ई-टेंडरिंग के विरोध और अन्य मांगों को लेकर हाउसिंग बोर्ड पर धरनारत सरपंच और पंचायत सदस्यों पर शुक्रवार शाम को मधुमक्खियों ने हमला कर दिया। 35 से 40 लोगों को मधुमक्खियों ने काट लिया। दो सरपंचों की हालत तो इतनी खराब हो गई कि उनको अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। मौके पर एंबुलेंस नहीं होने के कारण एक सरपंच को निजी गाड़ी से तो दूसरे को पुलिस की गाड़ी में अस्पताल ले जाना पड़ा। गौरतलब हो कि धरने के पहले दिन सरपंचों के बीच एक सांड़ भी घुस आया था।
शुक्रवार शाम करीब पांच बजे सरपंच शांतिपूर्वक धरने पर बैठे थे। सड़क की एक तरफ सरपंच और दूसरी तरफ पुलिस और मीडियाकर्मी मौजूद थे। इसी दौरान कहीं से मधुमक्खियों का पूरा झुंड वहां आ गया। इससे वहां अफरा-तफरी की स्थिति बन गई। एक के बाद एक कई लोगों को मधुमक्खियों ने काट लिया। एक सरपंच ने मधुमक्खियों से बचने के लिए वहां खड़े पानी के टैंकर की वाल्व खोलकर पानी के नीचे बैठ गया।
मधुमक्खियों के हमले में गुहला ब्लॉक के महमूदपुर गांव के सरपंच जगतार और थेबनहेड़ा गांव के सरपंच रामपाल की हालत खराब हो गई। जगतार को निजी गाड़ी से तो रामपाल को पुलिस की गाड़ी से सेक्टर-6 स्थित नागरिक अस्पताल ले जाया गया। वहां पहुंचने पर चिकित्सकों ने तुरंत उनका उपचार शुरू कर दिया। उनके अलावा सुरेश, प्रताप, राकेश, अनिल सहित कई लोगों को मधुमक्खियों ने अपना शिकार बनाया।
गाड़ियों में बैठ गए सरपंच
जैसे ही मधुमक्खियों का हमला हुआ तो धरने पर बैठे सरपंच भाग-भागकर अपनी गाड़ियों में बैठ गए। इसके अलावा कुछ लोगों ने गमछे और कंबल ओढ़कर खुद का बचाव किया। मगर जिन लोगों ने मक्खियों को हटाने के लिए अपने हाथ चलाने शुरू कर दिये या दौड़ने लगे, उन पर मक्खियों का हमला और ज्यादा बढ़ गया।
रामपाल बोला- मुझे कुछ दिखाई नहीं दे रहा
मधुमक्खियों के हमले का शिकार बने थेबनहेड़ा के सरपंच रामपाल को जब पुलिस की गाड़ी से अस्पताल में ले जाया गया तो वहां गाड़ी से उतरने के बाद उन्हें कुछ दिखाई नहीं दे रहा था। साथी सरपंच उसे पकड़कर आपातकालीन विभाग में लेकर गए। इसके अलावा वहां भर्ती जगतार को भी बार-बार उल्टियां आ रही थीं।
बुधवार को भीड़ में घुस गया था सांड़
सरपंचों के साथ ऐसा पहली बार नहीं हुआ है। तीन दिन के धरने में इस तरह की दूसरी घटना है। धरने के पहले दिन बुधवार को करीब पांच हजार सरपंच हाउसिंग बोर्ड पर मौजूद थे। इसी दौरान सेक्टर-18 की तरफ से एक सांड़ धरनारत सरपंचों के बीच पहुंच गया। भीड़ को देखकर वह बिदक गया और इधर-उधर दौड़ने लगा। इस घटना में भी कुछ सरपंचों को हल्की-फुल्की चोट आई थी।
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