भट्टू (फतेहाबाद) क्षेत्र के कृषि विभाग के एडीओ का शव फांसी के फंदे पर लटका मिला, राजस्थान के पीलीबंगा के मूल निवासी था एडीओ

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भट्टू (फतेहाबाद) क्षेत्र के कृषि विभाग के एडीओ का शव फांसी के फंदे पर लटका मिला, राजस्थान के पीलीबंगा के मूल निवासी था एडीओ





हरियाणा के फतेहाबाद के भट्टू क्षेत्र के कृषि विभाग के एडीओ का शव संदिग्ध परिस्थितियों में उनके कमरे में फांसी के फंदे पर लटका हुआ मिला है। पुलिस मौके पर पहुंची तो कमरे का दरवाजा अंदर से बंद था। एडीओ पीलीबंगा राजस्थान के रहने वाले हैं, इसलिए उनके परिजनों को सूचित कर दिया गया है। वहीं पुलिस का कहना है कि परिजनों के आने के बाद ही दरवाजा खोलकर अंदर जांच की जाएगी।

 


यहां गौर करने लायक बड़ी बात यह है कि बीते दिन ही एडीओ के खिलाफ सिरसा की सदर डबवाली पुलिस ने धोखाधड़ी के आरोप में धारा 120 बी, 409, 420, 467, 468, 471 के तहत मामला दर्ज किया है। घटनाक्रम का कारण क्या रहा, पुलिस जांच में ही सामने आ पाएगा।

 

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जानकारी के अनुसार कृषि विभाग भट्टू के एडीओ विशाल भादू पीलीबंगा राजस्थान के रहने वाले थे और भट्टू में ड्यूटी होने के चलते यहां पर मॉडल टाऊन में मकान किराये पर लेकर रह रहे थे। आज उन्होंने अपने एक कारिंदे को बुलाया था, जब वह मौके पर पहुंचा तो देखा कि कमरे का गेट बंद था, काफी आवाज लगाने पर ही गेट नहीं खुला तो उसने पुलिस को सूचना दी। पुलिस मौके पर पहुंची और कमरे में लगे ऐसी की खिड़की से देखा तो उनका शव अंदर फांसी के फंदे पर लटका मिला।

 


डबवाली में हुआ केस दर्ज

वहीं बीते दिवस डबवाली सदर पुलिस ने वहां चार्ज पर रह चुके एडीओ विशाल भादू, कृषि विभाग के सुपरवाइजर, एक पटवारी व 14 किसानों के खिलाफ सीएम फ्लाइंग के सब इंस्पैक्टर राजेश कुमार की शिकायत पर मामला दर्ज किया था। सीएम फ्लाइंग ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि उन्होंने वर्ष 2021 खरीफ की प्रति हेक्टेयर रिपोर्ट, पटवारी द्वारा तैयार गिरदावरी रिपोर्ट, मुआवजा राशि की रिपोर्ट और किसानों द्वारा डाले गए क्लेम की रिपोर्ट का अवलोकन किया।

 

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इस दौरान यह सामने आया कि गांव पाना में गिरादवरी रिपोर्ट अनुसार 40 हेक्टेयर में ही धान की फसल बोई थी, जबकि किसानों द्वारा 104.71 हेक्टेयर भूमि में धान की फसल दिखाकर 37 लाख से ज्यादा का बीमा क्लेम ले लिया। पटवारी की खराबा रिपोर्ट में 2021 में पाना गांव में 550 हेक्टेयर में नरमा बुआई हुई थी, जिसमें 34 से 50 प्रतिशत नुकसान था, जिसके लाखों रुपए सरकार ने बांटे।

 


सीएम फ्लाइंग के सब इंस्पेक्टर के अनुसार कुछ किसानों ने कपास का मुआवजा सरकार से व धान का मुआवजा बीमा कंपनी से गलत तरीके से लिया गया और किसानों ने कृषि विभाग के अधिकारियों, कर्मचारियों से मिलीभगत कर झूठे दस्तावेज तैयार किए। जिस पर पुलिस ने 17 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था।


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