खेत मे खुदाई करते समय मिट्टी धंसने से दो मजदूरों की मौत, पानी की डिग्गी में सुरंग बनाने का कार्य कर रहे....

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खेत मे खुदाई करते समय मिट्टी धंसने से दो मजदूरों की मौत, पानी की डिग्गी में सुरंग बनाने का कार्य कर रहे....

 राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले के पीलीबंगा  क्षेत्र के दोलतावाली गांव के चक 2 एनएसडब्ल्यू  के एक खेत में बनी डिग्गी में सुरंग लगाकर पाइप लाइन डाल रहे थे। इस दौरान मिट्टी के नीचे दबने से एक मजदूर की मौके पर ही तो दूसरे ने हॉस्पिटल ले जाते वक्त दम तोड़ दिया। 




शवों को पुलिस ने पोस्टमार्टम के लिए मॉर्च्युरी में रखवाया, लेकिन आक्रोशित परिजनों ने स्वास्थ्य विभाग पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए सीएचसी के आगे धरना लगा दिया। देर शाम प्रशासन और चिकित्सा विभाग में समझौता होने के बाद परिजनों ने धरना हटा लिया।


पीलीबंगा सीआई विजय कुमार मीणा ने बताया कि पुलिस को सूचना मिली कि थानाक्षेत्र के दोलतावाली गांव के चक 2 एनएसडब्ल्यू रोही के खेत मे सुरंग खोदते वक्त दो मजदूर मिट्टी के नीचे दब गए। पुलिस मौके पर पहुंची तो ग्रामीण व अन्य लोग राहत कार्यों में लगे हुए थे। एक मजदूर हनुमान (60) पुत्र सहीराम निवासी चक 40 एनडीआर की मौके पर ही मौत हो गई तो वहीं मजदूर वीरेंद्र (35) पुत्र रणनीति बेनीवाल निवासी चक 1 टी सुलतानवाला की पीलीबंगा अस्पताल में मौत हो गई। परिजनों ने हॉस्पिटल में हंगामा कर आरोप लगाया कि एंबुलेंस और मेडिकल टीम की देरी के चलते वीरेंद्र कुमार की मौत हुई है।


 परिजनों ने पीलीबंगा अस्पताल के आगे धरना लगा दिया। धरना प्रदर्शन देर शाम तक चलता रहा है। बाद में प्रशासन की परिजनों के साथ समझौता वार्ता हुई। हॉस्पिटल प्रभारी को एपीओ करने के बाद धरना उठा लिया।


राजस्थान न्यूज़ : जिला चिकित्सा व स्वास्थ्य अधिकारी ओमप्रकाश चाहर ने बताया कि चिकित्सा विभाग ने सीएचसी प्रभारी सुनील अग्रवाल को एपीओ करते हुए जिला मुख्यालय पर उपस्थिति देने के आदेश दिए हैं। साथ ही जांच कमेटी गठन की गयी है जो लापरवाही के आरोपो की जांच करेगी। परिजन मान गए हैं 


उन्होंने धरना समाप्त कर लिया है। रावतसर डीएसपी पूनम चौहान ने बताया कि 4 मजदूर खेत मे बनी पानी की डिग्गी में सुरंग बनाने का कार्य कर रहे थे। इस दौरान मिट्टी धंसने से वीरेंद्र कुमार और हनुमान कि मौत हो गई। मृतक के परिजनों ने हॉस्पिटल प्रभारी पर लापरवाही और व्यवहार सही नहीं करने का आरोप लगाते हुए धरना दे दिया था। अब हॉस्पिटल प्रभारी को एपीओ कर दिया गया है और मृतकों के परिजनों को नियमानुसार प्रशासन सहायता राशि उपलब्ध करवाएगा इस बात पर सहमति बनी है।


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