सूचना प्रौद्योगिकी और मानव कल्याण निबंध –

Advertisement

6/recent/ticker-posts

सूचना प्रौद्योगिकी और मानव कल्याण निबंध –

 

   

सूचनाओं के आदानप्रदान का मनुष्यजीवन में बड़ा महत्त्व है, इसलिए खूचनाओं के आदानप्रदान के लिए दिनप्रतिदिन नईनई तकनीकों का विकास हो रहा है। मोबाइल ओर इण्टरनेट इसके दो महत्त्वपूर्ण उपकरण हैं। सूचनाओं के आदानप्रदान की यही तकनीक सूचनाप्रौद्योगिकी के नाम से जानी जाती है।

 

आज सूचना

प्रौद्योगिकी ने ज्ञान और विकास के द्वारों को एक साथ खोल दिया है। हमारे आर्थिक, राजनैतिक, सामाजिक, सांस्कृतिक, शैक्षणिक, व्यावसायिक तथा अन्य सभी क्षेत्रों पर सूचनाप्रौद्योगिकी के कारण हुए विकास की स्पष्ट छाप लक्षित होती है।

 

सूचनाप्रौद्योगिकी ने हमें विकास की एक नई दुनिया की ओर अग्रसर किया है। वर्तमान में कम्प्यूटर, इण्टरनेट, टेलीफोन, मोबाइल फोन, फैक्स, मेल, कॉमर्स, स्मार्ट कार्ड, क्रेडिट कार्ड तथा एटीएम कार्ड आदि सूचनाप्रौद्योगिकी के सशक्त माध्यम हैं।

 

सूचना प्रौद्योगिकी का मानवजीवन में महत्त्वदेश के विकास की मूलभूत आवश्यकताओं को पूरा करने में आज सूचनाप्रौद्योगिकी का विशेष महत्त्व है। सूचनाप्रौद्योगिकी के कारण आज समस्त विश्व की दूरियाँ सिमट गई हैं। अब पलक झपकते ही सूचनाओं और सन्देशों का आदानप्रदान हो जाता है, जिससे शिक्षा, चिकित्सापरिवहन तथा उद्योग आदि सभी के महत्त्व को निम्नलिखित बिन्दुओं के रूप में जाना जा सकता है

 

    सूचनाप्रौद्योगिकी पिछड़े देशों के सामाजिक और आर्थिक विकास के लिए जरूरी और उपयुक्त तकनीक है।

    सूचनाप्रौद्योगिकी सेवा और आर्थिक क्षेत्र का प्रमुख आधार बन गई है।

    सूचनाप्रौद्योगिकी की सहायता से प्राप्त सूचनाओं से समाज का सशक्तीकरण होता है।

    सूचनाप्रौद्योगिकी द्वारा प्रशासन और सरकार के कार्यों में पारदर्शिता आती है, यह भ्रष्टाचार नियन्त्रण में अत्यन्त प्रभावी है।

    सूचनाप्रौद्योगिकी के माध्यम से गरीब जनता को सूचनासम्पन्न बनाकर ही गरीबी का उन्मूलन किया जा सकता है।

    सूचनाप्रौद्योगिकी का सर्वाधिक प्रयोग योजनाएँ बनाने, नीतिनिर्धारण करने तथा निर्णय लेने में होता है।

    सूचनाप्रौद्योगिकी नवीन रोजगारों का सृजन करती है।

    आज सूचनाप्रौद्योगिकी वाणिज्य और व्यापार का जरूरी अंग है।

    इस प्रकार सूचनाप्रौद्योगिकी मानवजीवन का महत्त्वपूर्ण अंग बन गई है।

 

सूचनाप्रौद्योगिकी के लाभसूचनाप्रौद्योगिक का लक्ष्य समाज को अधिकसेअधिक लाभ पहुंचाने का रहा है। इसके माध्यम से हमें निम्नलिखित सुविधाएँ प्राप्त हो रही हैं

 

    कम्प्यूटर और मोबाइल द्वारा रेलवे टिकट एवं आरक्षण।

    बैंकों का कम्प्यूटरीकरण एवं एटीएम की सुविधा।

    बैंकिंग एवं मोबाइल बैंकिंग से आर्थिक लेनदेन और सूचनाओं के आदानप्रदान की सुविधा।

    ऑनलाइन क्रयविक्रय (सेल्सपर्चेजिंग) की सुविधा।

    इण्टरनेट द्वारा रेल टिकट एवं हवाई टिकट का आरक्षण।

    इण्टरनेट द्वारा एफ० आई० आर० दर्ज कराना।

    न्यायालयों के निर्णय भी ऑनलाइन उपलब्ध होना।

    किसानों के भूमि रिकॉर्डों का कम्प्यूटरीकरण।

    ऑनलाइन रिजल्ट की सुविधा।

    राशनकार्ड, आधारकार्ड, मतदाता पहचानपत्र, ड्राइविंग लाइसेंस आदि के लिए ऑनलाइन आवेदन करने की सुविधा।

    शिकायतें भी ऑनलाइन की जा सकती हैं।

    सभी विभागों की पर्याप्त जानकारी ऑनलाइन उपलब्ध है।

    आयकर की फाइलिंग भी ऑनलाइन की जा सकती है।

 

इस प्रकार सूचनाप्रौद्योगिकी से मानव के धन, श्रम और समय की पर्याप्त बचत हो रही है तथा मानव विकास और समृद्धि की दिशा में तीव्रगति से आगे बढ़ रहा है।

 

सूचनाप्रौद्योगिकी के साधन

सूचनाप्रौद्योगिकी को व्यापक बनाने में कम्प्यूटर, इण्टरनेट, टेलीफोन, मोबाइल फोन का महत्त्वपूर्ण सहयोग रहा है। इन संसाधनों के माध्यम से ईकॉमर्स, मेल, ऑनलाइन सरकारी कामकाज हेतु ईप्रशासन, गवर्नेस, बैंकिंग, एज्यूकेशन, मेडिसन, शॉपिंग आदि से विकास की गति को बढ़ाया जा रहा है। कम्प्यूटर युग के इन संचार माध्यमों से हमने सूचनाप्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अपना एक स्थान बनाया है।

 

सूचनाप्रौद्योगिकी का प्रभावसूचनाप्रौद्योगिकी ने आज विभिन्न अर्थव्यवस्थाओं को जोड़कर एक नई अर्थव्यवस्था को जन्म दिया, जिससे समाज का प्रत्येक क्षेत्र प्रभावित हुआ है। सूचनाप्रौद्योगिकी का सबसे अधिक प्रभाव निम्नलिखित क्षेत्रों पर अधिक पड़ा है

 

(क) शिक्षा के क्षेत्र में सूचनाप्रौद्योगिकी शिक्षा के क्षेत्र में सूचनाप्रौद्योगिकी का सबसे अधिक प्रभाव पड़ा है। सूचनाप्रौद्योगिकी की सहायता से विद्यार्थी अब ईपुस्तकें, परीक्षा के लिए प्रतिदर्श प्रश्नपत्र, पिछले वर्ष के प्रश्नपत्र आदि देखने के साथसाथ विषयविशेषज्ञों, शोधकर्ताओं और अपने जैसे प्रतियोगियों से दुनिया के किसी भी कोने से सम्पर्क स्थापित कर सकते हैं।

 

ऑनलाइन पाठ्यसामग्री से भी अध्ययन किया जा सकता है। ऑनलाइन प्रवेशप्रक्रिया द्वारा विद्यार्थियों को निरर्थक भागदौड़ से छुटकारा मिल गया है। आज विभिन्न पाठ्यक्रमों; जैसेबी०ई०, बी०आर्क, एम०बी०ए०, एम०बी०बी०एस०, बी० एड० आदि की प्रवेश परीक्षाओं में सम्मिलित होना सरल हो गया है। सारी सूचनाएँ ऑनलाइन होने से दूरस्थ शिक्षा में भी सूचनाप्रौद्योगिकी महत्त्वपूर्ण साधन बन चुकी हैं।

 

(ख) व्यापार एवं वाणिज्य के क्षेत्र में सूचनाप्रौद्योगिकीव्यापार एवं वाणिज्य के क्षेत्र में सूचनाप्रौद्योगिकी अत्यन्त प्रभावी सिद्ध हो रही है। वित्त रिकॉर्ड कीपिंग, लेनदेन का विश्लेषण और उनके विवरण तैयार करने में सूचनाप्रौद्योगिकी पर्याप्त सहायक हुई है।

 

कॉमर्स द्वारा उत्पाद की ऑनलाइन सूची और ऑनलाइन भुगतान प्रणाली काफी प्रभावी है। बड़ेबड़े संस्थानों में जहाँ अनेक व्यक्ति काम करते हैं, वहाँ उनके वेतन, भत्तों, मासिक देनदारियों के विवरण तैयार करने, छुट्टी निर्धारण और आयोजना को लागू करने में सूचनाप्रौद्योगिकी का महत्त्वपूर्ण योगदान है।

 

इस प्रकार उत्पादनप्रणालियों और भण्डारणव्यवस्था के संचालन में सुविधा हो गई है। अब किसी कम्पनी का कोई भी अधिकृत व्यक्ति एक बटन दबाकर पूरे माल का रिकॉर्ड देख सकता है। वह अपनी योजनाओं में भी सुधार कर सकता है। इस प्रकार पूरे व्यवसाय के ऑनलाइन होने से व्यापार करना सुगम हो गया है।

 

(ग) डिजिटल इण्डिया मिशन और सूचनाप्रौद्योगिकीसूचनाप्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भारत अग्रणी राष्ट्रों में से एक है। भारत सरकार द्वारा शासन और प्रशासन में नागरिक सहभागिता सुनिश्चित करने के लिए माई गवर्नमेंट जैसी वेबसाइटों का सृजन किया गया है, जिनको भारी जन समर्थन मिला है।

 

डिजिटल इण्डिया में ब्रॉडबेण्ड हाईवे और मोबाइल कनेक्टिविटी के माध्यम से ईगवर्नेस के अन्तर्गत सरकारी कार्यों और योजनाओं में सुधार, सभी के लिए सूचनाओं की उपलब्धता, नौकरियों में पारदर्शिता, तकनीकी शिक्षा के विकास द्वारा उत्पादन में वृद्धि आदि योजनाएँ सम्मिलित हैं।

 

इसके अन्तर्गत सभी मन्त्रालयों एवं सरकारी विभाग आपस में जुड़े हैं। इस मिशन का उद्देश्य लोगों की भागीदारी के माध्यम से गुणात्मक परिवर्तन लाना, भारत को तकनीकी दृष्टि से उन्नत बनाना तथा समाज और अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ बनाना है।

 

(घ) अन्य क्षेत्रों में सूचनाप्रौद्योगिकीशिक्षा, व्यापार, उद्योग, नौकरी, कृषि, प्रशासन के अतिरिक्त सूचनाप्रौद्योगिकी जीवन के सभी क्षेत्रों में अपनी उपयोगिता सिद्ध करने के साथ ही अपशिष्टसंग्रह और निष्पादन उद्योग में भी कारगर सिद्ध हुई है। अपशिष्टप्रबन्धन के क्षेत्र में तेजी से हो रहे विस्तार के पीछे सक्षम प्रौद्योगिकी समाधान की महत्त्वपूर्ण भूमिका है।

 

उपसंहार

इस प्रकार कहा जा सकता है कि सूचनाप्रौद्योगिकी ने लोगों को अपने अधिकारों, कर्तव्यों एवं दायित्वों के प्रति जागरूक बनाकर एक प्रगतिशील समाज के निर्माण का मार्ग प्रशस्त कर दिया है। एक विश्व की संकल्पना को एक रचनात्मक बल मिला है। निश्चय ही सूचनाप्रौद्योगिकी एक दिन सम्पूर्ण विश्व को समृद्ध बनाकर सर्वत्र सुख और शान्ति का साम्राज्य स्थापित करने में सफल होगी।

 

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ