सफल किसान कैसे बने? How to Come Successful Farmer? साथ ही जानिए सफल किसानों की कहानियां

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सफल किसान कैसे बने? How to Come Successful Farmer? साथ ही जानिए सफल किसानों की कहानियां

 


Successful Farmer एक सफल किसान बनने के लिए मेहनत के साथ- साथ नई तकनीक को अपनाना भी बेहद जरूरी है. ग्रामीण परिवेश( Rural India) में जो भी किसान खेती के साथ- साथ दूसरे कृषि कार्य( Agriculture Works) करते हैं, नई तकनीकों का इस्तेमाल करते हैं, खेती के लिए नई तकनीकों( New Agriculture ways) का इस्तेमाल करते हैं या फिर नई फसलों की खेती( New Crops tilling) करते हैं, उन्हें ही ज्यादातर सफल किसान माने जातें है. आज हम आपको सफल किसान बनने के तरीकों के साथ साथ कई सफल किसानों की जानकारियां भी देंगें,

हर इंसान के लिए सफलता के मापदंड( Success Criteria) अलग- अलग होते हैं. कोई सफल डॉक्टर बनना चाहता है तो कोई सफल इंजीनियर या फिर सफल बिजनेस मैन, लेकिन एक सफल किसान( How to Come Successful Farmer) कैसे बना जाए, इस मामले में कोई बात नहीं करता. लोग पढ़- लिखकर नौकरी तो करना चाहते हैं, लेकिन कोई खेती नहीं करना चाहता.




सफल किसान बनने के लिए इन तरीकों को अपनाना चाहिए


भारत के गांवों में ज्यादातर लोगों का जमीनी काम खेती- किसानी ही होता है, लेकिन खेती किस तरीके से की जा रही है और इससे कितना लाभ मिल रहा है, यह भी उतना ही महत्वपूर्ण है. इस बीच कुछ किसान ऐसे भी होते हैं, जो खुद की मेहनत के दम पर नई कृषि तकनीक ईजाद करके खेती करते हैं और सफल बन जाते हैं. वहीं कुछ किसान ऐसे भी हैं, जो दूसरे किसानों से प्रेरणा लेकर सफल बनने के सफर में जुट जाते हैं. किसान हों या कोई अन्य पेशेवर, आज के समय में सफलता मतलब स्मार्ट वर्क के जरिये लाभ कमाने तक सीमित होता है, जो जितना ज्यादा पैसा कमाता है, उतना ही ज्यादा सफल साबित होता है. कुछ हद तक यह बात किसानों की कौम पर भी साबित होती है, इसलिए कम मेहनत में स्मार्ट खेती करके अच्छा कमाना बेहद जरूरी है. इस काम में एकीकृत कृषि प्रणाली( Integrated Farming System), जैविक खेती( Organic husbandry), प्राकृतिक खेती( Natural husbandry), मिश्रित खेती( Mixed husbandry), बहु कृषि, अंतरवर्तीय खेती(Co-cropping husbandry), वृक्षारोपण खेती( Tree Plantation Farming), शुष्क खेती, टिकाऊ खेती( Sustainable husbandry), मौसम के अनुसार खेती( Weather Based Farming), फसल चक्र का पालन( Crop Cycle in India), गहन खेती आदि को अपनाकर सफलता की सीढ़ी चढ़ सकते हैं.


बागवानी में सफलता

वर्तमान समय में जंगल और पशुओं के अलावा किसान ही प्रकृति के सबसे ज्यादा करीब है. किसान ना सिर्फ मिट्टी और जलवायु की अहमियत समझते हैं, बल्कि इस तरह खेती करते हैं कि पर्यावरण को नुकसान ना पहुंचे और लंबे समय तक किसानों को अच्छा मुनाफा मिलता रहे. ये सभी फायदे बागवानी फसलों की खेती के जरिये मिल सकते हैं.

बता दें कि बागवानी फसलों की मदद से कम खर्च और कम समय में किसान बेहद उत्पादन ले सकते हैं. चाहे कम अवधि में सब्जियों की खेती हो, या फिर लंबी अवधि के समय फलों की बागवानी, या फिर जड़ी- बूटियों की खेती ही क्यों ना हो.

खेती के साथ- साथ ये सहायक काम भी करें


किसानों को खेती की आधुनिक तकनीकें अपनानी चाहिए, जिसमें संरक्षित खेती भी शामिल है. वहीं किसानों को बड़ा नुकसान ना झेलना पड़े, इसके लिए खेती के साथ- साथ पशुपालन( Beast Husbandry), मछली पालन( Fish Farming), मुर्गी पालन( Poultry Farming), वृक्षारोपण( Tree Plantation) और खाद्य प्रसंस्करण( Food Processing) जैसे कार्य भी करते रहना चाहिए.

नई नई तकनीकों से जुड़े रहें


किसानों को खेती के पुराने तरीकों में नवाचार जोड़कर खेती करनी चाहिए. इसके लिए कृषि यंत्रों, मशीनों और खेती की आधुनिक तकनीकों पर जोर देना चाहिए. ये चीजें में वन टाइम इनवेस्टमेंट यानी एक समय में निवेश के बाद सालोंसाल किसानों का काम आसान बनाती है. इतना ही नहीं, किसानों को इंटरनेट और मोबाइन फोन की जानकारी भी होनी चाहिए, क्योंकि फसलों की उपज बाजार में ना बिकने पर मोबाइन फोन और इंटरनेट के जरिये कई समाधान तलाश सकते हैं. किसान चाहें तो बिना मंडियों के चक्कर काटे, खुद ही अपनी फसल की मार्केटिंग भी कर सकते हैं, क्योंकि ऑनलाइन बाजारों में जैविक और ताजा कृषि उत्पादों की काफी मांग रहती है.

आधुनिक खेती की सही ट्रेनिंग लें


वैसे तो किसानों को कभी- भी खेती सिखाई नहीं गई, क्योंकि पुरानी परंपराओं के मुताबिक घर के बुजुर्ग किसानों का हाथ बंटाकर ही किसान परिवार के बच्चे खेती सीख जाते हैं, लेकिन आधुनिक दौर में किसान परिवार के बच्चों को खेती की आधुनिक तकनीकों से जोड़ना बेहद जरूरी है, ताकि वे समय के साथ चलकर आधुनिक खेती( Advanced Farming ways) की तकनीकों को अपना सकें. सिर्फ किसान परिवार ही नहीं, साधारण युवा भी खेती- किसानी सीखकर किसी MNC के पैकेज से ज्यादा पैसा और सुकून कमा सकते हैं. भारत में कई सरकारी संस्थान ऐसे भी हैं, जो खेती, पशुपालन, मछली पालन, मुर्गीपालन, डेयरी फार्मिंग, पोल्ट्री फार्मिंग, मछली पालन आदि की ट्रेनिंग( Agriculture Training in India) के साथ- साथ वैज्ञानिक और आधुनिक खेती की शिक्षा भी देते हैं. इन संस्थानों में कृषि विज्ञान केंद्रों के अलावा ये संस्थान भी शामिल है.

चौधरी चरण सिंह  कृषि विश्वविद्यालय हिसार हरियाणा 
भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान( भाकृअसं), दिल्ली
नेशनल डेयरी रिसर्च इंस्टिट्यूट( एनडीआरआई), करनाल
केंद्रीय मत्स्य शिक्षा संस्थान( सीआईएफई), मुंबई
पंजाब कृषि विश्वविद्यालय( पीएयू), लुधियाना
जीबी पंत विश्वविद्यालय कृषि और प्रौद्योगिकी, उत्तराखंड
कृषि विज्ञान विश्वविद्यालय( एएसयू), बैंगलोर
आचार्य एनजी रंगा कृषि विश्वविद्यालय( एएनजीआरयू), हैदराबाद
बता दें कि किसानों की ज्यादातर सफलता की कहानियां खेती के आधुनिकीकरण( Modernization of Farming) से जुड़ी होती हैं. ज्यादातर किसान खेती में नवाचारों को अपनाने के कारण ही सफल किसान How To Come Successful Farmer कहलाते हैं. उनकी कहानियां दुनिया तक बाद में पहुंचती है, लेकिन पडोसी गांव, खेत- खिलाहन और किसान मित्रों के बीच अलग ही पहचान मिल जाती है, जो किसी भी ख्याति( Successful Farmer) से कहीं ज्यादा है.

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