किसानों की आय में वृद्धि करने व फसल विविधीकरण के तहत लगाई गई बागवानी फसलों में होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए प्रदेश सरकार द्वारा मुख्यमंत्री भावंतर भरपाई योजना व बागवानी बीमा योजना का लाभ दिया जा रहा है। इस योजना के माध्यम से जिला के बागवानी खेती करने वाले किसान फसल की खेती के दौरान व उसके उत्पादन के बाद होने वाले जोखिमों को कम कर सकते है।
उपायुक्त पार्थ गुप्ता ने बताया कि किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल द्वारा शुरू की गई भावांतर भरपाई योजना व बागवानी बीमा योजना बागवानी किसानों के लिए एक अभूतपूर्व योजना है। यह योजना किसानों को सब्जियों व फलों के भाव से जोखिम मुक्त कर उन्हें फसल का उचित दाम दिलाने में कारगर साबित हो रही है।
उपायुक्त ने बताया कि इस योजना के तहत विभिन्न फसलों जैसे आलू, फूल गोभी, गाजर, मटर, टमाटर, प्याज, शिमला मिर्च, बैंगन, भिंडी, मिर्च, करेला, बंदगोभी, मूली, किन्नू, अमरूद, चीकू, आडू, आलूबुखारा, आम, नाशपाती, लीची, आंवला, बेर, लहसुन व हल्दी आदि को सूचीबद्ध किया गया है। उपरोक्त सभी फसलों के संरक्षित मूल्य सरकार द्वारा पहले से निर्धारित किए गए है।
इस योजना के तहत सरकार द्वारा निर्धारित संरक्षित मूल्यों से कम बिक्री होने पर जो नुकसान होगा उसकी भरपाई प्रदेश सरकार द्वारा किसानों को की जाएगी। उत्पादन से पूर्व होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए मुख्यमंत्री बागवानी बीमा योजना के तहत उत्पादक किसान उपरोक्त फसलों का बीमा भी करवा सकते हैं।
उन्होंने बताया कि इस योजना के अंतर्गत सब्जियों व मसालों पर 30 हजार रुपये प्रति एकड़ का बीमा किया जाएगा जिसके लिए किसान को 750 रुपये प्रति एकड़ भुगतान करना होगा।
वहीं फलों की खेती पर 1000 प्रति एकड़ का प्रीमियम देखकर किसान 40 हजार रुपये प्रति एकड़ का बीमा करवा सकता है। योजना का लाभ लेने के लिए उत्पादक का मेरी फसल-मेरा ब्यौरा पर रजिस्ट्रेशन होने अनिवार्य है। जिला में इस योजना का लाभ उठाने के इच्छुक किसान इस विषय में और अधिक जानकारी के लिए किसी भी कार्यदिवस में जिला बागवानी अधिकारी के कार्यालय में संपर्क कर सकते है।
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव व मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी अनुराधा ने सोमवार को स्थानीय बाल गोपाल धाम, प्रोटेक्शन ऑफिस व वन स्टॉप सेंटर का दौरा किया और सुविधाओं का जायजा लिया।
सचिव अनुराधा ने द्वारा सबसे पहले बाल गोपाल धाम में जाकर मौजूद 51 बच्चों से मिली तथा वहां की साफ-सफाई, रहने की व्यवस्था का जायजा लिया। इसके पश्चात प्रोटेक्शन ऑफिस व वन स्टॉप सेंटर का निरीक्षण किया और वहां रह रहे लोगों से मिली व उनकी समस्याएं सुनी। इस दौरान उन्होंने जिला विधिक सेवा प्राधिकरण व प्राधिकरण द्वारा चलाई जा रही मुफ्त कानूनी सहायता योजना के बारे में विस्तार से बताया।
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