इन ऑफ डूइंग बिजनेस कार्यशाला का आयोजन, विभागों को दी सिंगल रूफ क्लिअरेंस पोर्टल की जानकारी

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इन ऑफ डूइंग बिजनेस कार्यशाला का आयोजन, विभागों को दी सिंगल रूफ क्लिअरेंस पोर्टल की जानकारी

 


सिरसा, 28 फरवरी। उद्योग एवं वाणिज्य विभाग हरियाणा के अपर निदेशक एसएन सिंह की अध्यक्षता में मंगलवार को  स्थानीय लघु सचिवालय के बैठक कक्ष में ईज ऑफ डूईंग बिजनेस कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में जिला की विभिन्न औद्योगिक संस्थाओं व अन्य उद्यमियों ने भाग लिया। वर्कशॉप में उद्योगिक इकाईयों के लिए सरकार द्वारा चलाई जा रही कल्याणकारी योजनाओं के बारे में विस्तार से बताया गया।




अपर निदेशक एसएन सिंह ने कहा कि किसी भी औद्योगिक इकाई को किसी भी योजना का लाभ के लिए व किसी भी विभाग से मंजूरी प्राप्त करने के लिए सरकार द्वारा सिंगल रूफ क्लिअरेन्स पोर्टल डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यूडॉटइनवेस्
टहरियाणाडॉटइन चलाया जा रहा है, जिसके तहत उद्यमी उक्त पोर्टल पर जा कर सुविधाएं प्राप्त कर सकते है। 


इसके अतिरिक्त किसी भी उद्यमी को अगर उक्त योजनाओं का लाभ लेने व मंजूरी प्राप्त करने में दिक्कत आ रही है तो वह उक्त पोर्टल पर जा कर शिकायत दर्ज करवा सकते है, जिसका तय समय सीमा में निपटान किया जाता है।




एचईपीसी पंचकूला से विशेषज्ञ दर्शन सिंह द्वारा इस कार्यशाला में विभिन्न सेवाओं के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी दी गई। कार्यशाला में जिला उद्योग केंद्र के उपनिदेशक ज्ञान चंद, हरियाणा व्यापारी कल्याण बोर्ड के जिलाध्यक्ष गंगा राम व उद्यमकर्ता राज कुमार रोहलीवाल, राज कुमार सोनी, कृष्ण मैहता, सीता राम गोयल सहित अन्य उद्यमिकर्ता व विभिन्न संबंधित विभागों अधिकारी भी कार्यशाला में उपस्थित हुए।




अतिरिक्त उपायुक्त डा. आनंद कुमार शर्मा ने कहा कि सरकार की ओर से उद्यमिता को बढावा देने के उद्ïेश्य से उद्यमी प्रोत्साहन नीति बनाई है। नीति के अनुरूप उद्यमियों को सहज व सरलता से उनको सरकार की योजनाओं का लाभ देना है, ताकि वे स्वयं के रोजगार को बढा सकें। विभाग पोर्टल पर आने वाले आवेदनों का निपटान निर्धारित अवधि में करें और समय-समय पर पोर्टल को अपडेट जरुर करें। अतिरिक्त उपायुक्त डा. आनंद कुमार शर्मा मंगलवार को स्थानीय लघु सचिवालय स्थित बैठक कक्ष में उद्यमी प्रोत्साहन नीति-2015 के प्रावधान के तहत गठित जिला स्तरीय क्लीयरेंस कमेटी व जिला स्तरीय ग्रीवेंस कमेटी की मासिक समीक्षा बैठक को संबोधित कर रहे थे। बैठक में उप निदेशक जिला उद्योग केंद्र ज्ञानचंद लांग्याण सहित संबंधित विभागों के जिला स्तरीय नोडल अधिकारी मौजूद थे। 



उन्होंने कहा कि उद्यमी प्रोत्साहन नीति के अंतर्गत औद्योगिक इकाइयों के विभिन्न कार्योंं को पूरा करने के लिए समय का निर्धारण किया गया है, इसलिए तय समय सीमा में ही सभी कार्य पूरे होने चाहिए। बिना उचित कारण के किसी भी कार्य में विलंब नहीं होना चाहिए और लंबित केसों को पॉलिसी प्रावधान के अंतर्गत तुरंत प्रभाव से निपटान करते हुए प्रगति रिपोर्ट पोर्टल पर अपलोड करना सुनिश्चित करें। इसके अलावा किसी भी आवेदन को अस्वीकृत करने का कारणों पर अपनी टिप्पणी स्पष्टï भाषा में जरूर लिखें। अतिरिक्त उपायुक्त ने कहा कि जिला स्तरीय क्लीयरेंस कमेटी के माध्यम से एक एकड़ तक के सीएलयू और दस करोड़ लागत तक के प्रोजेक्ट को अनुमति प्रदान करती है। बैठक में 73 आवेदनों पर विचार विमर्श किया गया, ये आवेदन हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, अर्बन लोकल बॉडी, श्रम विभाग, दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम, पीडब्ल्यूडी (बीएंडआर), नगर परिषद व जिला परिषद से संबंधित थे। इनमें से अधिकतर का निपटान मौके पर ही किया गया। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी लंबित केसों को पॉलिसी प्रावधान के अंतर्गत तुरंत प्रभाव निपटान करें तथा इनकी प्रगति रिपोर्ट पोर्टल पर अपटेड करना सुनिश्चित किया जाए। इसके लिए आवेदनों के निपटान के लिए अपनी स्पष्ट रिपोर्ट अंकित करें ताकि उनके निपटान में किसी प्रकार का विलंब न हो सके। 




जिला उद्योग केंद्र के उप निदेशक ज्ञानचंद लाग्यांण ने बताया कि कि इनवेस्ट हरियाणा पोर्टल के माध्यम से विभिन्न 26 विभागों की 118 प्रकार की सेवाएं प्रदान की जा रही है, जिसमें आवेदक वेबसाइट इन्वेस्ट हरियाणा डॉट इन पर लॉगइन करके अपना आवेदन कर सकता है। उन्होंने बताया कि हरियाणा एंटरप्राइज प्रमोशन एक्ट के प्रावधान के अनुसार उद्यमियों को सभी प्रकार के सुविधाएं एक ही छत के नीचे प्रदान करने के उद्देश्य से हरियाणा एंटरप्राइजेज प्रमोशन सेंटर का गठन किया गया है, जहां पर संबंधित विभाग द्वारा अपनी सेवाएं प्रदान की जा रही है और उद्यमियों को उनके प्रस्तावित प्रोजेक्ट बारे सभी प्रकार की क्लीयरेंस 30 दिन में दिए जाने का प्रावधान है।

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