शेखूपूरिया के दो किसान भाइयों two farmer brother ने seedless kinnu बागवानी horticulture और सब्जियों vegetable से की अच्छी कमाई good income

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शेखूपूरिया के दो किसान भाइयों two farmer brother ने seedless kinnu बागवानी horticulture और सब्जियों vegetable से की अच्छी कमाई good income



दोनों किसान भाइयों ने साल 2021 में लगाया शीडलैस किन्नू seedless kinnu  का  बाग, किन्नू  के पौधों की कतारों में  चना, मटर, गोबी टमाटर  और प्याज लगाकर की लाखों की कमाई, जानिए सफलता की कहानी 




Chopta Plus चौपटा/सिरसा ।  सिरसा जिले के प्रगतिशील  किसान परंपरागत खेती के साथ-साथ आधुनिक तरीके से खेती करके कमाई कर रहे हैं। पढेलिखे आधुनिक  किसान बागवानी, पशुपालन, सब्जियां (horticulture, animal husbandry, vegetable) इत्यादि लगाकर अपने घर की आर्थिक स्थिति को मजबूत बना रहे हैं। यह क्षेत्र राज्य के अंतिम छोर पर पड़ने के कारण हमेशा ही नहरी पानी की कमी से जूझता रहता है,  क्षेत्र के किसान आमदनी बढ़ाने के लिए कृषि क्षेत्र में नए-नए तरीकों की खोज करने में लगे रहते हैं 




इसी कड़ी में गांव शेखूपूरिया ( सिरसा) के  दो  किसान भाइयों  (two farmer brother) बलवंत और कलवंत चाहर  ने  साल 2021  में पांच एकड़ जमीन में  शीड्लैस किन्नू  seedless kinnu 550  पोधों का  बाग लगा कर परंपरागत खेती के साथ बागवानी खेती शुरू की है।  किसान बलवंत चाहर  का कहना है कि जब तक किन्नू के पौधे फलदार नहीं होते तब तक उसने इन पौधों की कतारों में चना, मटर, टमाटर, गोबी  और प्याज लगा कर कमाई करने का जरिया खोजा है। 



 इसी के तहत चना व् सब्जियों  से  तीन लाख  रुपए की कमाई की है।  किसान बलवंत का कहना है कि परंपरागत खेती के साथ-साथ बागवानी, फल सब्जियां इत्यादि लगाकर किसान आत्मनिर्भर बन सकते हैं।



गांव गिगोरानी  के प्रगतिशील किसान progressive former वीरेंदर सहु से  प्रेरणा लेकर लगाया बाग, बढी आमदनी
शेखूपूरिया के प्रगतिशील ऍमकॉम, एमबीए तक पढ़े लिखे  किसान बलवंत चाहर ने बताया कि नहरी पानी की कमी, प्राकृतिक आपदाओं, बीमारियों इत्यादि से परंपरागत खेती  में फसलों का उत्पादन कम होने लगा और बचत भी नहीं हो पा रही थी। 


ऐसे में उसने खेती में आमदनी बढ़ाने का जरिया खोजना शुरू किया तो गांव गिगोरानी के  प्रगतिशील किसान वीरेंद्र सहु से प्रेरणा लेकर उन्होंने पांच एकड़ जमीन में वर्णिका सहु फ्रूट नर्सरीशीड लैस किन्नू 550 पोधे लाकर बाग लगाया।  इसमें अभी तक कम ही फल लगने शुरू हुए हैं तो उन्होंने किन्नू के बाग वाली पौधों की कतारों के बीच चना, मटर, टमाटर, गोबी, और प्याज onion लगाकर कमाई कर रहे है. पिछले साल उन्होंने  तीन लाख रुपए से अधिक की कमाई की.  



किसान बलवंत ने बताया की उन्होंने ऍम. कॉम और एमबीए की पढाई की हुई है, उन्होंने नौकरी का फार्म भरने की बजाय परम्परागत खेती को आधुनीक तरीके से खेती करके कमाई करने का फैसला किया है. जिसके तहत उन्होंने अपने भाई कलवंत के साथ मिलकर बागवानी और सब्जियां लगाकर अतिरिक्त कमाई का जरिया खोजा है. उन्होंने बताया की उनकी प्राथमिकता जहर मुक्त खेती की है. 



दोनों किसान भाइयों ने बताया की उन्होंने गाँव गिगोरानी के प्रगतिशील कीं विरंदर सहु से सलाह करके शीड्लैस किन्नू का बाग़ लगाया है. शीड्लैस किन्नू की खासियत यह है की इसमें सिंचाई के पानी कम जरूरत होती है. और रेतीली जमीन मे कामयाब है. किन्नू मे बीज कम होने के कारण इसका जूस खट्टा नहीं होता तथा पिने मे स्वादिष्ट होता है. उन्होंने बताया किन्नू के पोधों की कतारों मे अन्य फसलों की बिजाई करके भी पैदावार ली जा सकती है. 


सरकार की सहायता से खेत में बनाईं पानी की डिग्गी, ड्रीप सिस्टम से करता है सिंचाई
बलवंत का भाई कलवंत चाहर  ने बताया कि उन्होंने सरकार की सहायता से खेत में पानी की डिग्गी बना ली है जिसमें पानी एकत्रित कर लिया जाता है। 


और जब जरूरत होती है तो उस पानी से ड्रिप सिस्टम द्वारा सिंचाई कर पौधों को खाद और पानी सीधा जड़ो में दिया जाता है जिससे एक तो पानी की बचत होती है और पौधों को जरूरत के हिसाब से पानी व  खाद इत्यादि मिल जाती है ।
 

बागवानी के लिए सरकारी योजनाओं का किया जाए सरलीकरण
किसान बलवंत ने बताया सरकार  द्वारा आधुनिक  खेती व बागवानी को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाए चलाई तो जा रही है परन्तु इनका लाभ लेने की कागजी कारवाई काफी जटिल है. इनका कहना है की इन योजनाओं का सरलीकरण किया जाए. ताकि किसानो जल्दी लाभ मिल सके. 



इनका कहना है  कि उसके गांव से  मण्डी  दूर पड़ती है। जिससे फलों को वहां ले जाकर बेचने में यातायात खर्च ज्यादा आता है। तथा बचत कम होती है। उसका कहना है कि अगर फलों व सब्ज़ियों की  बड़ी मण्डी  जिले में विकसित हो जाए तो यातायात खर्च कम होने से बचत ज्यादा हो जाएगी। तथा एक वैक्सिंग प्लांट लगाया जाए

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