राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शुक्रवार को कहा की कांस्टेबल प्रहलाद सिंह तंवर ने बहादुरी दिखाई। साथ ही ऐलान किया कि मृतक प्रहलाद सिंह तंवर के परिजनों को एक करोड़ रुपए की आर्थिक सहायता दी जाएगी। परिवार के एक सदस्य को अनुकम्पा के आधार पर सरकारी नौकरी दी जाएगी। साथ ही फास्ट ट्रैक कोर्ट में केस चलेगा। इसके साथ ही राजस्थान सीएम गहलोत ने कहा कांस्टेबल प्रहलाद सिंह तंवर की पत्नी को कृषि कार्य के लिए बिजली कनेक्शन मिलेगा। क्राइम पर सीएम गहलोत ने सख्त रुख अख्तियार करते हुए कहा, अपराधी या तो अपराध छोड़े या फिर राजस्थान छोड़ें। मृतक कांस्टेबल प्रहलाद सिंह तंवर के परिजनों ने एक मांग पत्र सरकार सौंपा। जिसमें 13 सूत्री मांगें थी।
राजस्थान के दौसा जिले में बदमाशों की गोली से घायल हुए पुलिस कांस्टेबल प्रह्लाद सिंह ने शुक्रवार को इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। बुधवार को दौसा जिले में सिकंदरा थाना क्षेत्र के रेटा गांव में बाइक चोर कुछ बदमाशों ने उनका पीछा कर रहे पुलिसकर्मियों पर गोलियां चलाई थीं।
इस घटना में जिला विशेष टीम (डीएसटी) के कॉन्स्टेबल कांस्टेबल प्रह्लाद सिंह घायल हो गए। उन्हें जयपुर के सवाई मान सिंह अस्पताल में भर्ती कराया गया था। दो दिन पहले दौसा जिले में पुलिसकर्मियों द्वारा बदमाशों का पीछा किए जाने के दौरान बदमाशों ने पुलिस पर फायरिंग की थी। इस हमले में पुलिस के एक सिपाही प्रह्लाद सिंह के सिर में गोली लगी थी। घायल प्रह्लाद सिंह का दो दिन से जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल में इलाज चल रहा था। शुक्रवार 25 अगस्त को इलाज के दौरान प्रह्लाद सिंह ने दम तोड़ दिया। प्रह्लाद सिंह मौत के साथ पुलिस महकमें गम की लहर दौड़ गई। मुर्दाघर के बाहर प्रह्लाद सिंह के परिजनों और सैंकड़ों समर्थक धरने पर बैठ गए। परिजनों और समर्थकों ने राज्य सरकार से मांग की है कि ड्यूटी के दौरान बदमाशों की गोली के शिकार हुए जाबांज सिपाही प्रह्लाद सिंह को शहीद का दर्जा दिया जाए।
मुख्यमंत्री अशोक
गहलोत ने जताया दुख
जांबाज सिपाही
प्रहलाद सिंह की मौत होने पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने दुख जाहिर किया है। सीएम
गहलोत ने मृतक सिपाही के परिवार जनों को एक करोड़ रुपए की आर्थिक सहायता देने की
घोषणा की है। साथ ही एक आश्रित को अनुकंपा नौकरी देने का भी आश्वासन दिया है।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि इस मामले की सुनवाई फास्ट ट्रेक कोर्ट में करवाई
जाएगी ताकि अभियुक्तों को जल्द से जल्द सजा मिल सके।
ये 13 मांगें रखी गई है सरकार के समक्ष
प्रह्लाद सिंह को
शहीद का दर्जा मिले।
मृतक प्रह्लाद
सिंह के आश्रित को तहसील क्षेत्र में 50 बीघा जमीन दी जाए।
प्रह्लाद सिंह के
आश्रित के नाम एक पेट्रोल पंप का आवंटन किया जाए।
स्वर्गीय
प्रह्लाद सिंह की पत्नी और बच्चों के भरण पौषण के लिए 2.5 करोड़ रुपए की आर्थिक सहायता दी जाए।
स्वर्गीय
प्रह्लाद सिंह की पत्नी को द्वितीय श्रेणी की सरकारी नौकरी दी जाए।
मृतक बच्चे के
बालिग होने पर सरकारी नौकरी दिए जाने का लिखित में अनुमति पत्र दिया जाए।
प्रह्लाद सिंह को
गेलेन्ट्री अवार्ड प्रमोशन के तमाम लाभ प्रदान किए जाए।
प्रह्लाद सिंह के
मूल निवास स्थित गांव की स्कूल का नामकरण शहीद प्रह्लाद सिंह के नाम से किया जाए।
प्रह्लाद सिंह के
बच्चों को केन्द्रीय विद्यालयों में प्राथमिक और उच्च शिक्षा राज्य सरकार के खर्चे
पर दिलाई जाए।
दौसा पुलिस लाइन
में शहीद स्थल पर प्रह्लाद सिंह की मूर्ति की स्थापना की जाए।
शहीद को दी जाने
वाली तमाम सुविधाएं और सम्मान प्रह्लाद सिंह की पत्नी और बच्चों को अविलंब दिलाया
जाए।
गांव के मुख्य चौराहे पर प्रह्लाद सिंह की मूर्ति स्थापित की जाए।
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