चंद्रयान-3 ने चंद्रमा के साउथ पोल इलाके में सफलतापूर्वक लैंडिंग करके इतिहास रच दिया है. चंद्रयान-3 की इस सफलता से पूरे देश को इसरो के वैज्ञानिकों पर गर्व है. इस मिशन से राजस्थान के डीडवाना का नाम भी जुड़ गया है.
ऐसा इसलिए क्योंकि डीडवाना के किसान की बेटी सुनीता खोखर ने चंद्रयान-3 की लैंडिंग में अहम भूमिका निभाई है.
आपको बता दें कि चंद्रयान 3 के जरिए भारत चांद पर साउथ पोल इलाके में पहुंच गया है जहां आज तक कोई भी देश नहीं पहुंच पाया. देश के सपने, गौरव और विश्वास को साथ लेकर 'चंद्रयान-3' 14 जुलाई को रवाना हुआ था जो 23 अगस्त की शाम चांद की सतह पर सफलतापूर्वक लैंड कर गया.
चंद्रयान का सेंसर बनाने में रहा अहम रोल
चंद्रयान-3 में उपयोग हो रहे सेंसर को बनाने में सुनीता खोखर का विशेष योगदान रहा है. सेंसर का मुख्य कार्य चंद्रयान की गति और ऊंचाई बताने का है. इसकी सारी एक्टिविटी को लेकर प्रोग्राम बनते हैं. वह सेंसर के माध्यम से ही बनते हैं और उसी से ही सारी सूचनाएं इसरो के वैज्ञानिकों को प्राप्त होती है.
सरकारी स्कूल से की पढ़ाई
सुनीता खोखर का जन्म डीडवाना उपखंड के ग्राम डाकीपुरा में 20 जुलाई 1993 को हुआ. सुनीता के माता-पिता किसान हैं और अपने गांव में ही खेती बाड़ी का काम करते हैं. सुनीता ने कक्षा 1 से लेकर आठवीं तक अपने गांव के ही सरकारी स्कूल में पढ़ाई थी. इसके बाद उसने गांव से निकलकर उच्च शिक्षा हासिल की.
इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी करने के बाद वह दूसरे प्रयास में इसरो में जाने में सफल हुई. फिर चंद्रयान-3 मिशन का हिस्सा बनकर सुनीता ने डीडवाना का मान बढ़ाया है..
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