इस योजना के तहत
छोटे और सीमांत किसानों को 2-2 हजार रुपए की
तीन किस्तें, साल में (कुल 6000 रुपए), दी जाती हैं। स्कीम के तहत पहली किस्त अप्रैल-जुलाई के बीच,
दूसरी किस्त अगस्त-नवंबर के बीच और तीसरी किस्त
दिसंबर-मार्च के बीच जारी की जाती है। इस योजना की शुरुआत 2019 में किसानों को आर्थिक मदद देने के लिए की गई
थी।
योजना के पात्र
लाभार्थी कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) के जरिए भी अपना
रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं। इसके अलावा स्थानीय पटवारी, राजस्व अधिकारी और योजना के लिए राज्य सरकार की ओर से नामित
नोडल अधिकारी ही किसानों का रजिस्ट्रेशन कर रहे हैं।
ऐसे चेक करें
आपका नाम इसमें जुड़ा या नहीं
अगर आपने योजना
का फायदा लेने के लिए आवेदन किया है और अब अपना नाम लाभार्थियों की सूची में देखना
चाहते हैं तो सरकारी वेबसाइट https://pmkisan.gov.in/ पर चेक कर सकते हैं।
PM किसान योजना में
सभी किसानों को मिलता है फायदा
शुरुआत में जब पीएम-किसान योजना शुरू की गई थी (फरवरी, 2019), इसका लाभ केवल छोटे और सीमांत किसानों के परिवारों के लिए था। इसमें वो किसान शामिल थे जिनके पास 2 हेक्टेयर तक की कम्बाइन्ड लैंड होल्डिंग (संयुक्त भूमि) थी।
जून 2019 में स्कीम को रिवाइज किया गया और सभी किसान
परिवारों के लिए इसे एक्सटेंड कर दिया गया। हालांकि, कुछ किसानों को अभी भी इस योजना से बाहर रखा गया है।
PM किसान से बाहर किए गए लोगों में संस्थागत भूमि धारक, संवैधानिक पदों पर बैठे किसान परिवार, राज्य या केंद्र सरकार के सेवारत या रिटायर्ड अधिकारी और कर्मचारी है। इसमें सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम और सरकारी स्वायत्त निकाय के अधिकारी-कर्मचारी भी शामिल हैं। https://pmkisan.gov.in/ पर किसान अपने खाते की जानकारी ले सकते है.
इनके अलावा डॉक्टर, इंजीनियर और वकील जैसे प्रोफेशनल्स के साथ-साथ 10,000 रुपए से ज्यादा की मासिक पेंशन वाले रिटायर्ड पेंशनर्स और पिछले असेसमेंट ईयर में इनकम टैक्स भरने वालों को भी इस स्कीम से बाहर रखा गया है।
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