व्यापार business की एक खासियत होती है कि हम जितना ज्यादा काम करते है, व्यापार में आय income उतनी ज्यादा बढ़ते जाती है परंतु नौकरी में इनकम सरकार के बढाने पर बढ़ती है। बढ़तीg आबादी के कारण देश में हर युवा को नौकरी मिलना असंभव है, इसलिए सरकार देश के युवाओं को स्वरोजगार देने के लिए economic आर्थिक तौर पर मदद कर रही है।
सरकार के द्वारा चलाई जा रही स्टार्ट अप योजना (Startup Yojana) के तहत सरकार युवाओ को अपना व्यापार शुरू करने के लिए उन्हें लोन दे रही है। इसी loan से एक युवा ने अपना खुद का 70 लाख का व्यापार बना लिया आइये जानते है कैसे बनाया अपना व्यापार।
आज हम एक ऐसे yuva की बात करेंगे, जो काफी प्रेरणा दायक है। उस व्यक्ति ने अपनी उच्च शिक्षा में मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की हुई है और पढ़ाई पूर्ण कर वो एक बड़ी सी कंपनी जिसका नाम एमसीए (MCA) है, उस कंपनी में अच्छे खासे पैकेज पर नौकरी कर रहे थे।इसके साथ ही उन्होंने गुरुग्राम शहर की कई सारी बड़ी-बड़ी कंपनियों में सॉफ्टवेयर डेवलपर (Software Engineer) के पद पर काम किया है। लेकिन वे अपनी नोकरी से खुश नहीं थे वे तो कुछ अलग ही करना चाहते थे।
इसी लिए उन्होंने नोकारी छोड़ दी।जब उनका मन अपनी नोकरी में नहीं लगा, तो उन्होंने नोकरी छोड़ दी और अपना ही एक स्टार्टअप किया। स्टार्टअप करने के लिए उस व्यक्ति ने सरकार के द्वारा चलाई जा रही स्किम के तहत लोन ली और अपना व्यापार प्रारम्भ किया। उनके इस कारोबार ने अभी तक 15 अन्य लोगो को रोजगार दिया है। उस व्यक्ति का नाम अश्विनी राठी है। जो अपने काम से जाने जाते है।
मिली जानकारी में पता चला की अश्विनी राठी (Ashwini Rathi) दयानंद विश्वविद्यालय के छात्र रह चुके है, उन्होंने वर्ष 2015 में कंप्यूटर साइंस से बीटेक कर डिग्री हासिल की है। इसके बाद वे कई बड़ी बड़ी कंपनियों में सॉफ्टवेयर डेवलपर के पद पर काम किया हुआ है।अश्विन राठी कहते है की जब आपके मन में कोई और काम करने की इच्छा होती है, तो आप जो काम कर रहे है उसमें मन नहीं लगता। कुछ ऐसा ही उनके साथ हो रहा था, वे अपनी नोकरी में मन नहीं लगा पा रहे थे।
कुछ समय पश्चात उन्होंने लगी लगाई नोकरी को ठुकरा दिया और मुख्यमंत्री स्वावलंबी योजना से 15 लाख का लोन (Loan) लेकर अपना व्यापार की शुरुआत की। आज वे इसी व्यापार के कारण 15 लोगों को रोजगार दे सके हैं और काफी अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं।अश्विनी राठी का काम छोटे-छोटे टुकड़ों से मोजेक मतलब टाइल (Tiles) बनाने का काम करते है। पहले पहल अश्विन ये काम स्वयं करते थे और अब उनके साथ 15 कर्मचारी उनके साथ काम करते है। वे अपने कर्मचारियों के साथ मिल कर छोटे-छोटे टुकड़ों की टाइल बनाते हैं।वे कहते है कि लोन के पैसे से उन्होंने कुछ मशीने खरीदी थी, जो उनके कारोबार में मददगार साबित हुई।
आज वे उस मशीनरी के कारण ही यह काम करने में सक्षम हुए है। अश्विन का कहना है कि सिलेट गड़सा टाइल उनका पुश्तैनी कारोबार है और वे अपने पुश्तैनी कारोबार को लेकर चल रहे है।वर्तमान समय में उनका कारोबार काफी अच्छा चल रहा है, वे इस काम को 15 से 20 कर्मचारियों के साथ कर रहे है और उनका कारोबार इतना बढ़ गया है कि वे साल भर में 70 लाख का टर्न ओवर (Ru 70 Lakh Turnover) करते है। वे काफी अच्छा मुनाफा कमा रहे है और अपने कर्मचारियों को अच्छा खासा वेतन दे रहे है।
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