Choptaplus news : नई शिक्षा नीति (new
education policy) के तहत sirsa जिले में
प्राइमरी स्कूलों में निजी या प्ले स्कूलों की तर्ज पर बाल वाटिकाएं शुरू की
जाएंगी। जिनमें बच्चे खेल-खेल में शिक्षा ग्रहण करेंगे। शिक्षा विभाग की तरफ से sirsa
जिले में 286 बाल वाटिकाएं शुरू की जाएंगी। इसके लिए प्राइमरी स्कूलों
को भी चयन कर लिया गया है। बड़ागुढां- 35, डबवाली- 51, ऐलनाबाद- 19, नाथूसरी चोपटा-35, ओढां-36, रानियां-71, सिरसा-39 इन खंडों में बनेगी बाल
वाटिका.
पिछले दिनों
सरकार ने आदेश जारी किए थे कि सरकारी स्कूलों में साढ़े पांच वर्ष की उम्र के बाद
बच्चे का दाखिला होगा। इसके कारण बच्चे सरकारी स्कूलों में दाखिला लेने से वंचित
रह जाते थे। इसी दौरान प्राइवेट स्कूलों में अभिभावक छोटे बच्चों का दाखिला करवाने
लग गए। इसी को देखते हुए शिक्षा विभाग ने बाल वाटिका खोलने का कदम उठाया, ताकि छोटे बच्चे सरकारी स्कूलों में शिक्षा से
वंचित न रह जाए। बाल वाटिकाओं में पहली कक्षा से पहले प्री नर्सरी की कक्षा
लगेंगी। इसमें ढाई साल के बच्चों को दाखिला मिल पाएगा।
जाने क्या है बाल वाटिका और
कैसे होगा दाखिला
बाल वाटिका में 25 विद्यार्थियों पर एक शिक्षक की नियुक्ति की
जाएगी। इसके अलावा बाल वाटिका में पढ़ने वाले विद्यार्थी कक्षा में अपने छोटे
भाई-बहनों को भी ला सकते हैं। कक्षा का समय साढ़े चार घंटे होगा। इसके अलावा
बच्चों के भोजन की व्यवस्था भी की जाएगी। शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत बच्चों
को स्टेशनरी, बैग, किताबें आदि मुफ्त दिए जाएंगे। एनसीईआरटी
द्वारा बाल वाटिका में आने वाले बच्चों को जादुई पिटारा पर विशेष प्रशिक्षण भी
दिया जाएगा।
सर्वप्रथम
फाउंडेशन स्टेज होगी, जिसमें ढाई से आठ
साल के बच्चों को लिया गया है। इनमें दो साल तक आंगनबाड़ी और एक साल बाल वाटिका तथा
दो साल पहली कक्षा व दूसरी कक्षा को लिया गया है। पांच साल फाउंडेशन स्टेज में
शामिल किए गए हैं। इस स्टेज का मुख्य मकसद बच्चों के भाषा कौशल और शिक्षण के विकास
पर ध्यान देना होगा। दूसरी स्टेज प्रीपेटरी स्टेज होगी। इसमें 8 साल से लेकर 11 साल तक के बच्चों को शामिल किया है। इसमें कक्षा तीन से
लेकर पांच तक के बच्चे सम्मिलित होंगे। इसका उद्देश्य बच्चों के अंदर भाषा और
संख्यात्मक कौशल विकसित करना है। इस दौरान विद्यार्थियों को उनकी क्षेत्रीय भाषा
में पढ़ाया जाएगा। तीसरी स्टेज है मिडिल स्टेज, जिसमें कक्षा 6 से लेकर कक्षा 8 तक के बच्चे
आएंगे। कक्षा 6 से बच्चों को
कोडिंग की शिक्षा दी जाएगी और उन्हें व्यवसाय परीक्षण के साथ-साथ इंटर्नशिप का भी
मौका दिया जाएगा। अंतिम व चौथी सेकेंडरी स्टेज होगी। जिसमें कक्षा 9 से लेकर कक्षा 12 तक के बच्चे आएंगे। पहले छात्र या छात्राएं साइंस कॉमर्स
और आर्ट्स स्ट्रीम लेते थे। अब इसको समाप्त कर दिया गया है। अब छात्र या छात्राएं
अपनी इच्छा से सब्जेक्ट को चुन सकते हैं जैसे कि साइंस स्ट्रीम के साथ बच्चा
कॉमर्स या फिर कॉमर्स के साथ बच्चा आर्ट्स स्ट्रीम भी ले सकता है।
सिरसा जिला के मौलिक
शिक्षा अधिकारी बूटाराम ने बताया की sirsa
जिले के प्राइमरी स्कूलों में बाल वाटिका प्रोजेक्ट शुरू किया जा रहा है। इसके तहत
करीब 286 प्राइमरी स्कूलों में
पहली कक्षा से पूर्व छोटे बच्चों की नर्सरी या प्री नर्सरी कक्षाएं लगेगी। यह
सरकार का सराहनीय प्रयास है।
0 टिप्पणियाँ