सरसों Mustard की सरकारी खरीद की मांग को लेकर महापड़ाव: किसान 18 मार्च को करेंगे महापंचायत

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सरसों Mustard की सरकारी खरीद की मांग को लेकर महापड़ाव: किसान 18 मार्च को करेंगे महापंचायत

 

     


  Choptaplus news.      हनुमानगढ़ में सरसों Mustard  की सरकारी खरीद की मांग को लेकर  किसान सभा ने महापड़ाव शुरू कर दिया है।  कृषि उपज मंडी समिति ऑफिस के सामने महापड़ाव शुरू करने से पहले जब किसान प्रतिनिधि महासभा के जिला उपाध्यक्ष सुरेन्द्र शर्मा Narender Sharma  और संयोजक ओम स्वामी के नेतृत्व में कृषि उपज मंडी mandi  सचिव से मिलने जाने लगे तो पुलिस ने उनको अंदर नहीं घुसने दिया। इस पर उनकी पुलिस से धक्का-मुक्की भी हो गई।  बाद में  किसान अपनी एकजुटता के बल पर कृषि उपज मंडी समिति के अंदर घुसे और नारेबाजी कर विरोध दर्ज करवाया।

 जिला उपाध्यक्ष सुरेन्द्र शर्मा ने कहा कि प्रशासन की नाकामी कहो या लापरवाही लेकिन इसका खामियाजा किसानों को भुगतान पड़ता है। हनुमानगढ़ जिले में सबसे ज्यादा सरसों का उत्पादन होता है और हर साल 1 या 2 मार्च से सरसों मंडी Sarso Mandi   में आनी शुरू हो जाती है। इसके बाद भी सरकारी खरीद में लापरवाही बरतना किसानों को उजाड़ने की साजिश है। वर्तमान में किसान रात-रात भर अपनी सरसों लेकर मंडी में बैठा है और व्यापारी औने-पौने दामों पर सरसों खरीद कर लाखों का मुनाफा कमा रहे हैं, जबकि किसानों को नुकसान उठाना पड़ रहा है।

 

संयोजक ओम स्वामी ने बताया कि महापड़ाव दिन-रात जारी रहेगा। किसान मंडी में सरसों लेकर तो बैठा है, लेकिन अब प्रशासन को भी चैन की नींद नहीं सोने देगा। जब तक सरसों की सरकारी खरीद शुरू नहीं होती है, तब तक यह महापड़ाव जारी रहेगा। 18 मार्च को कृषि उपज मंडी समिति के सामने ही किसान महापंचायत का आयोजन होगा और आगे की रणनीति तय की जाएगी। इस दौरान बड़ी संख्या में किसान मौजूद रहे।

किसानों के प्रतिनिधिमंडल ने सिंचाई के लिए 28 मार्च तक पानी देने की मांग को लेकर एक्सईएन से

मुलाकात की।

गेहूं की फसल पकाने के लिए 28 मार्च तक पानी देने की मांग

उधर, भाखड़ा किसान व संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले बुधवार को किसानों ने भाखड़ा नहर से सिंचाई का पानी देने की मांग को लेकर एक्सईएन से मुलाकात की। किसानों ने एक्सईएन से 28 मार्च तक भाखड़ा नहर से सिंचाई का पानी देने की मांग की ताकि गेहूं की फसल का पकाव हो सके। इस दौरान एक्सईएन ने किसानों को आश्वस्त किया कि 10 मार्च को जो स्थिति थी, वहीं स्थिति बरकरार है। पूरा प्रशासन प्रयास कर रहा है कि 28 मार्च तक किसानों को पूरा पानी मिले, जिससे कि वह अपनी फसल का पकाव कर सके।

 

उन्होंने कहा कि चीफ साहब इसी सिलसिले में जयपुर अधिकारियों से बात करने गए हुए हैं। किसान प्रतिनिधियों ने ज्ञापन देकर पिछले समझौते के अनुसार किसानों को बंदी के दौरान पानी उपलब्ध करवाने की मांग की ताकि किसान समय पर बिजाई कर सके। किसान प्रतिनिधि रायसिंह बंसरीवाला ने एक्सईएन को सुझाव देते हुए कहा कि सरहिंद के कट द्वारा आईजीएनपी में पानी डालकर और पीछे से बंधा लगाकर एवं हेड मेंटेन Head Mention   कर किसानों को बंदी के दौरान पानी दिया जा सकता है। प्रशासन ने किसानों को आश्वस्त किया कि चीफ के आने के बाद किसानों के साथ मिलकर एक और बैठक कर इस मुद्दे पर विचार किया जाएगा। किसानों ने चेतावनी दी है कि अगर 28 मार्च तक किसानों को पूरा पानी नहीं दिया गया तो किसान बड़ा आंदोलन करेंगे जिसकी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी।

 

वार्ता के दौरान किसान प्रतिनिधि रेशम सिंह माणुका, रायसिंह बंसरीवाला, डॉ. सौरभ राठौड़, संदीप सिंह श्रीगंगानगर, सुरेन्द्र शर्मा, रघुवीर वर्मा, मनिंदर सिंह मान, जसपाल सिंह, चरनप्रीत सिंह, गुरु जीवन सिंह, कुलदीप सिंह, राजवीर सिंह ढिल्लों सहित अन्य किसान प्रतिनिधि मौजूद रहे।

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