नाथूसरी चौपटा में किसानों ने 5 घंटे तक तहसील कार्यालय का घेराव कर रखा कामकाज ठप

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नाथूसरी चौपटा में किसानों ने 5 घंटे तक तहसील कार्यालय का घेराव कर रखा कामकाज ठप

 



बीमा क्लैम व मुआवजा को लेकर किसानों का चौपटा तहसील कार्यालय प्रांगण में धरने का 37वां दिन

हरियाणा सरपंच प्रदेश एसोसिएशन की उपाध्यक्ष संतोष बैनीवाल, युवा कांग्रेसी नेता सुमित बैनीवाल ने धरने में शिरकत कर दिया किसानो को समर्थन

जब तक किसानों की मांगे पूरी नही होंगी धरना रहेगा जारी रवि आजाद

 

sirsa news chopta plus  ।   तहसील कार्यालय नाथूसरी चौपटा में भारतीय किसान यूनियन के बैनर तले किसानों ने मांगों को लेकर शुक्रवार को धरने के 37वें दिन तहसील कार्यालय का घेराव कर 5 घंटे कामकाज ठप रखा । किसानों ने सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की। दोपहर 12 बजे किसानों द्वारा तहसील कार्यालय पर तालाबंदी का ऐलान कर दिया गया. और किसान तहसील कार्यालय के गेट पर एकत्रित हो गये और गेट बंध कर दिया . सूचना मिलने पर नाथूसरी चौपटा थाना प्रभारी राजा राम पुरे दलबल के साथ तहसील प्रांगण में पहुचे, इन्होने किसानों को समझाने की कोशिश की लेकिन किसान अपनी मांगों पर अड़े रहे, नाथूसरी चौपट के तहसीलदार कृष्ण कुमार व नायब तहसीलदार अरविन्द यादव ने भी किसानो से बातचीत की लेकिन कोई समाधान नहीं निकला, इन्होने इसकी सूचना उच्च अधिकारीयों को दी,  इसी दौरान किसानों के समर्थन में हरियाणा सरपंच प्रदेश एसोसिएशन की उपाध्यक्ष संतोष बैनीवाल के नेतृत्व में ब्लॉक के सरपंचों और युवा कांग्रेसी नेता सुमित बैनीवाल ने भी धरना स्थल पर पहुंचकर किसानों को समर्थन दिया।



तहसील कार्यालय में वीरवार को किसानों ने मांगों को लेकर सरकार द्वारा कोई सुनवाई नहीं होने के कारण तहसील कार्यालय पर तालाबंदी की घोषणा की हुई थी।   किसान यहां पर 37 दिन से धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। इसी को लेकर सुबह दस बजे से ही किसान धरना स्थल पर पहुंचने लगे। इसके बाद किसानों ने 12 बजे तहसील कार्यालय गेट के आगे नारेबाजी शुरू कर दी। किसानों ने प्रदेश सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रोष जताया। इस दौरान किसानों ने मुख्यमंत्री व कृषि मंत्री मुदार्बाद के नारे भी लगाए।  किसानों के धरने पर बढ़ती संख्या को देखते हुए सरकार द्वारा एसडीएम राजेन्द्र कुमार, कार्यवाहक डीडीए राजेश सिहाग, एएसओ संजय कुमार  को बातचीत के लिए भेजा गया उनके साथ तहसीलदार कृष्ण कुमार, नायब तहसीलदार अरविंद यादव, एडीयो शैलेंद्र सहारण सहित कई अधिकारी ने किसानों के प्रतिनिधिमंडल के साथ बातचीत शुरू की। इसी दौरान किसानों ने बताया कि बीमा कंपनी और कृषि विभाग के अधिकारियों द्वारा लगातार उन्हें परेशान किया जा रहा है। भारतीय किसान यूनियन के युवा प्रदेशाध्यक्ष रवि आजाद, जिला अध्यक्ष भरत सिंह झाझड़ा व प्रदेश सचिव अमन बैनीवाल, प्रकाश ममेरां, जयवीर स्वामी, अरविन्द रायपुर, दिवान सहारण, नरेंद्र, जगदीश चाड़ीवाल, जगत पाल चाहरवाला, संदीप कासनियां, सुंदर शाहपुरिया, नेशी औलख, देव कुमार, रोहताश कुमार, सुरेंद्र कासनिया, रविंद्र कासनिया,  हरविंदर सिंह, विनोद जांदू, प्रदीप पुनिया, संदीप, महेंद्र सिंह, नरेश, सुरेश कुमार, बलदेव सिंह, कृष्ण कुमार, रामस्वरूप, विक्रम, सुभाष ने कहा कि किसानों की मांगों पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। किसानों की हालत दिन प्रतिदिन दयनीय होती जा रही है। जबकि सरकार कोई ध्यान नहीं दे रही है। किसानों की मांग 2022 का बीमा क्लैम व मुआवजा जारी किया जाए, सीएससी सेंटर के द्वारा रद्द हुए बीमे को बहाल करें, गेहूं व सरसों की समय पर खरीद व समय पर भुगतान किया जाए। हर साल बीमा व मुआवजा देने की निश्चित तिथि तय की जाए। इसी दौरान किसानों के बीच पहुंची सरपंच एसोसिएशन की प्रदेश उपअध्यक्ष संतोष बैनीवाल ने कहा कि किसानों की मांग जायज है। इनकी मांग सरकार पूरी करने का कार्य करें। उन्होंने कहा कि किसान खेतों में कड़ी मेहनत करके फसल तैयार करता है। इसके बाद फसल नष्ट हो जाती है। मगर किसानों को समय पर मुआवजा नहीं मिलता है।


किसानों से माँगा 7 दिन का समय

एसडीएम राजेन्द्र कुमार, कार्यवाहक डीडीए राजेश सिहाग, एएसओ संजय कुमार से किसान प्रतिनिधिमंडल से बातचीत के बाद बताया की बीमा क्लेम के कागजात की दोबारा स्टडी के लिए 7 का समय दिया जाए और पहले किये गये पत्राचार में कहाँ कमी है उसको दूर किया जाएगा, कार्यवाहक डीडीए राजेश सिहाग ने बताया की सीएससी सेंटर से करवाए गये बीमे जो रिजेक्ट हो गये उनके लिए दोबारा पोर्टल खोला जाएगा, किसानो ने कहा की जब तक बीमा क्लेम उनके खातों में नही आता तब तक धरना जारी रहेगा, और सात दिन के बाद समाधान नही हुआ तो बड़ा आन्दोलन किया जाएगा व तहसील कार्यालय को ताला लगाया जाएगा.

 

 


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