बड़ी खबर : मांगे पूरी नहीं होने पर 4 किसान चढ़े नारायण खेड़ा गांव के जलचर की 50 मीटर ऊंची टंकी पर

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बड़ी खबर : मांगे पूरी नहीं होने पर 4 किसान चढ़े नारायण खेड़ा गांव के जलचर की 50 मीटर ऊंची टंकी पर



हरियाणा के सिरसा जिले के गांव नारायण खेड़ा में किसानों की मांग पूरी नहीं होने पर चार किसान बुधवार सुबह पानी की टंकी पर चढ़े गये। किसान अलग अलग गांवों से है। बता दें कि चौपटा तहसील कार्यालय में किसानों ने 90 दिन से मांगों को लेकर धरना दिया हुआ था। पानी की टंकी पर चढ़े किसानों की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंचे।


गांव नारायण खेड़ा में बने जलघर की टंकी पर बुधवार को सुबह करीब साढ़े पांच बजे चार किसान पानी की टंकी पर चढ़ गये। इनमें गांव नारायण खेड़ा निवासी किसान भरत सिंह झाझड़ा, शक्करमंदोरी निवासी दिवान सहारण व नरेंद्र सिंह, गांव नाथूसरी कलां निवासी जयप्रकाश शामिल है। 




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अधिकारियों द्वारा लिखित में आश्वासन की समय सीमा खत्म, नहीं हुआ बीमा क्लेम की समस्या का समाधान- भरत सिंह झाझड़ा 

 सरकार किसानों की मांगों पर कोई ध्यान नहीं दे रही : भरत सिंह झाझड़ा 

बीमा क्लैम व मुआवजा को लेकर चौपटा तहसील कार्यालय प्रांगण में किसानों धरना  90 वें दिन में प्रवेश 


चौपटा-  तहसील कार्यालय नाथूसरी चौपटा में भारतीय किसान यूनियन के बैनर तले किसानों का मांगों को लेकर धरना लगातार 90 वें दिन भी जारी है. सोमवार को किसानों ने प्रदेश सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रोष जताया। इस दौरान किसानों ने मुख्यमंत्री व कृषि मंत्री मुदार्बाद के नारे भी लगाए।  भारतीय किसान यूनियन के जिला प्रधान भरत सिंह झाझड़ा, महासचिव दीवान सहारण, जिला प्रभारी नरेंद्र पाल, किसान नेता नंदलाल ढिल्लों, जगदीश चाडीवाल,ओमप्रकाश झुरिया, रामेश्वर नंबरदार नहराणा, महावीर सहारण जसानिया, रामनिवास शक्कर मंदोरी, जेपी कासनियां नाथूसरी कलां,भगत सहारण, सीताराम, राजेंद्र सहारण नहराणा, सोनू सहारण, राम सिंह नेजिया खेड़ा, कृष्ण कुमार, जय सिंह श्योराण जसानिया, मोती कासनियां, दिलीप बैनीवाल रायपुर, रूप राम बैनीवाल बरासरी, रविंद्र कासनियां, रामपाल, महेंद्र बिछला, राममूर्ति सहू खेड़ी, राममूर्ति ढिल्लो, सोनू, विपिन रुपावास, भंवर सिंह, रामस्वरूप रुपावास, सतबीर शाहपुरिया, मेनपाल, मनीष, जयवीर सहित कई किसानों ने कहा कि किसानों की मांगों पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। जिला के प्रशासनिक व कृषि अधिकारियों द्वारा बीमा क्लेम का समाधान 31 जुलाई 2023 तक करने का लिखित आश्वासन दिया गया था।  वह समय सीमा भी अब खत्म हो गई है लेकिन बीमा क्लेम की समस्या का कोई समाधान नहीं हुआ है।  किसान यहां पर 90 दिन से धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। किसानों का कहना है की उनकी मांगों को लेकर सरकार द्वारा कोई सुनवाई नहीं होने के कारण उन्हें मजबूरन धरना प्रदर्शन करना पड़ रहा  है । किसानों की हालत दिन प्रतिदिन दयनीय होती जा रही है। जबकि सरकार कोई ध्यान नहीं दे रही है। किसानों की मांग है कि खरीफ 2022 फसल का बीमा क्लैम व मुआवजा जारी किया जाएसीएससी सेंटर के द्वारा रद्द हुए बीमे को बहाल करें,.हर साल बीमा व मुआवजा देने की निश्चित तिथि तय की जाए। 


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