हरियाणा में कामगार महिलाओं को दूसरा बच्चा लड़का होने पर भी मिलेंगे पांच हजार रुपये

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हरियाणा में कामगार महिलाओं को दूसरा बच्चा लड़का होने पर भी मिलेंगे पांच हजार रुपये


हरियाणा प्रदेश सरकार द्वारा गर्भवती महिलाओं को अधिक से अधिक सुविधाएं प्रदान करने के उद्देश्य से कई अहम कदम उठाए जा रहे हैं। अब हरियाणा में कामगार महिलाओं को दूसरा बच्चा लड़का होने पर भी प्रदेश सरकार की योजना के तहत 5 हजार रुपये मिलेंगे। मुख्यमंत्री मनोहर लाल के कुशल मार्गदर्शन व महिला एवं बाल विकास राज्यमंत्री कमलेश ढांडा के नेतृत्व में महिला एवं बाल विकास विभाग ने गर्भावस्था के दौरान हुए मजदूरी के नुकसान की भरपाई व स्तनपान कराने वाली महिलाओं में पोषण सुनिश्चित करने के लिए मुख्यमंत्री मातृत्व सहायता योजना शुरू की है।


महिला एवं बाल विकास विभाग की जिला कार्यक्रम अधिकारी डा. दर्शना सिंह बताया कि पिछले साल 6 मार्च के बाद दूसरे बच्चे के रूप में लड़के को जन्म देने वाली अनुसूचित जाति और जनजाति की महिलाएं इस योजना का लाभ उठा सकेंगी। इस संबंध में महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से आदेश जारी कर दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि 40 प्रतिशत से अधिक दिव्यांग महिलाओं सहित मनरेगा जॉब कार्ड, ई-श्रम कार्ड, बीपीएल राशन कार्ड, प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना और किसान सम्मान निधि की लाभार्थी महिलाएं योजना का लाभ लेने के लिए पात्र होंगी। योजना का लाभ लेने के लिए संबंधित महिला के परिवार की सालाना आय 6 लाख रुपये से कम होनी चाहिए। इस योजना के लिए आधार कार्ड अनिवार्य है।


उन्होंने बताया कि केंद्र या राज्य सरकार की नौकरियों और सार्वजनिक उपक्रमों में तैनात महिला कर्मचारी योजना का लाभ लेने के लिए पात्र नहीं होंगी। सहायता राशि लेने के लिए गर्भावस्था के पंजीकरण के बाद कम से कम एक बार प्रसव पूर्व जांच के साथ ही बच्चे का पंजीकरण और उसे बीसीजी, ओपीवी, डीपीटी और हेपेटाइटिस बी के टीके लगवाना जरूरी है। मुख्यमंत्री मातृत्व सहायता योजना का लाभ लेने के लिए आंगनवाड़ी वर्कर या आशा के माध्यम से आवेदन किया जा सकेगा।


उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई गर्भवती महिलाओं के लिए पहले से प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना संचालित की जा रही है, जिसके तहत पांच हजार रुपये की सहायता राशि सरकार द्वारा नियमों में बदलाव कर दो किस्तों में देने का निर्णय लिया है। अब प्रथम किस्त के रूप में तीन हजार रुपये प्रसवपूर्व कम से कम एक जांच होने पर और दूसरी किस्त दो हजार रुपये बच्चे के जन्म का पंजीकरण व बच्चे के प्रथम चक्र का टीकाकरण पूरे होने पर मिलेंगे।


सिरसा के अन्य समाचार..... 

पशुधन किसान क्रेडिट कार्ड योजना का लाभ उठाएं पशुपालक : उपायुक्त पार्थ गुप्ता
पशुपालक को ऋण का केवल 4 प्रतिशत ब्याज के हिसाब से करना होगा भुगतान
सिरसा । उपायुक्त पार्थ गुप्ता ने पशुपालकों से पशुधन किसान क्रेडिट कार्ड योजना का लाभ उठाने का आह्वान करते हुए कहा कि इस योजना के तहत गाय, भैंस, भेड़, बकरी, सूअर, मुर्गी के रखरखाव के लिए तीन लाख रुपये तक का ऋण लिया जा सकता है। छोटे किसानों की पशुपालन व अन्य संबद्ध क्षेत्रों से होने वाली आय को बढ़ाने के उद्देश्य से यह योजना चलाई जा रही है। योजना के तहत किसान अपने पशुओं की देखभाल पर होने वाले खर्च के लिए पशुधन किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से ऋण प्राप्त कर सकता है। कोई भी पशुपालक एक लाख 60 हजार रुपये तक की राशि की लिमिट तक का पशुधन किसान क्रेडिट कार्ड बिना कोई जमीन गिरवी रखें व बिना किसी प्रकार गारंटी के कोलैटरल सुरक्षा बनवा सकता है। यदि कोई पशुपालक इस राशि से अधिक लिमिट का पशुधन किसान क्रेडिट कार्ड बनवाना चाहता है तो उसे अपनी जमीन गिरवी रखने या कोई गारंटी देना अनिवार्य है।


उपायुक्त ने बताया कि यदि किसी पशुधन किसान क्रेडिट कार्ड धारक द्वारा लिया गया ऋण एक साल की समय अवधि के दौरान वापिस जमा नहीं करवाया जाता है, तो उसे 12 प्रतिशत सालाना ब्याज की दर से ऋण का भुगतान करना होगा। पशुधन किसान क्रेडिट कार्ड धारक बाजार में प्रचलित अन्य किसी भी साधारण क्रेडिट, डेबिट कार्ड की भांति किसी भी एटीएम मशीन से राशि निकलवाने या बाजार से खरीदारी करने के लिए प्रमाणित लिमिट अनुसार प्रयोग कर सकता है। पशुओं की भिन्न-भिन्न श्रेणियों और वित्तीय पैमाने की अवधि के अनुसार ही पशुपालक को पशुधन किसान क्रेडिट कार्ड द्वारा ऋण दिया जाएगा। इच्छुक पशुपालक अपने नजदीकी राजकीय पशु चिकित्सालय या बैंक में जाकर पशुधन किसान क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन कर सकते है। आवेदन करने के लिए पशुपालक को अपने सभी दस्तावेज जैसे आधार कार्ड, पैन कार्ड, पशु का बीमा, पशु का हेल्थ सर्टिफिकेट आदि आवेदन पत्र सहित बैंक में जमा करवाना होगा।


उपायुक्त ने बताया कि पशुधन किसान क्रेडिट कार्ड धारक को सालाना सात प्रतिशत साधारण ब्याज दर पर बैंक द्वारा ऋण दिया जाएगा। यदि कार्डधारक अपने ऋण का समय पर भुगतान करता है तो उसे केंद्र सरकार की तरफ से ब्याज दर तीन प्रतिशत की छूट मिल जाएगी और उसे केवल 4 प्रतिशत के हिसाब से ही ऋण चुकाना होगा। कार्डधारक द्वारा ऋण की राशि जरूरत के अनुसार समय-समय पर ली जा सकती है और सुविधा अनुसार जमा करवाई जा सकती है। कार्ड धारक को ऋण राशि निकलवाने या खर्च करने के एक साल की अवधि के अंदर किसी भी एक दिन ऋण की पूरी राशि को जमा करवाना अनिवार्य है।


40 डीएसआर मशीन पर अनुदान के लिए ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित
सिरसा,  उप निदेशक कृषि डा. बाबुलाल ने बताया कि वर्ष 2023-24 में खरीफ स्कीम के अंतर्गत 40 डीएसआर मशीन पर अनुदान के लिए ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित किए जा रहे है। इसके लिए किसान 30 जून 2023 तक विभागीय वैबसाइट एचटीटीपीएस://एग्रीहरियाणाडॉटजीओवीडॉटइनपर ऑनलाइन आवेदन कर सकते है।


उन्होंने बताया कि किसान का मेरी फसल-मेरा ब्योरा पोर्टल पर अपनी फसल का पंजीकरण करवाना जरूरी है। किसान अधिक से अधिक आवेदन कर स्कीम का लाभ लें सकते है। इसके अतिरिक्त किसान अपने खेत में डीएसआर मशीन से बिजाई करते है तो उन्हें 4 हजार रुपये प्रति एकड़ प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। अधिक जानकारी के लिए किसान किसी भी कार्य दिवस को कार्यालय उप निदेशक कृषि सिरसा में संपर्क कर सकते है।


जिले की मंडियों में तीन लाख 42 हजार मीट्रिक टन से अधिक हुई गेहूं की आवक
सिरसा,  जिला की अनाज मंडियों में गेहूं फसल की आवक जारी है। मंडियों में तीन लाख 42 हजार 757 मीट्रिक टन गेहूं की आवक हो चुकी है तथा उठान का कार्य भी जारी है।


उपायुक्त पार्थ गुप्ता ने बताया कि जिला की विभिन्न मंडियों व खरीद केंद्रों में तीन लाख 42 हजार 757 मीट्रिक टन गेहूं की आवक हो चुकी है। उन्होंने बताया कि सिरसा मंडी में 36 हजार 582 मीट्रिक टन, ऐलनाबाद मंडी में 29 हजार मीट्रिक टन, कालांवाली मंडी में 30 हजार 369 मीट्रिक टन, रानियां मंडी में 19 हजार 576 मीट्रिक टन, डबवाली मंडी में 20 हजार 842 मीट्रिक टन, जीवन नगर मंडी में 13 हजार 874 मीट्रिक टन, डिंग मंडी में 10 हजार 286 मीट्रिक टन, अबूबशहर मंडी में 10 हजार 626 मीट्रिक टन, बणी मंडी में नौ हजार 308 मीट्रिक टन गेहूं की खरीद की जा चुकी है। साथ ही जिला की अन्य मंडियों में भी गेहूं की आवक जारी है।



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