कहते हैं कि जब भगवान देता है तो छप्पर फाड़ फाड़ कर देता है और इसी तरह का मामला आया है जिसमें एक रिक्शा चला कर अपनी जिंदगी गुजारने वाले 85 साल के गुरदेव सिंह को दो करोड़ पचास लाख रुपए की लाटरी निकल गई।
गुरदेव सिंह ने कभी सोचा ही नहीं होगा कि इस उम्र में उसकी जिंदगी अचानक बदल जाएगी। गुरदेव सिंह को बैसाखी बंपर की ढाई करोड रुपए की लाटरी निकलने पर बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है। जानकार लोगों ने बताया कि असल जिंदगी में गुरदेव सिंह रिक्शा चलाकर अपनी गुजर-बसर करता है। और जब सवारिया नहीं मिलती तो रास्ते में पड़ने वाले गड्ढों को गुरदेव सिंह मिट्टी से भर देते थे। इसके अलावा पौधे लगाना और उन पौधों की देखभाल करना भी गुरदेव सिंह अच्छी तरह से करता है।
जानकारी के अनुसार गुरदेव सिंह के चार बेटे और एक बेटी है सभी की शादी हो चुकी है वह मोगा शहर से करीब 32 किलोमीटर दूर लोहागढ़ गांव में रहते हैं। गुरदेव सिंह ने बताया कि लॉटरी की टिकट तो कई बार खरीदी लेकिन उनकी लाटरी नहीं निकली। इस बार भगवान की मेहर हो गई और अढाई करोड़ की लाटरी निकल गई।
उन्होंने कहा कि जिस एजेंट से उन्होंने यह टिकट खरीदी थी वह बुधवार की सुबह उनके घर आया और बताया कि उनको 2.5 करोड़ की लॉटरी निकली है । गुरुदेव सिंह ने बताया कि उनके चार बेटे और एक बेटी है सभी बच्चों की शादी हो चुकी है और वे रिक्शा चला कर अपना गुजर बसर करते हैं। गुरुदेव सिंह का कहना है कि वह पिछले 30 सालों से यह काम कर रहे हैं गुरदेव सिंह के बच्चे भी मेहनत मजदूरी करके अपना पालन पोषण कर रहे हैं ।
लॉटरी लग जाने के बाद अब गुरदेव सिंह कहते हैं कि वह बच्चों को अच्छा घर बना कर देंगे ताकि आप उनका जीवन सुख में ढंग से बीत सके। कुछ पैसे धार्मिक और सामाजिक कार्यों पर भी खर्च करेंगे।
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