Haryana Vidhansabha. हरियाणा विधानसभा: अब पंडित विश्वविद्यालय का नाम होगा, दादा लख्मी चंद,एक सदन व दो विधेयक होंगे पारित.

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Haryana Vidhansabha. हरियाणा विधानसभा: अब पंडित विश्वविद्यालय का नाम होगा, दादा लख्मी चंद,एक सदन व दो विधेयक होंगे पारित.

 

 

Chpta plus news.   पारित विधेयक  vidheyak    के अनुसार, अब पंडित लख्मी चंद राज्य प्रदर्शन और दृश्य कला विश्वविद्यालय, रोहतक के नाम के आगे पंडित के स्थान पर दादा शब्द का प्रयोग होगा। इसी प्रकार, हरियाणा नगरीय क्षेत्र विकास  (संशोधन) विधेयक, 2023 पारित किया गया।

हरियाणा विधानसभा के बजट सत्र में सोमवार को दो विधेयक पारित किए गए। इनमें पंडित लख्मी चंद राज्य प्रदर्शन और दृश्य कला विश्वविद्यालय, रोहतक (संशोधन) विधेयक, 2023 व हरियाणा नगरीय क्षेत्र विकास और विनियमन (संशोधन) विधेयक, 2023 शामिल हैं।  सदन में इस विधेयक पर विस्तार से चर्चा की जाएगी।

पारित विधेयक के अनुसार ,     दृश्य कला विश्वविद्यालय, रोहतक के नाम के आगे पंडित के स्थान पर दादा शब्द का प्रयोग होगा। इसी प्रकार, हरियाणा नगरीय क्षेत्र विकास तथा विनियमन (संशोधन) विधेयक, 2023 पारित किया गया। अंतरणीय विकास अधिकार (टीडीआर) प्रबंधन प्रणाली के ऑनलाइन संचालन को सुव्यवस्थित करने के लिए, 1975 के अधिनियम में कुछ संशोधन किए हैं। इनमें विक्रय, व्यापार, नीलामी तंत्र के माध्यम से टीडीआर प्रमाण-पत्र का हस्तांतरण व विक्रय को संभव बनाने और क्रेता की भौगोलिक स्थिति पर अनजाने में लगाए गए प्रतिबंध को सुधारने के लिए धारा 2 के खण्ड (एन-2) में संशोधन किया है।

विधायक गोलन बोले- अधिकारी बेकाबू हो गए हैं, अगले वर्ष  चुनाव  है, सुधार करो, नहीं तो खामियाजा भुगतना पड़ेगा.

 विधायक रणधीर सिंह गोलन के सुर आज काफी बदले हुए थे। उन्होंने सरकार को आगाह किया कि आने वाला साल चुनावी वर्ष है। अधिकारी बेकाबू हैं। ना लोगों की सुनते ना विधायकों। अगर इन हालात में सुधार नहीं किया तो इसका खामियाजा भुगतना पड़ सकता है। उन्होंने कहा कि वह खुद वृद्धा पेंशन के पांच केस लेकर तीन माह पहले चंडीगढ़ के अधिकारियों के पास जा चुके हैं, लेकिन आज तक सही केस होते हुए भी काम नहीं हुआ। रोजाना चार पांच सौ रुपये की दिहाड़ी करने वाले मजदूरी पेश लोग पेट भरने के लिए दिहाड़ी करें या अपना नाम बीपीएल सूची में शामिल कराने या पीपीपी में जुड़वाने के लिए अधिकारियों के दफ्तरों के दिन भर चक्कर काटें।

 

गोलन ने कहा कि केंद्र मजदूर और वंचित वर्ग को सरकार की योजनाओं का लाभ नहीं मिल रहा है। उन्होंने मनरेगा के तहत मिलने वाले काम और दिहाड़ी का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार को आए सवा तीन साल से ज्यादा हो चुके हैं, लेकिन एक भी जरूरतमंद मजदूर को केंद्र सरकार द्वारा चलाई जा रही मनरेगा स्कीम के तहत काम नहीं मिला। उन्होंने कहा कि महंगाई दर बढ़ने के बावजूद आज भी दिहाड़ी नहीं बढ़ाई गई। इसी के साथ उन्होंने इस बजट में मार्केटिंग बोर्ड द्वारा बनाई गई सड़कों के रखरखाव का जिम्मा जिला परिषद को देने पर आपत्ति जताई।

 

उन्होंने कहा कि अगर इस योजना के तहत जिला परिषद को मार्केटिंग बोर्ड की सड़कें दी गई तो बहुत बड़ी गलती होगी। सीधे तौर पर कहें तो गोलन ने अपनी सरकारी की इस नीति का विरोध किया। हालांकि गोलन ने बीच बीच में मुख्यमंत्री और सरकार द्वारा किए जा रहे कार्यों की भी सराहना करते रहे।

 

हर बार भिड़ जाते हैं किरण और जेपी

कृषि मंत्री जेपी दलाल और किरण चौधरी केवल इसी बार आमने सामने नहीं हुए, बल्कि हर बार सदन में दोनों में तीखी बहस होती है। मुद्दा चाहे कोई भी न तो किरण चौधरी जेपी दलाल को घेरने में पीछे रहती हैं। इसी प्रकार जब भी मौका लगता है तो जेपी दलाल कांग्रेसी विधायक किरण चौधरी पर तंज कसने से बाज नहीं आते। दोनों नेताओं को एक दूसरे का धूर विरोधी माना जाता है और दोनों ही एक जिले भिवानी की राजनीति करती हैं। इसलिए जब भी किसी को भी मौका मिलता है वह अपना दांव चल देता है।

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