर इस अवसर पर भादरा विधायक बलवान पुनिया, नोहर एडीएम श्रीमती चंचल वर्मा, नोहर पंचायत समिति प्रधान श्री सोहन ढील, श्री मंगेज चौधरी, नोहर एसडीएम सत्यनारायण सुथार, भादरा एसडीएम श्रीमती शकुंतला चौधरी, नोहर एडिशनल एसपी श्री सुरेश जांगिड़, पशुपालन विभाग संयुक्त निदेशक डॉ सुचिता चटर्जी, गोगामेडी सरपंच श्री महंत रुपनाथ, देवस्थान विभाग सहायक आयुक्त सहित मेले में नियुक्त कर्मचारी और अधिकारीयों ने पूजा अर्चना कर राष्ट्रीय ध्वजारोहण किया। मेला 29 सितंबर तक चलेगा। इस बार का मुख्य पर्व गोगानवमी 7,8 सितंबर को मनाया जाएगा।
भादरा विधायक बलवान पूनिया ने कहा कि गोगामेड़ी मेले 2018 में दुकानों की नीलामी से 1.75 करोड़ का राजस्व मिला था जो की 2023 में बढ़कर 5.25 करोड़ हो गया है। देवस्थान विभाग द्वारा दुकानों की नीलामी ऑनलाइन करने से लोगों द्वारा कब्जा करने, भाई भतीजावाद तथा वसूली के धंधे बंद हो गए है। प्रशासन और देवस्थान विभाग की तारीफ करते हुए विधायक ने कहा कि मेले को ऑनलाइन करने का बड़ा कार्य किया गया है। मेले के लिए अभी राज्य सरकार ने 8.50 करोड रुपए का बजट स्वीकृत किया है, जिससे मेले में स्थाई बैरिकेडिंग बनेगी, बैरिकेडिंग के ऊपर शेड बनेगी, टेंट लगाने की आवश्यकता नहीं रहेगी तथा इंटरलोक से सुविधाओं में बढ़ोतरी होगी।
2 वर्ष बाद गोगामेड़ी मेला साफ सुथरा व सभी सुविधाओं से युक्त होगा। विधायक ने गोगाना की तरफ भी व्यवस्था को पारदर्शी बनाने की जरूरत बताई। आने वाले वक्त में इस लक्खी मेले में करोड़ों श्रद्धालुओं की भीड़ आएगी। पिछले वर्ष मेले में 26 लाख श्रद्धालु आए थे, इस वर्ष 40 लाख से अधिक श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है। विधायक ने कहा कि गोगामेड़ी से ददरेवा के लिए अब सीधी सड़क है, आसपास के गांवों को भी गोगामेड़ी के साथ सड़कों से जोड़ा गया है। मेले में साफ सुथरा और स्वच्छ पानी सप्लाई हो रहा है, नोहर एडीएम श्रीमती चंचल वर्मा ने कहा कि मेले में हर वर्ष सुधार हो रहा है, जनप्रतिनिधि भी कंधे से कंधा मिलाकर साथ दे रहे है।
बिजली, पानी, साफ सफाई के लिए बेहतरीन व्यवस्थाए की गई है। बिना भेदभाव व जात-पात के इस मेले में सभी श्रद्धालु दर्शन करें। श्रद्धालुओं से आग्रह है की व्यवस्थाओं को बनाने में प्रशासन का सहयोग करे। साफ सफाई बनाए रखें तथा लाइन बनाने में पुलिस का सहयोग करें। नोहर प्रधान सोहन ढिल ने कहा कि हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी प्रशासन ने पुख्ता इंतजामात किए है। हर वर्ष सुधार का प्रयास रहता है, साफ सफाई की तरफ ज्यादा ध्यान दिया जा रहा है तथा सभी व्यवस्थाओं को माकूल किया गया है। पानी, बिजली, साफ़ सफाई की व्यवस्था पर और ध्यान दिया जाए और जब तक यहां के निवासी सहयोग नहीं करेंगे तब तक व्यवस्थाएं सुचारू नहीं हो सकती, इसलिए प्रशासन का सहयोग करें।
मेले को चार सेक्टर में विभाजित कर प्रभारी अधिकारी किए नियुक्त
नोहर एसडीएम श्री सत्यनारायण सुथार ने कहा कि उत्तर भारत के सबसे बड़े सांप्रदायिक सद्भाव के मेले के लिए सभी कर्मचारी मुस्तैदी से कार्य करे, हमारा उद्देश्य है कि श्रद्धालुओं को कम से कम परेशानी हो। मेले क्षेत्र को चार सेक्टर में विभाजित किया गया है तथा प्रत्येक सेक्टर के लिए एक प्रभारी अधिकारी नियुक्त किया गए है। प्रभारी अधिकारियों की सहायता के लिए कर्मचारियों को नियुक्त किया गया है। दुकानों के लिए ऑनलाइन ही नीलामी की गई है तथा बैरिकेडिंग की बेहतरीन व्यवस्था की गई है। हमारा उद्देश्य है कि सभी श्रद्धालु खुश होकर मेले से जाए ।
गोगामेड़ी मेले एक नजर
जाहरवीर गोगा जी का जन्म भादो मास में नवमी को माना जाता है, जिसे गोगा नवमी कहते हैं। इसलिए पूरे भादो मास गोगामेडी में मेला लगता है यहां पर हरियाणा, पंजाब, दिल्ली, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल सहित देश के दूर-दूर के राज्यों श्रद्धालु आते हैं। इस बार यह मेला 30 अगस्त से शुरू होगा और 29 सितंबर तक चलेगा। सबसे बड़ा मेला 7 और 8 सितंबर गोगा नवमी को लगेगा। गोगा जी के भक्त गुरु शिष्य परंपरा का निर्वाह करते हुए पहले गुरु गोरखनाथ के धूणें पर जाकर नमन करते हुए फिर गोरक्ष गंगा में स्नान करने के बाद 3 किलोमीटर तक पैदल चलकर कनक दंडवत गोगामेडी में जाहरवीर की समाधि पर धोक लगाते हैं, व सजदा करते हैं। मंदिर में समाधि बनी हुई है यहां पर मनोकामना पूरी होने पर श्रद्धालु नारियल, खील, पतासे, नारियल, नीली ध्वजा, सोने व चांदी के छत्र इत्यादि चढ़ावा चढ़ाते हैं। जाहरवीर की समाधि पर धोक लगाने के बाद श्रद्धालु रानी सीरियल, माता बाछल, नाहरसिंह पांडे, भज्जू कोतवाल, रत्तना हाजी, सबल सिंह बावरी, केसरमल, जीत कौर, श्याम कौर, व भाई मदारण की समाधियों पर भी नमन करते हैं। गोगामेडी स्थल में 158 एकड़ भूमि आरक्षित है। जिस का रखरखाव देवस्थान विभाग राजस्थान सरकार के अधीन है। मंदिर में हिंदू और मुसलमान दोनों ही धर्मों के पुजारी हैं । भादो मास में ही गोगामेडी में उत्तर भारत का सबसे बड़ा ऊंट मेला लगता है। यहां पर देश के कोने-कोने से ऊंट व्यापारी व किसान पहुंचते हैं यह मेला पशुपालन विभाग राजस्थान सरकार के सौजन्य से आयोजित किया जाता है । गोगामेडी मेला परिसर में क्षेत्र में भादो मास में गोगा जी का रात्रि जागरण होता है । भक्तों को गोगा जी की घोट व छाया आती है। तो भक्त अपने आप को लोहे की जंजीरों से पीटने लगते हैं।
फोटो। गोगाजी की पूजा अर्चना कर गोगामेड़ी मेले का शुभारंभ करते हुए
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