खरीफ फसल 2022 बीमा क्लेम की मांग : नारायण खेड़ा किसान धरने से किसानों ने किया भावदीन टोल प्लाजा के लिए कूच, महिलाओं ने संभाली धरने की कमान

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खरीफ फसल 2022 बीमा क्लेम की मांग : नारायण खेड़ा किसान धरने से किसानों ने किया भावदीन टोल प्लाजा के लिए कूच, महिलाओं ने संभाली धरने की कमान



धरना स्थल पर महिलाओं ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी के साथ साथ गीतों से रखा वातावरण को गुंजायमान

क्यू बीज बिगन के बोवै र खट्टर देखे सै राम...

मोदी रे हम तेरी बना देंगे रेल किसी भूल में ना रहिए.....

कर लो कदर किसान की....



चौपटा प्लस न्यूज। खरीफ फसल 2022 के बीमा क्लेम और मुआवजे की मांग को लेकर संघर्ष कर रहे किसानों ने आंदोलन तेज कर दिया है। बुधवार को किसानों ने सरकार की आंखें खोलने के लिए नेशनल हाईवे नंबर 9  पर टोल प्लाजा पर प्रदर्शन कर नेशनल हाईवे को अनिश्चितकालीन के लिए बंद कर दिया। उधर नारायण खेड़ा में पिछले 15 दिन से 4 किसान जल घर की टंकी पर चढ़े हुए हैं और जलघर प्रांगण में किसानों के धरने की कमान महिलाओं ने संभाल ली। बुधवार को धरने की अध्यक्षता नाथूसरी कलां की सरपंच रीटा कासनियां ने की।  सिरसा जिले के 100 से अधिक गांवों की महिलाओं ने बुधवार को नारायण खेड़ा किसान धरने पर पहुंचकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और धरने को सुचारू रूप से चलाया। 



नारायण खेड़ा जल घर में चल रहे बीमा क्लेम की मांग को लेकर धरना स्थल पर चार किसान भरत सिंह झाझड़ा, नरेंद्र पाल सहारण, दीवान सहारण और जयप्रकाश कासनियां पिछले 15 दिन से जल घर की टंकी पर चढ़े हुए हैं। सरकार द्वारा किसानों की मांगों को लेकर कोई भी सुनवाई न होने पर किसानों ने रोष स्वरूप 16 अगस्त को नेशनल हाईवे नंबर 9 पर बने भावदीन टोल प्लाजा को बंद कर नेशनल हाईवे को अनिश्चितकाल के लिए जाम करने का फैसला लिया। इसी के तहत सिरसा जिले के गांव के किसान भावदीन टोल प्लाजा के लिए कूच कर गए पीछे से नारायण खेड़ा धरने की कमान किसान महिलाओं ने संभाली। सरपंच रीटा कासनियां, मनावती माखोसरानी, उर्मिला कैंरावाली, उन्नति बैनीवाल, अमन सहारण, सुनीता नारायण खेड़ा, उजाला, गुड्डी रायपुर सहित हजारों महिलाओं ने सरकार के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया और धरना स्थल पर सरकार विरोधी नारे लगाए व गीतों से वातावरण को गुंजायमान रखा। 



महिलाओं ने क्यू बीज बिगन के बोवै र खट्टर देखे सै राम...

मोदी रे हम तेरी बना देंगे रेल किस भूल में ना रहिए.....

कर लो कदर किसान की....

सहित गानों पर सरकार को कोसा। इसके साथ ही मोदी सरकार मुर्दाबाद, बीजेपी जेजेप सरकार मुर्दाबाद,

 सुनीता दुग्गल मुर्दाबाद, कृषि मंत्री मुर्दाबाद के नारों से पूरे दिन वातावरण को गुंजायमान रखा।


टंकी पर चढ़े चारों किसानों के घर की महिलाओं ने धरना स्थल पर बढ़ाया हौसला

पिछले 15 दिन से बीमा क्लेम की मांग को लेकर टंकी पर चढ़े किसान नरेंद्र पाल की माता हंसकर सहारण  दीवान सहारण की माता पार्वती, भारत सिंह झांझड़ा की माता भगवानी देवी और जयप्रकाश कासनियां की पत्नी सरोज भी पूरे दिन धरना स्थल पर डटी रहीं। इन्होंने क्षेत्र से आई हुई हजारों महिलाओं का हौसला बढ़ाया। उन्होंने कहा कि जब तक किसानों की जीत नहीं होगी तब तक आंदोलन जारी रहेगा। इन्होंने कहा कि खेतों में काम का समय तो चल रहा है लेकिन किसानी को बचाने के लिए उनके घर से संघर्ष कर रहे पुरुषों पर उन्हें गर्व है। उन्होंने ने कहा की घर और खेत का दोनों काम करने के साथ-साथ धरना स्थल पर भी आकर समय देकर उन्हें शुकून मिलता है। 


धरना स्थल पर लंगर की व्यवस्था ग्राम पंचायत द्वारा की जाती है

नारायण खेड़ा किसान धरने पर खाने पीने की व्यवस्था किसान संगठन और ग्राम पंचायतों द्वारा की जाती है।  दिन रात लंगर चलता रहता है। टंकी पर चढ़े चारों किसानों के लिए खाने-पीने का सामान बाल्टी के रस्सी बांधकर पहुंचाया जाता है।


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