Chopta plus news. WHO ने एक रिपोर्ट में कहा है कि जरूरत से ज्यादा नमक लोगों के लिए जानलेवा हो सकता है क्योंकि यह कई गंभीर बीमारियों को दावत देता है. WHO ने यह भी बताया है कि खाने में कितना नमक जरूरी है और सोडियम के ज्यादा सेवन से क्या-क्या दिक्कतें हो सकती हैं.
ज्यादा नमक खाने से इन बीमारियों का खतरा
नमक में सोडियम होता है जो शरीर के लिए बेहद जरूरी है लेकिन ज्यादा मात्रा में इसका सेवन हृदय heart रोग, स्ट्रोक और किडनी रोग का खतरा बढ़ा सकता है. इसके अलावा दुनिया भर में हुई कई रिसर्च में सामने आया है कि लंबे समय तक सोडियम की ज्यादा मात्रा लेने से मोटापा, पेट का कैंसर और ऑस्टियोपोरोसिस जैसी बीमारियों का जोखिम बढ़ता है.
दोगुना से भी ज्यादा नमक खाते हैं लोग
भारतीयों के बीच नमक की खपत बढ़ रही है. इसकी वजह हमारा खानपान है. हम आजकल जिस तरह के खानपान का सेवन कर रहे हैं, उसमें नमक ज्यादा होता है. किसी भी व्यक्ति को दिन में पांच ग्राम से ज्यादा नमक नहीं खाना चाहिए लेकिन पूरी दुनिया में लोग हर रोज 10.8 ग्राम नमक का करते हैं, जो कि एक समय के बाद शरीर में घातक परिणाम देने लगता है और हार्ट अटैक, किडनी, स्ट्रोक, हाई ब्लड प्रेशर जैसी बीमारी की वजह बनता है.
WHO प्रमुख ने क्या कहा
डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक डॉ टेड्रोस अदनोम गेब्रेयसस के मुताबिक, अनहेल्दी डाइट दुनिया भर में बीमारियों और उनसे होने वाली मौतों का एक प्रमुख कारण है. साथ ही खाने में अधिक सोडियम खाने की वजह से मौत के आंकड़े बढ़े हैं. रिपोर्ट दर्शाती है कि अधिकतर देशों ने अभी तक सोडियम कटौती के लिए कोई खास कदम नहीं उठाए हैं जिसकी वजह से इन देशों के लोगों में हाई ब्लड प्रेशर, हार्ट अटैक, स्ट्रोक जैसी कई स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा बढ़ रहा है.
डब्ल्यूएचओ ने सभी देशों से इस मुद्दे पर सख्त नीतियां बनाने की अपील करते हुए कहा है कि अगर लोग खाने में नमक का सेवन सीमित करते हैं तो बीमारियों की वजह से वक्त से पहले होने वाली मौतों पर कंट्रोल किया जा सकता है.
बढ़ रहा है सेंधा नमक खाने का ट्रेंड, क्या इससे फायदा होगा
आजकल लोगों के बीच साधारण आयोडीन नमक की जगह सेंधा नमक (रॉक सॉल्ट) के इस्तेमाल का ट्रेंड बढ़ने लगा है. भारत में पहले लोग सिर्फ व्रत में सेंधा नमक खाते थे लेकिन अब रोज के खाने भी इसका इस्तेमाल होने लगा है.
इस पर डॉक्टर रोमिल ने बताया, ''रॉक सॉल्ट में साधारण नमक की तुलना में ज्यादा मिनरल्स होते हैं क्योंकि इसे बनाने के लिए केमिकल प्रक्रिया का इस्तेमाल नहीं होता है. इसमें मैग्नीशियम, सल्फर, कैल्शियम, पोटैशियम और जिंक जैसे तत्व पाए जाते हैं जो हड्डियों, मांसपेशियों, पाचन ब्लड प्रेशर से जुड़ी कई समस्याओं को दूर रखते हैं. लेकिन इसे साधारण नमक की जगह देना काफी मुश्किल है और ऐसा भी नहीं है कि इसमें सोडियम नहीं पाया जाता है.''
रिसर्च के मुताबिक एक चम्मच रॉक सॉल्ट में लगभग 1,680 मिलीग्राम सोडियम होता है जो साधारण नमक में पाई जाने वाली सोडियम की मात्रा से थोड़ा ही कम है. इसलिए कोशिश यह करनी चाहिए कि आप ओवरऑल अपने खाने में नमक के सेवन को सीमित करें. सेंधा नमक लॉन्ग टर्म सॉल्यूशन नहीं है. हमें इसके लिए परमानेंट सॉल्यूशन सॉल्यूशन ढूंढना होगा.
खाने में नमक को इस तरह करें सीमित
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन का कहना है कि लोग अपने खाने में कम नमक का सेवन करें, इसके लिए उन्हें जागरूक करना सबसे जरूरी है. ज्यादा नमक खाने की आदत बदलने के लिए कैंपेन और अवेयरनेस प्रोग्राम चलाने चाहिए. सार्वजनिक संस्थानों जैसे अस्पतालों, , स्कूलों, दफ्तरों में भी ज्यादा सोडियम वाले खाद्य पदार्थों की बिक्री को सीमित करने के लिए नीतियां अपनानी चाहिए और कम सोडियम वाले खाद्य पदार्थों की उपलब्धता बढ़ानी चाहिए.
डब्ल्यूएचओ के अनुसार, पैक्ड फूड में नमक कम करने के साथ क्वांटिटी के बारे में बताना चाहिए ताकि खरीदने वाला आसानी से पढ़ और समझ सके कि वो कितना नमक खा रहा है. साथ ही ऐसा करने से लोगों के लिए कम सोडियम वाले फूड्स का चुनाव करने में भी आसानी होगी और इस तरह वो ज्यादा नमक के से बचेंगे.
लोग बदलें ये आदतें
अगर आप भी अपनी डाइट में सोडियम की मात्रा कम करना चाहते हैं तो नमक का इस्तेमाल सीमित कर दें. खाना बनाते समय भी कम नमक का इस्तेमाल सीमित कर दें. खाना बनाते समय भी कम नमक का इस्तेमाल करें.
भारतीय खानपान में अक्सर नमक की मात्रा पहले से काफी ज्यादा होती है. जबकि कई लोगों को तेज नमक खाने और भोजन के ऊपर नमक छिड़कने की आदत होती है. अगर आपके साथ भी ऐसा है तो आपको इसे तुरंत बदल लेना चाहिए.
खाने में ऊपर से नमक डालकर खाना बिलकुल भी सही नहीं है. इसकी वजह से नर्वस सिस्टम, हार्ट और किडनी से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं.
खाने के साथ पका हुआ नमक ऊपर से छिड़के हुए नमक से ज्यादा बेहतर होता है. सलाद में नमक की जगह नींबू निचोड़कर डालें जिससे आपको नमक की कमी महसूस नहीं होगी और उसका जायका भी बढ़ जाएगा.
0 टिप्पणियाँ