चुनावी दहलीज पर खड़े हरियाणा के लिए केंद्रीय बजट मिला-जुला सा है। सीधे तौर पर प्रदेश के लिए कोई बड़ी घोषणा नहीं हुई, लेकिन केंद्रीय परियोजनाओं में हरियाणा को हजारों करोड़ रुपये का बजट आएगा। वर्ष 2014 के बाद हरियाणा में जींद, भिवानी, नारनौल और फरीदाबाद में स्थापित हुए चार मेडिकल कॉलेजों में चार नर्सिंग कॉलेज स्थापित होंगे। Chopta Plus
हरियाणा कृषि प्रधान प्रदेश है। केंद्रीय बजट में कृषि, डेयरी और मछली पालन पर खासा ध्यान रखा गया है। पहले की तरह ही सब्सिडी जारी रहेंगी और किसानों के लिए 20 लाख करोड़ रुपये का फंड रखा है। बागवानी को बढ़ावा देने के साथ साथ कृषि स्टार्टअप नई योजना शुरू की है। इससे प्रदेश में युवा कृषि से जुड़ सकेंगे। इसी प्रकार, हरियाणा ऑटोमोबाइल का हब माना जाता है। यहां पूरे देश में बनने वाले वाहनों में से 65 प्रतिशत का निर्माण हरियाणा में होता है। ऑटोमोबाइल सेक्टर को राहत दी गई है। इससे उत्पादन बढ़ेगा और हरियाणा को इसका सीधा सा लाभ मिलेगा।
हरियाणा को चार नर्सिंग कॉलेज, केंद्रीय योजनाओं से मिलेंगे हजारों करोड़ रुपये
एनसीआर के लिए विशेष अर्थिक पैकेज की मांग नहीं मानी गई, लेकिन ऑटोमोबाइल, एमएसएमई और कृषि को बढ़ावा देने के लिए प्राथमिकताएं रखी हैं। वहीं, बजट में मुख्यमंत्री मनोहर लाल की राज्यों को 50 वर्ष के ब्याज मुक्त ऋण के रूप में पूंजी निवेश योजना के लिए विशेष सहायता जारी रखने की मांग मानी गई है।
केंद्रीय बजट में
आयकर छूट सीमा सात लाख करने से हरियाणा के मध्यमवर्गीय करदाताओं को बड़ी राहत मिली
है। एक अनुमान के मुताबिक इस घोषणा से हरियाणा में करीब चार लाख लोग टैक्स के
दायरे से बाहर हो जाएंगे। आयकर विभाग के अधिकारियों के अनुसार, प्रदेश में इस समय 10 लाख से अधिक लोग इनकम टैक्स के दायरे में आते हैं।
नई स्लैब लागू
होने से प्रदेश में आयकर देने वालों की संख्या घटेगी और करीब चार लाख लोगों को
टैक्स नहीं भरना पड़ेगा। आयकर मामलों के वरिष्ठ अधिवक्ता संजय मदान ने कहा कि इस
फैसले का प्रदेश के मध्यवर्गीय लोगों को लाभ मिलेगा।
2025 तक हरियाणा को
मिलने है 35 हजार करोड़
केंद्र की
अलग-अलग योजनाओं में 2025 तक हरियाणा को 35 हजार करोड़ रुपये मिलने हैं। ऐसे में इस साल
हरियाणा के हिस्से करीब 12 हजार करोड़
रुपये केंद्र से आएंगे। कुल बजट में हरियाणा की हिस्सेदारी केंद्र सरकार ने 1.093 प्रतिशत तय की हुई है। पिछले सालों के मुकाबले
यह पहले से ज्यादा है। इससे पहले हरियाणा को केंद्रीय बजट का 1.08 प्रतिशत हिस्सा ही मिलता था। अगर टैक्स की
हिस्सेदारी को देखा जाए तो हरियाणा का लगभग आठ हजार करोड़ रुपये बनता है।
दस हो जाएंगे
नर्सिंग कालेज
इससे पहले
हरियाणा के मुख्यमंत्री भी प्रदेश में 194 करोड़ रुपये की लागत से छह नर्सिंग कालेज खोलने की घोषणा कर चुके हैं। इनमें
फरीदाबाद, रेवाड़ी, कैथल, कुरुक्षेत्र और पंचकूला जिले शामिल हैं। केंद्रीय बजट से हरियाणा को चार और नए
नर्सिंग कालेज मिलना बड़ी सौगात है। करनाल और सफीदों में एक एक नर्सिंग कालेज है,
जबकि प्रदेश में आठ नर्सिंग स्कूल चल रहे हैं।
चार नए नर्सिंग कालेज बनने से प्रदेश नर्सिंग का हब बनकर उभरेगा।
20 हजार और
परिवारों को छत मिलने का सपना होगा साकार
केंद्रीय बजट में
पीएम आवास योजना में 66 फीसदी बजट
बढ़ाया है। इसका सीधा सा लाभ हरियाणा को होगा। हाउसिंग फाॅर ऑल में हरियाणा सरकार
ने 2022-23 के लिए 20 हजार और घरों की मांग केंद्र को भेजी हुई है।
इन योजनाओं को सिरे चढ़ाने के लिए केंद्र सरकार से इस बार पर्याप्त बजट मिलेगा।
प्रदेश में 2,48,657 लोगों के लिए घर
बनाए जाने हैं।
इनमें से
पीएमएवाई-अर्बन के तहत 1,18,016 घरों के निर्माण
का लक्ष्य निर्धारित किया था। इनमें से 462 करोड़ रुपये से 12,238 घर बनाए जा चुके
हैं और 15,930 घर निर्माणाधीन
हैं। पीएम आवास (ग्रामीण) के तहत 21,699 घरों के लक्ष्य के विरुद्ध 20,922 घरों का निर्माण किया जा चुका है। 750 घर निर्माणाधीन हैं। बजट मिलने से इस परियोजना को गति मिलेगी।
दोबारा से चालू
होंगी एमएसएमई यूनिट
बजट में कोविड के समय से प्रभावित एमएसएमई को बड़ी राहत दी गई है। प्रदेश में लगभग 9.7 लाख एमएसएमई यूनिट हैं जो बढ़ती अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं। कोविड के चलते काफी संख्या में एमएसएमई यूनिट के लिए सिक्योरिटी तो जमा कराई गई, लेकिन यूनिट चालू नहीं हो पाई। अब 95 प्रतिशत सिक्योरिटी सरकार वापस करेगी। यह लघु व्यापारियों के लिए बड़ी राहत होगी, क्योंकि इसमें व्यापारियों की मोटी राशि फंसी हुई थी।
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