भंवरी देवी के शव को जलाने वाला गिरफ्तार: 1 लाख रुपए का रखा था इनाम पुलिस को थी तलाश

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भंवरी देवी के शव को जलाने वाला गिरफ्तार: 1 लाख रुपए का रखा था इनाम पुलिस को थी तलाश



राजस्थान के बहुचर्चित भंवरी देवी हत्याकांड में भी विशनाराम आरोपी था। उस पर शव को जलाकर उसके अवशेष नहर में बहाने का आरोप है। भंवरी हत्याकांड में विशनाराम की सबूत मिटाने में भूमिका। विशनाराम सबसे पहले भंवरी देवी हत्याकांड से चर्चा में आया था। उस वक्त वह लोहावट का हिस्ट्रीशीटर था। पुलिस की छानबीन में सामने आया था कि भंवरी देवी के शव को उसी ने ठिकाने लगाया था। उसी ने शव को जलाकर उसकी राख और हड्डियों को राजीव गांधी लिफ्ट कैनाल में बहा दिया था। पुलिस ने 2010 में उसे अन्य साथियों के साथ गिरफ्तार किया था।

जोधपुर: दो साल पहले जमानत पर बाहर आए भंवरी देवी हत्याकांड के आरोपी गैंगस्टर विशनाराम जांगू को शनिवार रात लोहावट थाना क्षेत्र के दयाकोर गांव से गिरफ्तार किया गया। विशनाराम ने जमानत पर बाहर आने के बाद अपनी गैंग को एक्टिव कर दिया था।


पुलिस ने 10 दिन पहले ही उस पर एक लाख रुपए का इनाम घोषित किया था। फलोदी और जोधपुर ग्रामीण पुलिस ने संयुक्त कार्रवाई कर उसे गिरफ्तार किया।


जोधपुर ग्रामीण एसपी धर्मेंद्र यादव ने बताया- विशनाराम मूल रूप से जालोडा गांव का रहने वाला है। उस पर अब तक करीब 60 मामले दर्ज हैं। जमानत पर बाहर आने के बाद से वह लगातार अपराध में लिप्त था।
 
विशनाराम जांगू ने पुलिस को चकमा देकर भागने की कोशिश की तो पत्थरों में गिर गया। उसके दोनों पैर चोटिल हो गए। पुलिस ने उसे दबोच लिया।


ऐसे बिछाया पुलिस ने जाल: विशनाराम को पहले भी पुलिस ने तीन बार पकड़ने की कोशिश की, लेकिन हर बार वह पुलिस की आंखों में धूल झोंक कर फरार हो जाता। ऐसे में डीएसपी की टीम ने अपने मुखबिर तंत्र को इतना एक्टिव कर दिया था कि पिछले कुछ दिनों से उसकी हर एक्टिविटी को ट्रैस किया जा रहा था।

शनिवार को उसके अपने गांव में होने की सूचना मिली, लेकिन थोड़ी देर बाद ही वह किसी मंदिर में दर्शन करने के लिए पीलवा गांव के लिए रवाना हो गया। पुलिस ने रास्ते में दयाकोर गांव के पास दोनों तरफ से घेराबंदी कर उसकी स्काॅर्पियो को टक्कर मार कर उसे रोक लिया।

पुलिस पर हमला करने का आदतन अपराधी विशनाराम फिर से उसी तरह से भागने का प्रयास करने लगा। इस दौरान विशनाराम पत्थरों में गिर गया। उसके दोनों पैर में चोट आई। पुलिस ने उसे दबोच लिया। उसे लोहावट अस्पताल लाया गया। यहां प्राथमिक उपचार के बाद एमडीएम अस्पताल रेफर कर दिया।

फलोदी एसपी विनीत बंसल, एएसपी सौरभ तिवाड़ी भी लोहावट पहुंचे। लोहावट डीवाईएसपी शंकर मेघवाल, सीआई बद्रीप्रसाद मीणा और स्पेशल टीम के अमानाराम भी मौजूद रहे।

पुलिस 6 महीने से कर रही थी पकड़ने का प्रयास: जोधपुर ग्रामीण पुलिस की टीम छह महीने से लगातार उसे पकड़ने का प्रयास कर रही थी। सबसे पहले विशनाराम ने लोहावट में पुलिस पर फायरिंग की और भाग निकला। इसके बाद डीएसपी टीम पर बाप में फायरिंग की और भाग गया।

एक हफ्ते पहले शेरगढ़ में भी पुलिस ने विशनाराम को घेर लिया था, लेकिन वहां से भी वह भागने में सफल हो गया था।


2021 में विशनाराम जमानत पर बाहर आया था। उसके बाद फिर से अपराध की दुनिया में सक्रिय हो गया। 6 महीने से पुलिस को उसकी तलाश थी। 19 जून 2023 को जोधपुर ग्रामीण पुलिस ने विशनाराम पर 25 हजार रुपए का इनाम रखा था। 20 जून को पुलिस को सूचना मिली कि विशनाराम फलोदी थाना इलाके के मंडला खुर्द गांव में है। भोजासर थाना पुलिस ने दोपहर 1 बजे नाकाबंदी कर दी। सफेद स्कॉर्पियो मंडला खुर्द नाका से गुजरी। रुकने का इशारा किया तो ड्राइवर ने कार दौड़ा दी। पुलिस ने टायर पर फायर किए। विशनाराम फरार हो गया। उसके ड्राइवर श्रवणराम (20) का भागने के दौरान पैर फ्रैक्चर हो गया। श्रवणराम को गिरफ्तार कर लिया गया।

11 अगस्त को पुलिस मुख्यालय की ओर से इनामी राशि बढ़ाकर 1 लाख रुपए कर दी गई थी। इसके बाद पुलिस ने विशनाराम को पकड़ने की प्लानिंग भी नए सिरे से की।

आरोपी की 007 गैंग से दुश्मनी: विशनाराम 0029 गैंग चलाता है। एक और कुख्यात राजू मांजू की 007 गैंग से उसकी दुश्मनी भी है।

उसके जमानत पर बाहर आने के बाद लोहावट में एक शादी समारोह में दोनों गैंग आपस में भिड़ गई थीं। इसके बाद से ही पुलिस को लगातार गैंगवार होने का अंदेशा था।

राजस्थान के बहुचर्चित भंवरी देवी हत्याकांड में भी विशनाराम आरोपी था। उस पर शव को जलाकर उसके अवशेष नहर में बहाने का आरोप है। भंवरी हत्याकांड में विशनाराम की सबूत मिटाने में भूमिका। विशनाराम सबसे पहले भंवरी देवी हत्याकांड से चर्चा में आया था। उस वक्त वह लोहावट का हिस्ट्रीशीटर था। पुलिस की छानबीन में सामने आया था कि भंवरी देवी के शव को उसी ने ठिकाने लगाया था। उसी ने शव को जलाकर उसकी राख और हड्डियों को राजीव गांधी लिफ्ट कैनाल में बहा दिया था। पुलिस ने 2010 में उसे अन्य साथियों के साथ गिरफ्तार किया था।

इस उक्त मामले में महिपाल मदेरणा, मलखान सिंह समेत 17 लोग 10 साल की जेल काट चुके हैं। 2021 में आरोपियों को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिली थी।

गोलियां चलवाकर कोर्ट से भागने की कोशिश की थी: 2010 में आरोपी विशनाराम और कैलाश जाखड़ भंवरी देवी हत्याकांड में पेशी पर आए थे। इस दौरान विशनाराम ने कोर्ट से भागने के लिए गैंग से फायरिंग कराई थी। हालांकि वह सफल नहीं हो सका था। कैलाश जाखड़ मौके से भाग निकला था।

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