शिवालिक की पहाड़ियों में हो रही बरसात के कारण फतेहाबाद जिले से गुजर रही घग्घर नदी में तेजी से जलस्तर बढ़ता जा रहा है। जिस कारण जिले के तटीय क्षेत्रों में रहने वाले लोगों की चिंताएं बढ़ गई हैं।
कुज घंटों में ही घग्घर में पानी का बहाव 2550 क्यूसिक से बढ़कर सुबह 9300 क्यूसिक तो सायं 4बजे तक 10500 क्यूसिक को पार कर गया । जाखल क्षेत्र के चांदपुरा साइफन में घग्घर में न केवल पानी का स्तर बढ़ा है, बल्कि पानी की रफ्तार भी डराने वाली है। चांदपुरा से पीछे गुहला चीका क्षेत्र में घग्घर जिस प्रकार के हालात बने हुए हैं, उसको देखते हुए जल्द ही यहां भी जलस्तर खतरे के निशान को छू सकता है।
गुहला- चीका से मंगलवार सुबह जहा पानी की निकासी 57737 क्यूसिक थी वही सायं तक बढ़कर 61730 क्यूसिक हो गई, जिस कारण लगातार जलस्तर बढ़ता जा रहा है प्रशासन लगातार स्थिति पर नजर बनाए हुए है।
सोमवार शाम को उपायुक्त ने यहां दौरा किया था तो आज सुबह हरियाणा सार्वजनिक उपक्रम ब्यूरो के चेयरमैन सुभाष बराला ने दौरा कर स्थिति का जायजा लिया। यहां पर घग्घर की क्षमता 22 हजार क्यूसिक है, जिसकी आधी क्षमता तो मात्र तीन दिन में ही पूरी हो गई है और पानी का बहाव अब पहले से कहीं ज्यादा रफ्तार से बढ़ रहा है।
बता दें कि शुक्रवार को यहां 1300 क्यूसिक पानी बह रहा था, जो मंगलवार सायं तक 10500 क्यूसिक हो गया। इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि किस कदर पानी यहां चढऩे लगा है। इससे पहले शाम को जिला उपायुक्त मनदीप कौर ने एसपी आस्था मोदी व अन्य अधिकारियों की टीम के साथ जाखल के चांदपुरा साइफन का दौरा कर स्थिति का जायजा लिया था। तब ग्रामीण उनसे मिले थे और घग्घर में समय रहते सफाई न होने और यहां जलकुंभी की भरमार की समस्या बताई थी।
सफाई न होने और जलकुंभी के चलते घग्घर संकरी हो जाती है पानी का फ्लो आगे न बहने पर तटबांध टूटने का खतरा बन जाता है। जिस पर डीसी ने अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए थे। आपको बता दें कि घग्घर जिले में कई बार बाढ़ की तबाही ला चुकी है। अंतिम बार 2010 में घग्घर जब ओवरफ्लो हुई और कई जगहों से तटबांध टूटे थे तो तो फतेहाबाद जिले में बाढ़ आ गई थी। घग्घर की क्षमता से ज्यादा पानी आने पर बाढ़ से बचाने के लिए रंगोई नाला बनाया गया था, लेकिन उस समय यह नाला भी काम नहीं आया और जिलेभर को बाढ़ ने अपनी चपेट में ले लिया था।
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