क्या आप जानते हैं वे कारण जिनसे मां लक्ष्मी सदा प्रसन्न रहती है। जो भक्त देवी लक्ष्मी की पूजा तन,मन से करते है उन पर मां की कृपा हमेशा बनी रहती है। गृहलक्ष्मी देवी घर की गृहिणियों (स्त्रियों) में लज्जा, क्षमा, शील, स्नेह और ममता के रूप में विराजमान रहती हैं। ये मकान में प्रेम तथा जीवंतता का संचार कर उसे घर बनाती हैं और इनकी अनुपस्थिति में घर कलह, झगड़ों, निराशा आदि से भर जाता है।
गृहस्वामिनी को गृहलक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है। जहां गृहस्वामिनी का सम्मान नहीं होता है, गृह लक्ष्मी उस घर को त्याग देती है।
मां लक्ष्मी होंगी प्रसन्न-
शुक्रवार के दिन सुबह उठ कर स्नान आदि से निवृत होकर मां लक्ष्मी को नमन करें, सफेद वस्त्र धारण करें और मां लक्ष्मी के श्री स्वरूप के सामने खड़े होकर श्री सूक्त का पाठ कर कमल का फूल चढ़ाएं।
अगर पति-पत्नी में तनाव रहता है तो शुक्रवार के दिन अपने शयनकक्ष में प्रेमी पक्षी जोड़े की तस्वीर लगाएं।
अगर आपके काम में अवरोध आ रहा है, तो शुक्रवार के दिन काली चींटियों को चीनी और आटा डालें।
धन प्राप्ति के लिए मां लक्ष्मी के उस स्वरूप की पूजा करें जिसमें उनके हाथों से धन की वारिश हो रही हो।
संपत्ति और संतान की प्राप्ति के लिए गजलक्ष्मी मां की उपासना करें।
लक्ष्मी मां का एक रूप अन्न भी है। कुछ लोग क्रोध आने पर भोजन की थाली फेंक देते हैं। इस तरह की आदत धन, वैभव एवं पारिवारिक सुख के लिए नुकसानदायक होती है।
घर में स्थायी सुख-समृद्धि हेतु पीपल के वृक्ष की छाया में खड़े रहकर लोहे के बर्तन में जल, चीनी, घी तथा दूध मिलाकर पीपल के वृक्ष की जड़ में डालने से घर में लंबे समय तक सुख-समृद्धि रहती है और लक्ष्मी का वास होता है।
घर में बार-बार धनहानि हो रही हो तो घर के मुख्य द्वार पर गुलाल छिड़ककर गुलाल पर शुद्ध घी का दोमुखी दीपक जलाएं। दीपक जलाते समय मन ही मन यह कामना करें कि भविष्य में घर में धनहानि का सामना न करना पड़ें। जब दीपक शांत हो जाए तो उसे बहते हुए पानी में बहा दें।
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